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🌸🌸🌸🌸🌸 *जीवन की परीक्षा में,* *कोई अंक नहीं मिलते हैं पर,* *लोग आपको हृदय से स्मरण करें तो,* *समझ लेना आप उतीर्ण हो गये... साध्वी ललिता जी वैष्णव
सोमराज मेघपूत
उम्मीदों की धुंध... ताउम्र ..... ©सोमराज मेघपूत ललिता - मंजरी....मोहित ....जिंदगी चंद्रवीर गर्ग आबदार
Birendra k Mishra
omparkash joshi
किसी ने मुझसे पूछा मजे में हो मैंने कहा आनंद में हूं तो उन्होंने कहा कि दोनों में फर्क क्या है तो उनको बताना पड़ा कि मजे के लिए पैसा चाहिए और आनंद के लिए प्रभु कि कृपा चाहिए ©omparkash joshi श्रीराम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे सहस्त्रनाम ततुल्यं रामनाम वरानने 🌹🌹💐📿🚩🚩🚩🌹🪴 #NojotoRamleela
Anjani Upadhyay
Ashish Singh
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने।। राम- नाम ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ के समान हैं। The name of Lord Ram is
lalitha sai
Listening... किसी भी व्यक्ति को या किसी भी परिस्थिति को समझने के लिए पहले उसके बात को सुनना जरुरी है क्योँकि सुनने के बाद ही decision लेना easy होता है..
||स्वयं लेखन||
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे । सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ॥ (शिव पार्वती से बोले –) हे सुमुखी ! राम- नाम ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ के समान हैं | मैं सदा राम का स्तवन करता हूँ और राम-नाम में ही रमण करता हूँ | 🙏💐 जय श्री राम💐🙏 राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे । सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ॥ (शिव पार्वती से बोले –) हे सुमुखी ! राम- नाम ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ क
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 रिटायर हुए उन्हें अभी अधिक समय नहीं हुआ था । 65 बरस के बाबूजी रिटायर्ड शिक्षक थे । उनकी बातचीत व आवाज़ में अलग ही रौब दिखता था..., धर्म पत्नी तो आठ साल पहले गुजर गयीं थीं। परिवार में तीन बेटे बहुएं व कुल सात पोते पोती थे। संयुक्त परिवार था । बाबूजी घर के मुखिया थे , सब उनका कहा मानतें थे..., बाबूजी अपने पास एक बड़ी सी गुल्लक रखा करते थे । सभी को सख्त हिदायत थी कि अपनीं बचत के पैसे गुल्लक में अवश्य डाला करें ..., जब गुल्लक पूरी तरह से भर जाती तो उसे तोड़कर बाबूजी सबसे जरूरतें पूछते , आकलन कर तय करते कि राशि किसे देनी है। बाबूजी के निर्णय पर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं लगाता . अगली बार फिर नई गुल्लक रख दी जाती..., इस बार जब गुल्लक तोड़ी गयी तो सबने अपनीं जरूरतें बढ़ा चढ़ा कर गिनाईं ! तभी बाबूजी की नज़र कामवाली ललिता पर पड़ी जो बड़ी उम्मीद भरी नजरों से पैसों को एकटक देख रही थी..., बाबूजी ने पूछा, ललिता तेरी क्या जरूरत है , चल तू बता ? घर के लोग आश्चर्य से बाबूजी ओर देखने लगे। ये तो उनकी कमाई का हिस्सा है कामवाली से क्यों पूछा जा रहा है ? "बोल ललिता " ! जब दोबारा जोर से बाबू जी ने कहा तो ललिता बड़े ही बुझे स्वर में बोली , "बाबूजी मेरी तो कोई जरूरत ना है ", पर बिटिया पूजा के स्कूल में ऑन लाइन पढ़ाई हो रही है । मेरे पास ऐसा मोबाइल नहीं , जिसमें वो पढ़ सके। सुनते ही बाबू जी बोले स्मार्ट फोन चाहिए ? इधर आ बबलू , अपने छोटे बेटे से बाबूजी बोले । इन पैसों से स्मार्ट फोन लेते आना । सुनकर ललिता की आँख डबडबा गईं ! झट बाबूजी के चरणों पर मत्था टेक दिया। एक बच्ची पढ़ लिख जाए , इससे अच्छा और क्या हो सकता है ? आजकल की मतलबी दुनियां में किसी के लिए दो पैसा खर्च करना भारी लगता है इसलिए बच्चों मैं इस दुनियाँ में रहूँ या ना रहूँ , तुम अपनीं आय के एक छोटे हिस्से से "सहयोग व साझेदारी" की एक गुल्लक जरूर बनाये रखना। इससे बचत की प्रवृत्ति तो बनेगी ही , किसी एक के ऊपर कोई भार भी नहीं आएगा....! यदि परपीड़ा महसूस कर , उसका सदुपयोग करोगे तो अलग से धर्म कर्म की आवश्यकता भी ना होगी..., इस बूढ़े पिता की यह बात यदि अपनें "मन की गुल्लक" में सदा के लिए संचित कर लो तो मेरा जीवन सफल हो जाये....! सुनकर सब एक स्वर में बोल पड़े , जी बाबूजी ! इस घर में प्यार व सम्मान की गुल्लक हमेशां बनी रहेगी..., आज के युवा भविष्य की वित्तीय जरूरतों के प्रति सचेत और गंभीर नहीं हैं। वे इसके महत्व को नहीं जानते। बढ़ती उम्र में जब आय के साधन सीमित हो जाते हैं या कहें खत्म हो जाते हैं, तो न्यूनतम जरूरतों को पूरा करने और जीवन शैली को बनाये रखने के लिए बढ़ते खर्च को पूरा करना मुश्किल होता है इसलिए यह जरूरी है कि हम आप अपने बच्चों को शुरू से ही बचत और निवेश करना सीखाएं..., भारतीय परिवार में छोटी बचत का रिवाज बहुत पुराना है। लगभग हर घर में मिट्टी के गुल्लक होते थे और बच्चे उनमें पैसे जमा करते थे। यह चलन अब बहुत कम ही देखने को मिलता है। नयी पीढ़ी, जिसे मिलेनियम भी कहा जाता है, बचत और अपनी आर्थिक जिम्मेवारियों के प्रति लापरवाह दिखती है। यह भविष्य के लिए ज्यादा चिंतित नहीं रहती और आज में ही जीवन व्यतीत करने में विश्वास करती है अगर आनेवाली पीढ़ी के भविष्य को सुखमय बनाना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि बच्चों में बचत करने की प्रवृत्ति को विकसित करना होगा, ताकि निवेश करने के तरीके को वे समझें...! अपनी दुआओं में हमें याद रखें बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" "सर्वधर्म समाधान" ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 रिटायर हुए उन्हें अभी अधिक समय नहीं हुआ था । 65 बरस के बाबूजी रि