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Abdhesh prajapati
White मुझे फुर्सत कहां की मौसम सुहाना देखू अपने हालात से लड़ूं की जमाना देखूं..? ©Abdhesh prajapati फुर्सत कहां है
फुर्सत कहां है
read moregaTTubaba
White कहां से लाते हो इतनी सादगी तुम तुम्हें ही जीत गए तुमसे ही हार गए ©gaTTubaba #Thinking कहां से लाते हो इतनी सादगी तुम तुम्हें ही जीत गए तुमसे ही हार गए
#Thinking कहां से लाते हो इतनी सादगी तुम तुम्हें ही जीत गए तुमसे ही हार गए
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White हमको कहां आता हैं तुमसे बिछड़ना दूर भी तुझसे हूं पास भी तेरे हूं ©gaTTubaba #love_shayari हमको कहां आता हैं तुमसे बिछड़ना दूर भी तुझसे हूं पास भी तेरे हूं
#love_shayari हमको कहां आता हैं तुमसे बिछड़ना दूर भी तुझसे हूं पास भी तेरे हूं
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White नींद कहां,खोलो जुबां और हाफी ! हों रतजगे,दिन में जम्हाई, किसी भी पल उंघाई काफी । ©BANDHETIYA OFFICIAL #GoodNight #नींद कहां?
#GoodNight #नींद कहां?
read moreHimanshu Prajapati
White साथ घूमे साथ खाया, वह रूठीं मैं मनाया, साथ जीने मरने का वादा किया, जब मरने की बारी आयी, वह धीरे से मुस्कुराई, और कहां तुम कौन हो भाई..?💔 ©Himanshu Prajapati #sad_quotes साथ घूमे साथ खाया, वह रूठीं मैं मनाया, साथ जीने मरने का वादा किया, जब मरने की बारी आयी, वह धीरे से मुस्कुराई, और कहां तुम कौन
#sad_quotes साथ घूमे साथ खाया, वह रूठीं मैं मनाया, साथ जीने मरने का वादा किया, जब मरने की बारी आयी, वह धीरे से मुस्कुराई, और कहां तुम कौन
read moreHimanshu Prajapati
अब चेहरे पर मुस्कान कहां दिखते हैं, अब वो खेल वालें खिलौने कहां बिकते हैं, शौक-ए-आजाद जिन्दगी ने सब खत्म कर दिया अब पुराने गीत और पुराने मीत कहां मिलते हैं..! ©Himanshu Prajapati #nightshayari अब चेहरे पर मुस्कान कहां दिखते हैं, अब वो खेल वालें खिलौने कहां बिकते हैं, शौक-ए-आजाद जिन्दगी ने सब खत्म कर दिया अब पुराने गीत
#nightshayari अब चेहरे पर मुस्कान कहां दिखते हैं, अब वो खेल वालें खिलौने कहां बिकते हैं, शौक-ए-आजाद जिन्दगी ने सब खत्म कर दिया अब पुराने गीत
read moreParasram Arora
Unsplash अहंकार के उपवन मे सिवाय बिहड़ के कुछ भी नहीं मिलेगा लेकिन निरअहंकारिता के मंदिर से गुज़रे तों वहा बहूत कुछ मिलेगा ©Parasram Arora बहुत कुछ मिलेगा
बहुत कुछ मिलेगा
read moreAnjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
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