Find the Latest Status about अल्पसंख्यकों की समस्याओं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अल्पसंख्यकों की समस्याओं.
Ek villain
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 और अल्पसंख्यक शिक्षण संस्था अधिनियम 2005 की विजेता का मामला माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है एक हां लिए दायर याचिका में कहा गया कि यदि इन आ रहा धानी अतार्किक और अगर दैनिक अधिनियम को समाप्त नहीं किया जा सकता तो इन प्रधानों का लाभ उन राज्य में हिंदुओं को भी मिलना चाहिए जहां वे अल्पसंख्यक हैं यह याचिका में संविधान में एक विशेष संदर्भ में प्रयुक्त अल्पसंख्यक शब्दों को परिभाषित करने और उनके सुस्पष्ट निर्देशक नियमावली बनाने की न्याय संगत मांग कर दी गई है दरअसल संविधान के अनुच्छेद 29 30 और 350 में अल्पसंख्यक शब्द प्रयुक्त हुए लेकिन नहीं की गई इसका फायदा उठाते हुए कांग्रेसी सरकार ने वर्ष 1992 में अल्पसंख्यक आयोग के गठन के समय वोट बैंक की राजनीति की अल्पसंख्यक और भाषाई अल्पसंख्यक परिभाषा पर सवाल उठते हुए याचिका दायर करने वाले अश्विन उपाध्याय कहते हैं कि आज प्रचलित परिभाषा के अनुसार तो आज देश में सैकड़ों धार्मिक अल्पसंख्यक समूह और हजारों भाषाई अल्पसंख्यक समूहों ने चाहिए लेकिन यह दर्जा में सुविधाओं को ही क्यों दिया गया है क्या यह संप्रदायिक तुष्टीकरण की राजनीति का उदाहरण ©Ek villain #अल्पसंख्यकों पर नए नजरिए की दर करार #City
Ali sir (A+A)
"Jai kisan" ये सर्द रात ये सर्दी का ख़तरनाक कहर और है ओस बरसती हुई है सरों के ऊपर किसान आये हैं सब ट्रालियॉ भर कर ठिटरते कापते फिरते हैं सब इधर से ऊधर तमाम रात यूंही किस्मतों को रोते हैं टालियों में कही तम्बुओं में सोते हैं फसी है हर भले मानव की जान घाटे में सितम तो यह है कि है हर व ईमान घाटे में उधर खडा है बतन का किसान घाटे में इधर गरीब की उलझी है जान घाटे में कहा छुपा है मुनाफा ये राज़ तो खोलो ये अर्थशास्त्र के ज्ञानी कहां गये बोलो मचा के सारे ज़माने मे शोर देख लिया दुखी दिलो ने अंधेरे घरो को देख लिया बहुत था इनकी अदालत का शोर देख लिया लो मुंसिफो के क़लम का भी ज़ोर देख लिया किसान आज भी ज़िन्दा दिली मे रहता है किसान का ही बेटा फौज में होता है 👳♂️ ©A. R. Zaidi किसानों की समस्याओं पर गौर करो
Ek villain
सभी मत मजब वालों के लिए तलाक गुजारा भत्ता उत्तराधिकारी विभाग की आयु बच्चों की गोद लेना और विरासत संबंधी नियम एक समान बनने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि इन सभी मामलों एक जैसे नियम बनाए जाते हैं तो समान नागरिक संहिता का उद्देश्य पूरा हो जाएगा होना तो ही चाहिए था कि अभी तक इस उद्देश्य को हासिल कर लिया जाता है क्योंकि संविधान के नीति निर्देशक तत्व में साफ तौर पर कहा गया है कि राज्य समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगा यदि ऐसा नहीं हो सकता तो कुछ दलों के न कारण तक रही है यह रवैया अल्पसंख्यकों की दृष्टि करण की राजनीति और इस दुष्ट परिणाम के कारण से विभिन्न समुदायों के रीति-रिवाजों को अनावश्यक हस्तक्षेप होगा दुर्भाग्य से यह दुष्प्रचार परिवार अभी भी जारी है इसके बाद भी जारी है कि सर्वोच्च न्यायालय के साथ-साथ विभिन्न उच्च न्यायालय समय-समय पर समान नागरिक संहिता के आवश्यक रेखांकित कर चुके हैं तथ्य यह भी है कि गोवा में समान नागरिक संहिता पहले से ही लागू है और वह सभी समुदाय के लोग रहते हैं आखिर जो व्यवस्था गोवा में बिना किसी बाधा के लागू है वैसे इस देश में क्यों नहीं लागू हो सकती प्रश्न यह भी है कि जब अन्य लोकतांत्रिक देशों में समान नागरिक संहिता लागू है तो भारत में इसका विरोध क्यों होता है यह प्रशन अनुरोध है तो इसलिए कि अभी तक सरकार ने समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने की जहमत नहीं उठाई कम से कम अब तक तो यह काम होना ही चाहिए दादा की व्यापक विचार-विमर्श हो सके यह हास्यास्पद है कि और एक और संविधान की दुहाई देकर यह कहा जाता है कि कानून की नजर में सब बराबर है और दूसरे दिन बिन समुदायों के लिए विवाह अनुच्छेद गुजारा भत्ता उत्तर का आदि आदि से संबंधित नियम अलग-अलग बने हुए हैं ©Ek villain ##महत्वपूर्ण फैसला अल्पसंख्यकों के हित में #waiting
Shravan Goud
समस्याओं को हम जिस तरह से निवारण करेंगे वही हमारे मन की दशा हो जाएगी। इसलिए संकट के समय शांत रहे। समस्याओं से लडने की बजाय, समाधान ढुंढे।
Surbhi Sharma
समस्याओं के घाट पर हम समस्याओं को ही आमंत्रित कर रहे है। समस्याओं के सामने बैठ कर हम भी, समस्याओं को ही चुनौती दे रहे है।।....(सुरभि) ©Surbhi Sharma #समस्याओं #AdhureVakya