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ATUL_NISHABD
White पत्थर दुनियां हैं सजना मैं नहीं, मैं तेरी इक नज़र चाहता हूँ,कुछ और नहीं, तूने खाएं हैं धोखे पर मेरे दिल में वफ़ा हैं, गर तू सोचे मैंने देना तुझे दगा हैं "तो" ना सजना ना सजना ये मुझसे होना नहीं ।। ©ATUL_NISHABD #love_shayari shayari on love hindi shayari 2 line love shayari in english most romantic love shayari in hindi for boyfriend Jyotilata Pari
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read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White धमक से, धूम से, दिल हिल न जाए, दहल न जाए,संतुलन बनाता है । डी जे के आगे साला, नाचता कहां है, बस कमर हिलाता है । कलेजा मुंह को हो न आए, धमाका दिल ही निकल न जाए, धमाल क्या है, कमाल क्या है, थिरक के जान अपनी बचाता है। मैं जो खड़ा खड़ा चलता हूं, सीधा तना अड़ा चलता हूं, बवाल ये है, सवाल ये है, सीना धक दिल से कुटाता है। ©BANDHETIYA OFFICIAL #Thinking #डीजे की धमक Extraterrestrial life हिंदी फनी वीडियो शायरी चुटकुले 'कॉमेडी वीडियो' चुटकुले ही चुटकुले Internet Jockey gaTTubaba
बेजुबान शायर shivkumar
//सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती है स्वर्ग के अप्सरा भी यु मंद मंद कर वो मुस्कुराती है मां की गोद में आकर भगवान भी यु बच्चे बन जाते हैं मां की ममता का सुख ईश्वर भी खूब मजा उठाते हैं ईश्वर ने खुद को बनाया है एक ख्याल उनके मन में आया है अपने जैसा ही हर किसी को खुद को पहुंचाया है जिसका नाम माँ बतलाया है समंदर से गहरी ममता का होती है उठते तूफान को शांत वो करती है न छोटा न बड़ा इस भेदभाव में मांँ कहाँ पड़ती है मीठे सपनो को अपने बच्चे के लिए मांँ संजोती है वक्त बदल जाए हालात बदल जाए पर मांँ की ममता को कोई न बदल पाए है आज तक उसकी आवाज में ऐसा जादू होता है की किसी के मुर्झाया चेहरा भी यु खिल जाता है जब मांँ की आवाज कानों में आती है सारी दुनिया से लड़ने की हिम्मत दे जाती है घर से निकल कर सर को झुका देते है मांँ का आशीर्वाद लेकर बिगड़े काम भी बना देते हैं बचपन में हो या हो बड़े आज भी मांँ के उस आंँचल में पड़े रहते है मुझे तो सुकून आँचल का मिलता है मांँ तेरी उस गोद में आ कर धनंजय शुक्ला✍ ©बेजुबान शायर shivkumar //सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती
//सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती
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