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महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूह
vjcgigfifififjfjfjgjgjfjgjgigkgkgkgkgkgkg ©महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूह आंतरराष्ट्रीय सर्व मराठी भाषिक साहित्यिकांचे ‘ महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूहात ’ सहर्ष स्वागत आहे . ‘ महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूह ’ या
महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूह
Blue Moon nsjsjsjsjsjsjsnsnsnsjsjsjnsjsjsnsnsn ©महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूह आंतरराष्ट्रीय सर्व मराठी भाषिक साहित्यिकांचे ‘ महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूहात ’ सहर्ष स्वागत आहे . ‘ महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूह ’ या
Rabindra Kumar Ram
*** गजल *** *** तेरी नज़र *** " छुप-छुपा के देखती हैं ओ नज़र, की अब कौन सा सलाह मसवारा करे हम, उलफ़ते-ए-हयात अब जो भी हो जैसे भी हो, इस नजवाइश से पहले कभी गुजरे नहीं हम, हसरतों की नुमाइश क्या करते ऐसे में हम , बात जदं थी ऐसे फिर बात क्या करते हम, किस कदर फिर तेरी बातें की जाये, गुनजाइश कुछ भी गवारा हो तो हो कैसे हमें, अजनबी वो भी ठहरी गैर भला मैं भी ठहरा, ऐसे में कौन सा तालुकात करते ऐसे में हम , मज़र तेरे ऐसे एहसासों का जिना अब आ रहा हमें. " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** गजल *** *** तेरी नज़र *** " छुप-छुपा के देखती हैं ओ नज़र, की अब कौन सा सलाह मसवारा करे हम, उलफ़ते-ए-हयात अब जो भी हो जैसे भी हो,
Härsh Päñdëy
हर किसी को खुश रखूं अब मेरे बस मैं नही... नोचकर खुदको बाँट दू महफिलों में अब मेरे बस में नही... तोड़ना है तालुकात तो लाज़िम तोड़िए शाहब... x2 बैठा रहूं सरयू किनारे और एक घुंठ भी न पियू, ये एक तरफा नसबी-क़राबत अब मेरे बस में नही... — % & नसबी-क़राबत - रिश्तेदारी, सरयू – नदी, 👏 हर किसी को खुश रखूं अब ये मेरे बस मैं नही... नोचकर खुदको बाँट दू महफिलों में अब ये मेरे बस में नही...
सुसि ग़ाफ़िल
" तालुकात के बिंदु " १. मैंने देखा है तुमको आज तूने मुझे देखा नहीं उठते ही नजरअंदाज कर दिया हालांकि मेरा ख्याल रहा तेरे मन में | | २. गहरी नींद तो नींद होती है
सुसि ग़ाफ़िल
जिस्मानी दुनिया का इशारा था उड़ न जाए दुपट्टा हवा के तेज़ से, यहाँ मदमस्त थे लोग चारों तरफ तेरे योवन के लबरेज़ से| पैरों तले जमीन खिसके और खिसके दामन बंदेझ से, देखकर बेवफाईयां तेरी यह इश्क़ लगे मुझे चंगेज़ से| देखकर आंखें वह बोली मुझे तो डर लगे रंगरेज़ से, उसने कई रस्मे नई सीखी है कहानियां पढ़कर अंग्रेज से| बार-बार चिल्लाए मुझे कोई तालुकात नहीं सनसनीख़ेज़ से, आंखें पढ़ूँ वो आंखें ना मिलाए लंबा रिश्ता आंखों के परहेज़ से| दखलअंदाजी मैं करूं वहां पर जहां इश्क़ में किस्सा आए दहेज़ से, हावी हो जाएगा तुम पर इस दुनिया का माहौल खुंरेज़ से| कई सुर्खियां बटोरी है उसने जो पुस्तक उठाई तूने मेज़ से, अब भी वक्त है तुम सीख लो "सुशील" के दिए नसीहत-आमेज़ से| जिस्मानी दुनिया का इशारा था उड़ न जाए दुपट्टा हवा के तेज़ से, यहाँ मदमस्त थे लोग चारों तरफ तेरे योवन के लबरेज़ से| पैरों तले जमीन खिसके और
सुसि ग़ाफ़िल
जब तेरी स्मृतियों के क़िस्से , मेरे मन मस्तिष्क में पलने लगे ! सिगरेट से तालुकात भी मजबूती से बढ़ने लगे। जब तेरी स्मृतियों के क़िस्से , मेरे मन मस्तिष्क में पलने लगे ! सिगरेट से तालुकात भी मजबूती से बढ़ने लगे।
Srishti Yadav
अब तो इतवार पे भी एतबार होने लगा है, जबसे उन निगाहों से तालुकात होने लगा है। #yqbaba #yqhindishayari #yqdidi #निगाहों #तालुकात #एतबार #इतवार #infinity
Sujit Kumar Kar
चलो अब चलते हैं थोड़ा सुकून ढूंढते हैं कुछ देर कहीं रुक गये और रुक कर फिर चलते हैं कर्जत तालुका, अहमदनगर जनपद, महाराष्ट्र यात्रा करें रसिको... ० चित्र स्रोत - @Meinbhiphotographer के इंस्टाग्राम एकाउंट के सौजन्य से #tra