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Internet Jockey
इतना आसान भी नहीं चांद बनना, हर रोज़ सूरज को आंखों के सामने ढलता हुआ देखना पड़ता है ©Internet Jockey इतना आसान भी नहीं चांद बनना, हर रोज़ सूरज को आंखों के सामने ढलता हुआ देखना पड़ता है
इतना आसान भी नहीं चांद बनना, हर रोज़ सूरज को आंखों के सामने ढलता हुआ देखना पड़ता है
read moretripathi
White उसे जाते हुए देखना मेरे लिए मरने जैसा है ©tripathi #Couple उसे जाते हुए देखना मेरे लिए मरने जैसा है रिश्ता
#Couple उसे जाते हुए देखना मेरे लिए मरने जैसा है रिश्ता
read moreParasram Arora
White खाई थीं कसम सागर ने कि इक दिन वो रेगिस्तान मे भी फुल खिला दे गा अपनी कसम पूरी करने के लिए भेजा था उसने एक नदी को रेगिस्तानको सीचने के लिए पर वो नदी रेगिस्तान क़ी तपी रेत मे लुप्त हो जायेगी और लौट नही पाएगी ऐसा न उस सागर ने सोचा था न उस बदनसीब नदी ने ©Parasram Arora बदनसीब नदी
बदनसीब नदी
read moreShreyansh Gaurav
"नदी का पुराना पुल" कभी तुम गये हो गांव में नदी के किनारे बहुत सुकून मिलता है.! पहले मैं गांव रहता था, दोस्तों का ज़मावड़ा, मज़मा लगता था.! नदी पर पहले इक़ पुल था जो अंग्रेजो के वक़्त का बना है.! गया था मैं गांव कुछ साल पहले देखा अब बदल गया है.! उस पुल के बगल इक़ नया पुल बन गया है, पुराने पे अब सन्नाटा है सुना किसी ने बोला अब यहाँ कोई नहीं आता है.! पूछा क्यूँ कुछ हुआ था क्या इक़ ने कहा भैया, यहाँ कोई मर गया था.! इसलिये अब सब डरते है इधर कोई नहीं आता है.! हमनें देखा बहुत सन्नाटा छाया था जहाँ पहले लोंगो को सुकून मिलता था वही से लोग अब डरने लगे है.! क्या तुम भी लोंगो की तरह बुज़ुर्गो को छोड़कर नये ढूढने लगे हो.! मैं गया वहाँ अकेले ही मुझे कोई डर नहीं फ़िर वही सुकून, मुझे गांव लें गया.! यें "नदी का पुराना पुल " मुझे अब भी याद है, मुझे सुकून सन्नाटा दें गया.!! ©Shreyansh Gaurav #नदी का पुराना पुल #poerty
Parasram Arora
White समुन्दर नदियों को बहला फुसला कर उनके तरल ख़ज़ाने लूटता रहा और वे बदनसीब नदिया अपने वजूद का इंतकाल होते देख आंसू बहाती रहीं ©Parasram Arora समुन्दर और नदी
समुन्दर और नदी
read morevish
मैं ठहरे हुए कुएँ का वो पानी नहीं, जो थम जाऊँ.... मैं बहती नदी की वो धारा हूँ, जो साहिल से टकराकर भी, अपने सागर से मिल जाऊँ.... जिंद़गी ©vish # नदी की वो धारा
# नदी की वो धारा
read moreनवनीत ठाकुर
आज तो बस देखना है उनके लबों का रंग, हम सवाल रखते हैं, वो जवाब क्या देते हैं। अब हमें देखना है, वो कहां तक निभाते हैं, हम सवाल रखते हैं, वो जवाब क्या लाते हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर आज तो बस देखना है उनके लबों का रंग, हम सवाल रखते हैं, वो जवाब क्या देते हैं। अब हमें देखना है, वो कहां तक निभाते हैं, हम सवाल
#नवनीतठाकुर आज तो बस देखना है उनके लबों का रंग, हम सवाल रखते हैं, वो जवाब क्या देते हैं। अब हमें देखना है, वो कहां तक निभाते हैं, हम सवाल
read moreF M POETRY
Unsplash आख़री बार देखना है उसे.. फिर लगातार देखना है उसे.. वो दवाएं बहुत बताता है.. होके बीमाऱ देखना है उसे.. 🙏🙏🙏 ©F M POETRY #फिर लगातार देखना है उसे...
#फिर लगातार देखना है उसे...
read moreSANIR SINGNORI
पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की पैसे के लालच में आज, साहूकारों ने बेच दी मिट्टी 'काटली' की निकली थी वो तुम्हारी प्यास बुझाने, बुझा दी मानस ने राह 'काटली' की सहस्र जीवों का जीवन थी जो, इंसानों ने छीन ली सांसे 'काटली' की अपनों ने काट दी जड़े 'सानिर' कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की सिर साँटें 'सानिर', तो भी सस्तो जाण, जै बच जाए जान 'काटली' की पराया क्या जाने पीर 'काटली' की कितनी हरी भरी थी वो धरा 'काटली' की . ©SANIR SINGNORI #DesertWalk नदी बचाओ
#DesertWalk नदी बचाओ
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