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Stories related to अपने आप पर यकीन रखो

Parasram Arora

यकीन

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White प्रेम ज़ब भी 
तुम्हे  पुकारे 
उस पर यकीन करो  और 
उसके पीछे चल पढ़ो 
लेकिन ेएक बात 
का ध्यान रझना  होगा 
कि वो प्रेम 
प्हमारी संमझ को  कभी भी 
चकना चूर कर सकता हैँ  
वैसे ही जैसे  बर्फ़ीली हवा 
हरे भरे उद्यान को उजाड़  देती हैँ

©Parasram Arora  यकीन

विष्णु कांत

यकीन

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Hari

अपने होठों पर सजाना चाहता हूं

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Shubham Bhardwaj

White कल जैसा भी हो,आज से हसीन नही होगा।
जिंदगी गुजर जाने के बाद ही शायद यकीन होगा।।

©Shubham Bhardwaj #love_shayari #कल #आज #यकीन

Baljeet Singh

अपने आप को बदलो अपने आप को पहचानो

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RAMLALIT NIRALA

पैसा कमाने के बहुत तरीके है पर आप पर निर्भर करता है कि आप पैसा कैसे कमाना चाहते हैं

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RAMLALIT NIRALA

सोच को बदलो राते अपने आप बदल जायेगे

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नवनीत ठाकुर

जीत की तैयारी रखो

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महफिल में बैठो फक्त,
दोस्त के भेष में रकीब की भी जानकारी रखो।
मंजिल की तैयारी अधूरी न हो कभी,
हार को जीत में बदलने की कलाकारी रखो।
हुनर हो हाथों में न कोई,
खालिस कुछ कर गुजरने की खुमारी रखो।
बात करना किसीसे छोड़ें नहीं,
जो अल्फ़ाज़ असर छोड़ जाए, वो समझदारी रखो।
लफ्ज़ निकले तो वो शेर सा चमके,
शायरी में अपने दिल की अदाकारी रखो।
शायरी हो या हो कोई फिक्र-ओ-जुनून,
उसमें अपनी असल अदाकारी रखो।
कभी न भूलो अपनी राहों का इरादा,
मंजिल जो भी हो नज़र शिकारी रखो।
सपनों में रंग हो या हकीकत में कोई वीरानी,
अपने हौसलों में जीत की सवारी रखो।
जो भी करना है, वो पक्की उम्मीद की खुद्दारी रखो।

©नवनीत ठाकुर जीत की तैयारी रखो

नवनीत ठाकुर

#मुहब्बत अपनी जारी रखो

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जिन्दगी के उतार-चढ़ाव में नीयत कहीं डोल न जाए,
बावजूद इसके कीमत अपनी भारी रखो।
जमाने भर की नफ़रतों के बावजूद,
मोहब्बत यूं ही जारी रखो।

तुमसे बढ़कर कोई नहीं है इस जहाँ में,
इसलिए खुद को सबसे खास जारी रखो।

अच्छाई के रास्ते पर चलते रहो हर दम,
हर उलझन के बावजूद नेकियां जारी रखो।

रुख हवा का हो या दुनिया बदल जाए,
अपने दिल की आवाज़ भारी रखो।
सफेद कपड़ों पर दाग लग न जाए,
तबियत अपनी साफ रखो।

दब जाना नहीं ऊंची आवाज़ के तले,
अलग अपनी एक पहचान रखो।

आ जाएं किसी के भी काम,
राहत हमेशा सरकारी रखो।

बुरा वक्त आए न किसी का,
हाथ बढ़ाने में सरदारी रखो।
दूसरों के दुःख-सुख में भागीदार बनो,
अपने दिल में इंसानियत की सवारी रखो।

©नवनीत ठाकुर #मुहब्बत अपनी जारी रखो

Nurul Shabd

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