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Ajita Bansal
New Year 2025 नया साल आया है, नई उम्मीदें लेकर, सपनों की दुनिया अब नये रंगों से सजे। हर दिन हो शुभ, हर रात हो रोशन, खुशियों से भरी हो ये नयी शुरुआत। पुरानी यादों को छोड़, चलें आगे हम, नई राहों पर, नए क़दम। सपने हों पूरे, दिलों में हो विश्वास, साल 2025 हो, सफलता से भरा खास। जो बीता, वह सीख है, जो आने वाला है, वो खुशियों का खजाना, जो हमें पाना है। समय की रेत पर लकीरें न छोड़ें, साथ चलें हम, बस यही है शेरों। नववर्ष की शुभकामनाएं, सबको मिले सुख-शांति, हर दिल में हो प्रेम, और जीवन में हो ध्वनि। साल 2025 हो, हम सब के लिए मंगलमय, नई उम्मीदें, नई शुरुआत, हो सभी के लिए सफलाय। ©Ajita Bansal #Newyear2025 poem of the day
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read moreMiryala Mahesh
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read morekomal borkar
चला मतदान करूया! चल दादा मतदान करु आपल्या हक्काचा माणुस निवडून देऊ तुझं-माझं भविष्य उज्वल करु लोकशाहीला बळकट बनवु! एका दारुच्या बाटलीसाठी आपली मत नको विकू, पंधराशे रुपये भेटले म्हणून आयुष्यभर गुलामीची बेळी गळ्यात नको टाकू! रात्रभर चिकन मटन खावुन पैश्याने खिसे भरून बेरोजगारीने पिळलेल्या मुलाचे भविष्य धोक्यात नको घालु! फक्त निवडणुकीपर्यंतच मानाच स्थान मिळालं म्हणुन लोकशाहीच्या विरुद्ध नको चालू! जाती -धर्माच्या नावाखाली हजारो आमिष दाखवतील तरी तु विकला जाऊ नको कितीही घोषणा देऊन फसवणूक करतील तरी तु आपला स्वाभिमान गहान ठेवु नको! ©komal borkar #मतदान करु, लोकशाहीला बळकट बनवु# motivational thoughts in marathi motivational thoughts in marathi motivational quotes in marathi
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read moreAjita Bansal
White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day
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