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Shahab
आधुनिक इश्क में मैं बस इतना पुराना हूं , जिस्मों वाली मोहब्बत के दौर में बिंदी , काजल और उसके पायल का दीवाना हूं... ©Shahab #आधुनिक
Parasram Arora
Expression Depression आधुनिक दुशासन आज भी दोहरा रहा हैँ अपनी वीभत्स पौराणिक आदत को और भंग हो रही हैँ 'द्रोपदी ' की तथाकथित आस्था और मर्यादा और पहुंचा नहीं. पाती अपनी करुण पुकार कृष्ण के कानो तक उधर अंधे धृष्टराष्ट्र का अंधापन पूरे राष्ट्र पर हैँ पसरा हुआ और कौरवो पांडवो का जमावाड़ा मूक दर्शक हैँ बना हुआ जो रोक नहीं पाता इस पाश्विक व्यभिचार को ये न चुकने वाली पुरातन . व्रति कदाचित दे जाएगी किसी नई त्रासदी के नर्क को l आधुनिक दुशासन
Shefali Sharma
भारत उस देश का नाम जहाँ नारे एनकेता मे एकता के लगाऐ जाते हे पर डिमक की तरहा देश के नेता मजहब और धर्म मे देश को बाटते है जहाँ मदिर मे लगी मुति् को पूजा जाता है पर घर कि देवी को बेचा जाता है तीन साल की बची को अकेले देख नोचा जाता है हा ये और बात है कि उसके बाद पुरे देश मे नारीवाद के नारे बहुत लगाऐ जाते है आधुनिक भारत उस देश को बोला जाता है जहाँ गीता और कुरान जेसी किताबो से धर्म के नाम पे खेला जाता है भारत उस देश का नाम है जहा बूढ़े मां बाप को एक दूसरे के घरों मे फका जाता है हा ये बात और है कि मदर्स डे पर सलफि मे लगाव दिखाया बहुत जाता है सस्कृतियों मे रगं के साथ खेली जाने वाली होली खून से बखूबी खेली जाती है आधुनिक भारत
Hemendra Mahoviya
ना सिमटेगी ये मोहब्बत जो बिखर जाएगी ज़िन्दगी कोई ज़ुल्फ नहीं जो खुल के संवर जाएगी थाम लो हाथ उसका....जो भी प्यार करे तुमसे ये ज़िन्दगी तुमको फिर ना मिलेगी जो गुज़र जाएगी अति आधुनिक
Raushan Shyam Nirala
🙏आधुनिक चुटकुला🙏 मुझे अब पता चला कि मर्द अपने पत्नी से क्यों डरते हैं क्योंकि पत्नी के लवर उसे कुंवारी मे आइटम कहकर आइटम बम बना देते हैं। बस मर्द इतना ही बात जानकार डरते हैं कि कहीं वो बम बलास्ट ना कर जाय। 😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆 ✍✍रौशन रात सूरज ✍✍ आधुनिक चुटकुला
Rudra Shrivastav
आधी ढंकी ने आधी उघाड़ी। इसी को कहते आधुनिक नारी।। संस्कारों को अपने भूलती जाती। दारू पी के झूमती गाती।। आत्मसम्मान को ताक़ पर रखकर, आगे बढ़ती है नीचा दिखाकर। महफूज़ समझते बच्चे खुद को; पाकर माँ का आँचल। मगर अब क्या होगा बच्चों का; जब माँ को ही बंधन लगता अपना आँचल।। खुद को समझती सब पर भारी। फिर स्वार्थवश बनती खुद ही बेचारी।। समझ नही आता हम कहाँ जा रहे हैं। अच्छे कपड़े 500 तो फटे हुए 5000 में ला रहे हैं।। पहला गुरु होती है माँ; ऐसा कभी कहा जाता था। धरती को भी इसीलिए; धरती माँ कहा जाता था।। जब प्रथम गुरु ही संस्कारों को; अपना पिछवाड़ा दिखा रही। फिर खुद फेसबुक पर कमेंट करती; हमारी पीढ़ी कहाँ जा रही।। वो जो कह दे मान लो उसी को सत्य। अगर नही, तो सोच लो अपनी गत्य।। भूल न करो उसे समझने की बेचारी। क्योकि आधुनिक नारी सबपे भारी।। #आधुनिक #नारी
D raj
जो आमदनी ओर खर्च का अनुपात जनता है वही आधुनिक है .... ©D Raj आधुनिक #2021Wishes
Dr Sudhanshu Dubey
"आधुनिक नारी" मैं, हम बनूंगी हमसफ़र के साथ जीवन राह पर, मीरा नहीं, सीता नहीं मैं आधुनिक किरदार पर। प्रेम ना करती हूँ, मैं तो प्यार करती हूँ, दिल से कम, दीमाग से मैं यार करती हूँ। यार मेरा देवता ना देवि मैं ही हूँ, अदना हैं वे प्यारे मेरे मैं आम सी ही हूँ। लड़ती हूँ मैं उनसे कभी वे मुझसे लड़ते हैं, रस्साकशी के बीच एक-दूजे पे मरते हैं। चाहती हूँ मैं, कि वे भी हमें निज आय दें, ज्यों ही पहुँचती गेह मैं वे भी तो मुझको चाय दें। परिधान पर मेरे कहीं कोई ना कसता तंज हो, आवागमन पर ना मेरे कोई कहीं प्रतिबंध हो। दायित्व को मैं ही निभाऊँ त्याग मैं ही क्यों करूँ? चाहती हूँ बोझ थोड़ा वे सहें, कुछ मैं सहूँ। कर्तव्य का सब पाठ क्यों मैं ही पढ़ूँ? अधिकार के तेजस तले क्यों ना लड़ूँ? चाहती हूँ मैं नहीं पूजा मेरी देवी सी हो, चाहती सम्मान, समता नर सदृश नारी की हो। डा0 सुधांशु कुमार ©Dr Sudhanshu Dubey आधुनिक नारी