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Ek villain
यदि हम कई बार भी असफल हो जाए तो कई बार बात नहीं पर्यटन कर कर असफल हो जाने की अपेक्षा पर्यटन ना करना अधिक अपमानजनक है असफलता सफलता का सबसे निकटतम बिंदु होती है किंतु अधिकांश लोग उसे यह कहकर ठुकरा देते हैं कि आप एक बार और गिर जाए असफलता सफलता की दिशा में उठाया गया कदम यह सामान्य है कि असफल होने पर व्यक्ति निराशा और हताशा हो जाता है लेकिन यह निराशा क्षणभंगुर होती है यदि आपको सफलता का कारण ढूंढने की कोशिश करोगे तो आप अपनी कमियों को पहचान पाओगे दृष्टि को सुधार कर दोबारा प्रयास कर पाओगे इस संदर्भ में आचार्य विनोबा भावे ने कहा है लगातार सफलता हमें संसार का एक पक्ष दिखाती है अभी चलता है उसी चित्र का दूसरा पक्ष भी दर्शाती हैं ©Ek villain #hands #असफलता सफलता का सबसे निकटतम बिंदु होता है
Motivational indar jeet group
जीवन दर्शन 🌹 आत्म दर्शन ही ईश्वर दर्शन का सरलतम और निकटतम साधन है !.i. j ©motivationl indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹 आत्म दर्शन ही ईश्वर दर्शन का सरलतम और निकटतम साधन है !.i. j
कवि मनीष
जानिए भारत के कुछ अद्भुत पर्यटन स्थलों के बारे में.. खज्जियार - भारत का मिनी स्विट्जरलैंड खजियार हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा पहाड़ी शहर
vibrant.writer
मैंने नंद यशोदा को कभी देखा नहीं, पर तुम उनके निकटतम हो तो प्यारे रहे होगे। मैंने राधा को कभी देखा नहीं, पर तुम उसके प्रेमी हो तो प्यारी रही होगी। मैंने गोपियों को कभी देखा नहीं, पर तुम उनके रास केंद्र हो तो प्यारी रही होंगी। मैंने द्रौपदी को कभी देखा नहीं, पर तुम उसके सखा हो तो प्यारी रही होगी। मैंने गोकुलवासियों को तो कभी देखा नहीं, पर तुम उनके गिरिधर माधव हो तो प्यारे रहे होंगे। © Vibrant_writer मैंने रुक्मणी को कभी देखा नहीं पर तुम उसके पति हो तो प्यारी रही होगी। मैंने सोलह हज़ार पटरानियों को कभी देखा नहीं, पर तुम उनके तारणहार हो तो प्यारी रही होगी। मैंने सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर को कभी देखा नहीं, पर तुम उसके सारथी हो तो प्यारा रहा होगा। मैंने नरसिंह और मीरा को कभी देखा नहीं, पर तुम उनकी प्रेरणा हो तो प्यारे रहे होगे। हैप्पी जन्माष्टमी Suggest the title 😊🤗 मैंने नंद यशोदा को कभी देखा नहीं, पर तुम उनके निकटतम हो तो प्यारे रहे होगे। मैंने राधा को कभी देख
Mk Premalatha
Abhay Bhadouriya
तुर्की कवि नाज़िम हिक़मत की कविता 'कितनी गर्म और ख़ूबसूरत पृथ्वी है यह' मैं कितना ख़ुश हूं कि दुनिया में पैदा हुआ मुझे उसकी रोशनी से, रोटी स
Ravendra
Vedantika
मानव जीवन बड़ा ही विचित्र हैं। मनुष्य एक स्वतंत्र व्यक्तित्व होते हुए भी सामाजिक बंधन में बंधा हुआ प्राणी है। मनुष्य बहुत ही भावनात्मक होता ह
N S Yadav GoldMine
इस मंदिर मे भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति वैराग्य स्थिति में स्थापित है, पढ़िए इसका इतिहास !! 🐚🐚 {Bolo Ji Radhey Radhey} पांडुपोल हनुमानजी मंदिर :- 🌊 पांडुपोल का हनुमान मंदिर राजस्थान के सरिस्का राष्ट्रीय बाघ अभयारण्य के अंदर स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। जिसमे भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति वैराग्य स्थिति में स्थापित है। अरावली रेंज के ऊंचे कगार वाले पहाड़ी के बीच,स्थित पांडुपोल का प्राचीन हनुमान मंदिर अलवर में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक है। मंदिर के परिसर लंगूर, मकाक और कई प्रकार के पक्षियों और अपने भव्य 35-फुट झरने के लिए भी प्रसिद्ध है। पांडुपोल का इतिहास :- 🌊 पांडुपोल हनुमान मंदिर इतिहास 5000 साल पुराना माना जाता है, पौराणिक कथा के अनुसार भीम ने अपनी गदा से प्रहार किया जिससे पहाड़ मे दरवाजा निकल गया और पहाड़ पर बना दरवाजा ही पांडुपोल हनुमान मंदिर के नाम से स्थापित हो गया। एक अन्य कथा के अनुसार, पांडुपोल वही स्थान था जहा भगवान हनुमान ने भीम को पराजित कर उसके अभिमान पर अंकुश लगाया था। पांडुपोल धाम का रहस्य :- 🌊 आपको बता दे की पांडुपोल वही रहस्यमयी स्थान जहा पांडवों ने अपने निर्वासन के दौरान अपने कुछ साल पांडुपोल में बिताए थे। जबकि एक अन्य कथा के अनुसार, यह पांडुपोल वही स्थान था जहा भगवान हनुमान ने भीम को पराजित कर उसके अभिमान पर अंकुश लगाया। पांडुपोल का मेला :- 🌊 पांडुपोल हनुमान मंदिर का मेला अलवर का एक लोकप्रिय मेला है जो हर साल भादौ शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भरता है। जहा बड़ी संख्या में दिल्ली, पंजाब, मध्यप्रदेश व अन्य जगहों से श्रद्धालु आते है। पांडुपोल हनुमान जी के दर्शन का समय :- 🌊 अगर आप पांडुपोल हनुमान मंदिर जाने का प्लान बना रहे है तो आपको बता दे की आप पांडुपोल हनुमान मंदिर घूमने जाने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे बेहतर समय माना जाता है। पांडुपोल हनुमान मंदिर जाने के लिए सर्दियाँ का समय आदर्श समय होता है क्योंकि इस दौरान मौसम बहुत सुहावना होता है। पांपांडुपोल हनुमान मंदिर पर्यटकों के लिए प्रतिदिन सुबह 5.00 बजे से शाम 10.00 बजे तक खुला रहता है। पांडुपोल भरतरी कैसे पंहुचा जाये :-🌊 दिल्ली से 165 किलोमीटर और जयपुर से 110 किलोमीटर दूर, स्थित पांडुपोल हनुमान मंदिर अलवर आप ट्रेन, सड़क या हवाई मार्ग से यात्रा करके पहुच सकतें हैं। फ्लाइट से पांडुपोल हनुमान मंदिर कैसे पहुचे :- 🌊 अगर आप फ्लाइट से यात्रा करके पांडुपोल हनुमान मंदिर जाने का प्लान बना रहे है तो बता दे की पांडुपोल हनुमान मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर हवाई अड्डा है, जो पांडुपोल हनुमान मंदिर से लगभग 110 किलोमीटर दूर है। आप जयपुर तक किसी भी प्रमुख शहर से उड़ान भरकर पहुच सकते है, और फिर वहा से पांडुपोल हनुमान मंदिर पहुंचने के लिए बस या एक टैक्सी किराए पर ले सकते है। सड़क मार्ग से पांडुपोल हनुमान मंदिर अलवर कैसे पहुँचे :- 🌊 राज्य के विभिन्न शहरों से अलवर के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। चाहे दिन हो या रात इस रूट पर नियमित बसे उपलब्ध रहती हैं। जयपुर, जोधपुर आदि स्थानों से आप अलवर के लिए टैक्सी ,कैब किराए पर ले कर या अपनी कार से यात्रा करके पांडुपोल हनुमान मंदिर अलवर पहुच सकते हैं। ट्रेन से पांडुपोल हनुमान मंदिर अलवर कैसे पहुँचे :- 🌊 पांडुपोल हनुमान मंदिर का सबसे निकटम रेलवे स्टेशन अलवर जंक्शन है जो शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है जहां के लिए भारत और राज्य के कई प्रमुख शहरों से नियमित ट्रेन संचालित हैं। आप ट्रेन से यात्रा करके अलवर पहुच सकते है और वहा से बस से या टैक्सी किराये पर ले कर पांडुपोल हनुमान मंदिर पहुच सकते हैं। ©N S Yadav GoldMine #snowfall इस मंदिर मे भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति वैराग्य स्थिति में स्थापित है, पढ़िए इसका इतिहास !! 🐚🐚 {Bolo Ji Radhey Radhey} पांडुपो
Vidhi
प्यारे भैया, प्यारे भैया, आप पर हमलावर होकर मैं अपने पर ही हमलावर होती हूं। और आप पर प्यार बरसाकर खुद पर ही मेहरबान होती हूं। भैया आपकी मौजूदगी तो है न