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Abhishek jha
*आज़ादी* मुझे वो पंछी नहीं बनना जिसे अपनी आज़ादी के बदले मिले पिंजरे में परोसा हुआ दाना सीखा है मैंने गिरना संभलना फिर उठना, उस पिंजरे में क्या जीना जिसमें रोज का हो वही दाना मैं तहरा कम्बख्त आजादी का दीवाना, शौक मेरा खुले आसमान में उड़ना, जब तक "पर" है मैं यहाँ वहाँ उड़ता रहूँगा जिस दिन "पर" नहीं उस दिन मैं हीं नहीं रहूँगा - ऐसा हो भी हो सकता है लेकिन ऐसा होने नहीं दूंगा "पर" नहीं रहा तो क्या फिर भी कोसिस करूँगा, उड़ नहीं सका तो क्या फिर भी चलूँगा लेकिन पिंजरे मे नहीं रहूँगा. श्री राधे राधे😊🙏 *(पिंजरा = मन के बहकावे में छोटी सोच)* ©Abhishek jha #Freedom #पंछी #मन #बहकावे #मैं #हम #Nojoto #WForWriters #Quotes #Trending मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस
Lotus Mali
White "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो कभी उस टहन्नी पर घुमा शाम तो शाम ढल गई कबकी मगर इंतजार अभितक ख़त्म नहीं हुवा।" -LotusMali https://lotusshayari.blogspot.com/ ©Lotus Mali #sad_quotes "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो
#sad_quotes "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो
read moreazad satyam
खलने लगी है मौजूदगी तेरी, ऐ पंछी दिवाने से, बैठा करता है तू जहां, वो शाखें काटी जाने लगी...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa ©azad satyam खलने लगी है मौजूदगी तेरी, ऐ पंछी दिवाने से, बैठा करता है तू जहां, वो शाखें काटी जाने लगी...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa hear
खलने लगी है मौजूदगी तेरी, ऐ पंछी दिवाने से, बैठा करता है तू जहां, वो शाखें काटी जाने लगी...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa hear
read moreazad satyam
सर्द फिज़ाओं में घुली तेरी खुशबू, सांसों को महका रही है, अपने आगोश में समेट लेने को, दिवाने पंछी को बहका रही है...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa ©azad satyam सर्द फिज़ाओं में घुली तेरी खुशबू, सांसों को महका रही है, अपने आगोश में समेट लेने को, दिवाने पंछी को बहका रही है...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek
सर्द फिज़ाओं में घुली तेरी खुशबू, सांसों को महका रही है, अपने आगोश में समेट लेने को, दिवाने पंछी को बहका रही है...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 ek
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
हमारी स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक मन बाॅंवरा विधा मन के विचार भाव वास्तविक अस्तु नभो यत्र तरुस्य हृदयपक्षिणः निवसन्
read moreJitender Kumar
#haadse शोर यूँ ही न परिंदों ने मचाया होगा कोई जंगल की तरफ़ शहर से आया होगा पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था जिस्म जल जाएँगे जब सर प
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