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laxmikrish
White very very gm 🙏☕ ©laxmikrish #good_morning images
#good_morning images #ಶಾಯರಿ
read more_Writer_Sharda_
White मर जाने जैसा वक्त हंसकर गुजारा मैंने.. अब किसी की क्या मजाल जो तोड़ दे मुझे..! ©_Writer_Sharda_ #Free
Aneesha
White 🏵सज्जन व्यक्ति के गुण🏵 नगर में एक विद्वान व्यक्ति था। उन्होंने बहुत कुछ पढ़ा था और अपने ज्ञान के बल पर जो लोग उन्हें देखते थे, उनकी आलोचना भी करते थे। वह उनसे बातें करते थे. वह उन्हें अपने तर्क के जाल में फंसा रहा था. वह उनकी बातों में ग़लतियाँ निकालता था और उन्हें अपमानित करता था। वह छोटी सी बात पर भी झगड़े की फिराक में था. वह उनसे बहस करके उन्हें हरा देता था। और वह शेखी बघार रहा था कि वह बहुत बड़ा विद्वान है। एक बार उन्होंने सड़क से गुजर रहे एक किसान को बुलाया। करीब आते ही किसान ने उससे पूछा। 'आप वेद हैं क्या आपने इसे पढ़ा है?' 'नहीं सर, मैंने नहीं पढ़ा...' किसान जवाब देता है। 'क्या तुमने पुराण शास्त्र पढ़े हैं?' 'नहीं सर, मैंने नहीं पढ़ा...' क्या आपने महाकाव्य मीमांसे, तर्क, व्याकरण आदि पढ़े हैं? पंडित अकड़ कर पूछता है. नहीं, महास्वामी, मुझे उन्हें पढ़ने का कभी मौका नहीं मिला, किसान कहते हैं। आपका पूरा जीवन नंगे खेतों को जोतने में बीता। व्यक्ति इससे क्या सीखता है? आपकी अज्ञानता नहीं जानती कि क्या कहें। सारा जीवन व्यर्थ चला गया.... मुझे देखो, लोग उसे कितना सम्मान देते हैं, वह किसान पर ताना मारता है। तब किसान कहता है- निज स्वामी आपसे लोगों को ज्ञान मिलेगा। ज्ञान बढ़ता है. लेकिन भूख लगने पर आपको खाना भी बनाना पड़ता है। खाना पकाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। चाहे विद्वान हों, अधिकारी हों, व्यापारी हों या डॉक्टर हों, सभी को किसान का उगाया हुआ अन्न खाना चाहिए। उन्होंने गर्व से कहा कि किसान के बिना यह दुनिया नहीं चल सकती। ©Aneesha #Free
Sangam Pipe Line Wala
White इश्क़ में खेल खेलना आदत नहीं मेरी सच्चे दिलसे करता हुँ मैं इबादत तेरी अनिका तुझे कुछ बनते देखना है मुझे खुदको रोख रहा हुँ समझले मेरी मज़बूरी ©Sangam Pipe Line Wala #Free
Krishnaa Harish
White हसरतें न ज्यादा पालो मुझसे कच्ची दीवार सा हूँ ढह जाऊँगा, तमाम उम्र सुनी हैं बातें सबकी मौका मिलेगा जब भी मुझको अपना भी तुमसे कुछ कह जाऊँगा, घाट और किनारे बेशक, नसीब हो न हो मुझको मेरा क्या, मैं तो पानी सा हूँ बह जाऊँगा, तुम्हें मुबारक मंजिल अपनी मुझे रास्तों का शौक है नदी, पहाड़, और खुला आसमाँ इनमें भी रहना पड़े,तो रह जाऊँगा। ©Krishnaa Harish #Free one life free life,,,,