Find the Latest Status about ये कैसा कर्ज from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ये कैसा कर्ज.
vksrivastav
Unsplash चला है न जाने ये कैसा चलन मोहब्बत बची ना,बची बस जलन ©Vk srivastav चला है न जाने ये कैसा चलन #Life #SAD #Trending #viral #Shayari #vksrivastav
चला है न जाने ये कैसा चलन Life #SAD #Trending #viral Shayari #vksrivastav
read moreहिमांशु Kulshreshtha
Unsplash ये इश्क है जिस की न कोई हद है न मंज़िल,न मरहला कोई ऐसी जन्नत की राह मुझे भी दिखा ही गया कोई ©हिमांशु Kulshreshtha ये इश्क
ये इश्क
read morePraveen Jain "पल्लव"
Unsplash पल्लव की डायरी जड़ो से काटकर शिक्षा कैसा ज्ञानी बना रही है उधेड़ रही परिवार समाज की बुनियाद आज रिश्तों की बाँट लगा रही है बढ़ रहे है चरित्रों में दोष वासनाओ में युवा डूबकी लगा रहे है लज्जा हया शर्म सब ताक पर है उच्च शिक्षा पाकर भी निखार उनके जीवन मे नही आ रहा है डिग्रियों के नाम पर भारत का स्वरूप बिगाड़ा जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #leafbook जड़ो से काटकर शिक्षा, कैसा ज्ञानी बना रही है
#leafbook जड़ो से काटकर शिक्षा, कैसा ज्ञानी बना रही है
read moreधाकड़ है हरियाणा
Ganesh Din Pal
White हम भी पागल तुम भी पागल हम सब भी पागल पैसों के लिए पागल खुशी के लिए पागल इज्जत के लिए पागल किसी के लिए पागल संसार रूपी मंच पर मंचन के लिए पागल और अंत में इसी पागलपन को पूरा करने के लिए हम पागल होकर मर जाते हैं। ©Ganesh Din Pal #यह कैसा पागलपन?
#यह कैसा पागलपन?
read moreGanesh Din Pal
White हम भी पागल तुम भी पागल हम सब भी पागल पैसों के लिए पागल खुशी के लिए पागल इज्जत के लिए पागल किसी के लिए पागल संसार रूपी मंच पर मंचन के लिए पागल और अंत में इसी पागलपन को पूरा करने के लिए हम पागल होकर मर जाते हैं। ©Ganesh Din Pal #यह कैसा पागलपन?
#यह कैसा पागलपन?
read moreANURAG
White आखिर ये कैसा नवंबर आया मानों लौट सितंबर आया पिघल के सूरज ज़मी पर आया ज़मी पर आकर, हमें सताया 2024 से पहले कभी भी मैंने सूरज को ऐसा ना पाया आग बरसता है, असमा से मुझको ये बिल्कुल न भाया ये जाने कैसा नवंबर आया इसने तो रह-रह झुलसाया जब जून नहीं है, नवंबर है ये तो गर्म-गर्म क्यों नभ है ये ? गोल-गोल है पंखा घूमे मच्छर भी रह-रह कर चूमे बिजली रहे तो पंखा दौड़े पर फिर भी मच्छर पीछा न छोड़ें डेंगू का वो डंक मार कर उड़ जाते हैं पंख तानकर छुपे हैं टोपी, जर्सी, स्वेटर बक्शे में जाने किधर गयी वो ठंडी ये तो सुबह-शाम दिसंबर लागे, पर दोपहर ये, मई_जून सी पझाड़े गर्मी से बच पाने को जन आखिर यहां-वहां हैं भागें ऐसी लीला कभी न देखी ताऊ कहे कार्तिक माह में तो गर्मी ना छेली पर जाने कैसा नवंबर आया इसने तो जन-जन पिघलाया।। ।।आखिर ये कैसा नवंबर आया मानों लौट सितंबर आया।। ©ANURAG आखिर ये कैसा मौसम आया..... #GoodMorning 2 line love shayari in english Aaj Ka Panchang Sushant Singh Rajput sad shayari english translation
आखिर ये कैसा मौसम आया..... #GoodMorning 2 line love shayari in english Aaj Ka Panchang Sushant Singh Rajput sad shayari english translation
read more