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Geeta Sharma
Anjuu
तुम्हारा baam um ed रखूंगी ©Anjuu तुम्हारा नाम....?? "उम्मीद" रखा है मैंने..। आओगे ना एक रोज़?? मेरी हकीकत बनकर..!!
Neel
हां माना... कि नहीं जानते होगे...!! पता है क्यूं......?? क्यूंकि, मैंने कभी बताना ही नहीं चाहा, अपने दर्द, अपने आंसू, अपनी उलझनों को.. कभी तुझे जताना ही नहीं चाहा..... जानते हो क्यूं.......?? शायद नहीं...... क्यूंकि जानना और समझना..... दोनों के बीच एक महीन सी रेखा है, तो क्या तुम समझ पाते...कुछ भी... जो मैं कहती, अक्षरशः ... बिना कोई धारणा बनाए... सिर्फ और सिर्फ मुझको... मेरी तरह.... जैसी मैं हूं....।। 🍁🍁🍁 ©Neel मैंने बताना नहीं चाहा 🍁
Kumar Darpan
Sangeeta Kalbhor
बात नही की.. एक अरसा गुजर चुका है मैंने अपने आप से मुलाकात नही की की है हजारों बातें औरों से मैंने अपनेआप से बात नही की कुछ टूटता है आवाज भी होती है मेरे अंदर के मैं से आगाज भी आती है न जाने क्यूँ पर मैंने अपने ही आप से आवाज नही दी की है हजारों बातें औरों से मैंने अपनेआप से बात नही की ये मेरा वो मेरा घर मेरा द्वार मेरा ससुराल मेरा मायका मेरा रसोई घर का जायका मेरा सभी को अपनाया मैंने अपनेआप को अपनाने की हिंमत नही की की है हजारों बातें औरों से मैंने अपनेआप से बात नही की..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #oddone बात नही की.. एक अरसा गुजर चुका है मैंने अपने आप से मुलाकात नही की की है हजारों बातें औरों से मैंने अपनेआप से बात नही की कुछ टूटता
Dil galti kr baitha h
आज मैंने खुद से एक वादा किया है माफ़ी मांगूंगा तुझसे तुझे रुसवा किया है हर मोड़ पर रहूँगा मैं तेरे साथ-साथ अनजाने में मैंने तुझको बहुत दर्द दिया है। ©Dil galti kr baitha h आज मैंने खुद से एक वादा किया है माफ़ी मांगूंगा तुझसे तुझे रुसवा किया है हर मोड़ पर रहूँगा मैं तेरे साथ-साथ अनजाने में मैंने तुझको बहुत दर्द
ANIL KUMAR
मुझे भी शामिल करो गुनहगारों की महफ़िल में मैं भी कातिल हूँ मैंने भी अपनी ख्वाहिशों को मारा है ©ANIL KUMAR मैंने ख्वाहिशों को मारा है
Nitu Singh जज़्बातदिलके
यूँ ही नहीं बनती पहचान, खुद के वक्त को गवाया है मैंने अपनी पहचान बनाने के लिए खुद को सौंपा है मैंने हर छोटी सी छोटी जरूरतों पर काम किया है मैंने अपनी नींद और चैन भी हारा है मैंने दूसरों की तानों को चुप चाप सुना है मैंने खुद को बनाने में खुद को संवारा है मैंने ©Nitu Singh जज़्बातदिलके यूँ ही नहीं बनती पहचान, खुद के वक्त को गवाया है मैंने अपनी पहचान बनाने के लिए खुद को सौंपा है मैंने हर छोटी सी छोटी जरूरतों पर काम किया है
MमtA Maया
जब कोई दुःखी हों तो लोग सांत्वना देते हैं जब वही सुख में हों तो लोग उससे जल-जल जाते हैं ©MमtA Maया मैंने देखा हैं...