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Swapnil
कोपलें फिर फूट आई, कोपलें फिर फूट आईं, खत्म हो चुकी थी सारी उम्मीदें, थक चुके थे मेरे इरादे देखता हूँ तभी मै, कि कोपलें फिर फूट आईं। कोपलें फिर फूट आईं।
Chintoo Choubey
तुम कभी मिल जाओ ये सोंचता हूँ, हर बार तुम्हारे स्टेशन पर रूकता हूँ, उसी स्टेशन पर तुम से मिलने की ख्वाहिश रखता हूँ, हर दिन हो जाए मुलाकात ये इंतजार करता हूँ, मैं यूँ ही तुम्हारा इंतजार करूँगा, मिलने के लिए हर बार उसी स्टेशन पर रूकूंगा, शायद कभी तुम आ जाआे, ना बात हो ना सही, पर पास रहो यही काफी हो, हर दिन तुम्हारी एक झलक मिले यही काफी हो, प्यार? यह तो पता नहीं, मगर तुम्हारा इंतजार मैं हर बार करूँगा, उसी स्टेशन पर,उसी वक्त पर, क्या पता कहिं दीदार तुम्हारा हो, आपके विचारों शायद नाम हमारा हो? फिर आई याद
Nishant Srivastava
फिर तेरी याद आई,पर तुम ना आई, मौसम में बहारें लौट आई,पर तुम ना आई। बीते लम्हों की उन झुरमुट से,एक झलक पाने की वो आस, सूखे होंटों पे तेरी चाहत भारी प्यास, अधखिली कलियां भी मंद मंद मुस्काई,पर तुम ना आई। फिर तेरी याद.... जिंदगी के उतार चढ़ाव में, आई ऐसी एक लहेर,जैसे रेत पर लिखा, मिटा दिया हो समंदर, हर बात तो मुझे है याद,सच बता क्या तुझे मेरी याद भी ना आयी। फिर तेरी याद..... फिर तेरी याद आई.....
vinni.शायर
आज फिर आई उसकी याद मुझे... आज भी रोने के शिवा कुछ ना किया... ©vinni.shayr आज फिर आई... #Journey
Harvinder Ahuja
लिखु कुछ आज यह वक़्त का तक़ाज़ा है, मेरे दिल में दर्द अभी ताज़ा है, गिर पड़ते है, अश्क़ मेरे काग़ज़ पर, क़लम में स्याही कम और आँखों में आँसु ज्यादा है । ©Harvinder Ahuja # फिर याद आई #illuminate
Tafizul Sambalpuri
ए दिले नादान आज फिर से वो याद आने लगे हैं ©Tafizul Sambalpuri फिर तेरी याद आई
Vikash Kumar Kaimuri
आज फिर उनकी याद आई। आंखों में पानी और होठों पर प्यास आई। मिलने की नई तड़प आज फिर दिल में नई सौगात लाई। आज फिर उनकी याद आई। हम कब भूले थे। उनको जो की छू भूलने लगे। उनकी यादों की पिटारा में गुम कल भी थे। और आज भी हैं। शायद उनका याद आना ही मेरी जिंदगी की फिदरत हैं। आज फिर उनकी याद आई। by vikash kaimuri ©Vikash Kaimuri आज फिर उनकी याद आई।
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
शौख चंचल अदा, मदमस्त हया, फिर बहकाने आई हैं जरा देखलो, जो पहले कभी हम पर मरते थे, आज फिर मरने आई हैं जरा देखलो, वो वक्त और था ये वक्त और है, कैसे बदला जमाना जरा सोचलो, मैं हूं वही जो पहले भी था, क्या बदला है मुझमें जरा सोचलो, उसके गम को सदा अपना समझा, उसकी खातिर न मैने खुद को समझा, था जिसने हमको छोड़ा कभी, आज अपना बनाने आई हैं जरा देखलो, वो मोहब्बत की बाहें फैलाए हुवे, आज फिर मरने आए हैं जरा देखलो...! आज फिर मरने आई हैं............!