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Anuradha T Gautam 6280
विदाई से ही खत्म हो जाता है रिश्ता औरतों का..🖊️ फिर उसके बाद आंखो के आंसू पहचानने वाला कोई नहीं होता..🖊️ रोता है दिल जब भी औरतों का ससुरा #शायरी #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️ #यही_सच्ची_दास्तां_है_औरत_की
read moreपंच_भाषी_लेखिका_तरुणा_शर्मा_तरु
हमारी वास्तविक आवाज स्वलिखित वार्तालाप शीर्षक 👉अहो शृणु तरु विधा 👉वार्तालाप आत्मनः सह (duet self) हिन्दी अनुवाद ओय सुन तरु😊 #Life #Trending #indianwriter #संस्कृत #femalerealvoice #कवितावाचक #tarukikalam25
read moreS LOVE
White मेरे प्यार की सच्चाई और गहराई को अगर तू जानकर भी अंजान बन रही है तो , समझ जाना तुझे झूठे लोग और झूठे प्यार की लत लग चुकी है,, वरना कोई इतना भी नादान और न समझ कैसे हो सकता है की सच को जानते हुए भी ignore कर दे। ©SHANTANU NAAG लोगों से लगाव उतना ही रखो जितना सह सको
लोगों से लगाव उतना ही रखो जितना सह सको #SAD
read moreMohan raj
विश्वास रखें कि भगवान हमेशा आपके साथ हैं, आप हमेशा पूरे आत्मविश्वास के साथ सच्चाई की राह पर चल सकते। ईश्वरः सर्वदा भवता सह अस्ति इति विश्वासं कुरुत, भवन्तः सर्वदा पूर्णविश्वासेन सत्यस्य मार्गे गन्तुं शक्नुवन्ति। Have faith that God is always with you, you can always walk on the path of truth with full confidence. Dhnyvaad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life lessons Shiv Bhakti ईश्वरः सर्वदा भवता सह अस्ति इति विश्वासं कुरुत, भवन्तः सर्वदा पूर्णविश्वासेन सत्यस्य मार्गे गन्तुं शक्नुवन्ति।
Life lessons Shiv Bhakti ईश्वरः सर्वदा भवता सह अस्ति इति विश्वासं कुरुत, भवन्तः सर्वदा पूर्णविश्वासेन सत्यस्य मार्गे गन्तुं शक्नुवन्ति।
read moreAnuradha T Gautam 6280
इंसान को हमेशा लगता रहा है कि वह अपने प्रेम से किसी को भी बदल सकता है किसी के बार-बार घाव देने के बावजूद सामने वाले के एक बुलावे पर दौड़ ज #विचार #इतिहास #बनावटी #अनु_अंजुरी🙆🏻♀️🤦🏻 #आंतरिक_शक्ति
read moreAnkur tiwari
तुमको लाया हूं ब्याह कर मैं ना मोल में तुझे खरीदा हैं तुम हो लक्ष्मी मेरे आंगन की तुमसे ही घर की मर्यादा हैं तो बात गांठ यह बांध लो तुम सबको संग लेकर चलना हैं थोड़ा सा मैं ढल जाऊंगा थोड़ा तुमको भी ढलना हैं हर बात पर गुस्सा मत करना ना पहुंचाना तुम ठेस प्रिये अक्सर मत कंपेयर करना मेरा घर और परिवेश प्रियें मेरे घर को दोष तुम मत देना चाहें कोई भी कमी रहे थोड़ी बातों को भी सह लेना गर कोई रुड़ली बिहैब करे माना नाजों से पली हो तुम पर बिटिया थी उनकी बहु नही तो वैसा ही सब यहां रहे यह सोच तुम्हारी सही नही बिटिया एक घर की मर्यादा हैं पर बहु से घर मान बढ़े जिम्मेदारी बढ़ जाती हैं जब पिता उसका कन्यादान करें तो उन बढ़ती जिम्मेदारियों का मान तुम्हें रखना होगा मायके और ससुराल का सम्मान तुम्हें रखना होगा मैं वादा करता हूं तुमसे तेरा दामन सारी खुशियां भर दूंगा गर दे दो जो तुम साथ मेरा हर मंजिल फतह मैं कर लूंगा एक बात हमारी तुम सुन लो सौ बात तुम्हारी सुन लूंगा तुम हिम्मत से बस धीर धरो हर सपना पूरा कर दूंगा मैं यकीं दिलाता हूं तुमको कभी बिगड़ेगा ये माहौल नही परिवार के संग जो पल गुजरते है उनका कोई मोल नहीं ©Ankur tiwari तुमको लाया हूं ब्याह कर मैं ना मोल में तुझे खरीदा हैं तुम हो लक्ष्मी मेरे आंगन तुमसे ही घर की मर्यादा हैं तो बात गांठ यह बांध लो तुम सबको
तुमको लाया हूं ब्याह कर मैं ना मोल में तुझे खरीदा हैं तुम हो लक्ष्मी मेरे आंगन तुमसे ही घर की मर्यादा हैं तो बात गांठ यह बांध लो तुम सबको #Poetry
read moreहिंदुस्तानी
White मुझे इसलिए बनाया उस भगवान ने, क्योंकि वो देखना चाहते थे, इंसान किस हद तक दर्द सह सकता है…! ©सत्यमेव जयते किस हद तक दर्द सह सकता है…!
किस हद तक दर्द सह सकता है…! #Quotes
read moreRavindra Singh
माँ दुर्गा माँ तूने राह दिखाई है , तू ही मंज़िल तक पहुँचाना । मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है , तू मेरी नैया पार लगाना । हो भूल तो अपने हाथों से दंडित करना मुझे , न करना ख़ुद से दूर कभी, क़सम है मेरी तुझे । हर चीज़ सह सकता हूँ , पर तेरा रूठना नहीं । मेरे लिये तू कोई मूर्ति नहीं , मेरी जीती जागती माँ है । तू सुनती है मेरी हर बात , तू मेरा सारा ज़हान है । तेरे दरबार में बातें करते हुए तुझ से , जैसे मैं सुकून के समंदर में चला जाता हूँ । तू भी नहीं ऊबती मेरी बातों से , तो मैं भी घंटों तुझसे बातें बतलाता हूँ । तू बेशक मुख से नहीं देती उत्तर , हर प्रश्न का उत्तर तेरे अहसास से मैंने जाना । माँ तूने राह दिखाई है , तू ही मंज़िल तक पहुँचाना । मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है , तू मेरी नैया पार लगाना । ©Ravindra Singh #navratri माँ दुर्गा माँ तूने राह दिखाई है , तू ही मंज़िल तक पहुँचाना । मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है , तू मेरी नैया पार लगाना ।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल:- ज़िन्दगी की मुश्किलें वे ज़िन्दगी में रह गई । मौत आकर देख लो सबसे यही तो कह गई ।। प्रेम करना है अगर तो राम का बस नाम लो । इस जहाँ की प्रीति तो अब आसुओं में बह गई ।। कल तलक जो थी मदद अब तो वही व्यापार है । स्वार्थ के इस दौर में वो भी दीवारें ढह गई ।। देखता हूँ मैं यहाँ बूढ़े कभी माँ बाप जो । मान लेता देवियाँ औलाद का दुख सह गई ।। दिख रहे थे सब मुझे दुर्बल इसी संसार में । एक ये दुर्लभ प्रखर था देख लो वो पह गई ।। ३०/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल:- ज़िन्दगी की मुश्किलें वे ज़िन्दगी में रह गई । मौत आकर देख लो सबसे यही तो कह गई ।। प्रेम करना है अगर तो राम का बस नाम लो । इस जहाँ की प
ग़ज़ल:- ज़िन्दगी की मुश्किलें वे ज़िन्दगी में रह गई । मौत आकर देख लो सबसे यही तो कह गई ।। प्रेम करना है अगर तो राम का बस नाम लो । इस जहाँ की प #शायरी
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