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F M POETRY
White ये सर्द मौसम अब बदल रहा है.. तुम भी बदल जाओ पहले की तरह.. यूसुफ़ आर खान..... ©F M POETRY #ये सर्द मौसम....
#ये सर्द मौसम....
read moreAnand Kumar ' Shaad '.
White पहले मौसम सुहाना हो जाए फ़िर मेहबूब का आना हो जाए ऐसे दिलकश हसीन माहौल में कैसे न कोई दीवाना हो जाए ©Anand Kumar ' Shaad '. मौसम
मौसम
read moreF M POETRY
White सर्द मौसम है सफर रात का है.. तुम नहीं हो ग़म इसी बात का है.. यूसुफ़ आर खान..... ©F M POETRY #सर्द मौसम है..
#सर्द मौसम है..
read morejaiveer singh
White सब ठीक था न जाने क्या बात हो गई। हवा झोंका आया बिन मौसम बरसात हो गई।।........ जिंदगी यूं बदली मेरे पलक झपकते ही।... खुशी में दिन गुजरा और ग़म भरी रात हो गई।।..... ©Jaiveer Singh #love_shayari बिन मौसम
#love_shayari बिन मौसम
read morecopyrightshayar
Unsplash दिल में छुपा एक गहरा सा दर्द है, हर खुशी पर लगा जैसे कोई गर्द है। चमकते हैं सितारे, पर रौशनी नहीं, उदासियों का यह, कैसा मौसम सर्द है..... ©copyrightshayar उदासी का मौसम #snow #SAD #Shayari #HeartBreak शायरी हिंदी शायरी दर्द
उदासी का मौसम #snow #SAD Shayari #HeartBreak शायरी हिंदी शायरी दर्द
read morejameel Khan
White गरज रहा है बादल उसे गरज लेने दो मौसम है उस का उसे बरस लेने दो जमील ©jameel Khan # बे मौसम #
# बे मौसम #
read moreShyarana Andaaz (अज्ञात)
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं भी एक दिन आकर रह लूं गर तुम्हें बुरा न लगे।। ©Shyarana Andaaz (अज्ञात) तुम्हारे शहर का मौसम
तुम्हारे शहर का मौसम
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White बचा लो अपना अब परिवार -2 घरवालों में खत्म हो रहा अपनापन और प्यार। बचा लो अपना अब परिवार -2 जहां बुजुर्गों की इज्जत थी निगरानी करते थे, डांट ठहाके देते और बातें मर्दानी करते थे। जिंदा रहना बची जिंदगी उनकी इसी जमाने में, सारी अहमियत तौल दी गई थाली भर के खाने में। दादी दादा से सजा हुआ अब दिखता नहीं घर द्वार, घर वालों में खत्म हो रहा अपनापन और प्यार। बचा लो अपना अब परिवार -2 जहां एक भाई भाई के खातिर राज्य था छोड़ा, सदियों में मां बेटे का रिश्ता न किसी ने तोड़ा। वहीं एक कमरे की लड़ाई गोली तक चलवाती है, अपनी स्वतंत्रता के खातिर मां बेटे को खा जाती है। कर्तव्यों को छोड़ सभी को दिखता बस अधिकार, घर वालों में खत्म हो रहा अपनापन और प्यार। बचा लो अपना अब परिवार -2 भारत की सभ्यता संस्कृति इसमें रही समाई, इसे मिटाने की साज़िश है दुनिया की सच्चाई। प्रेम जगाने वाला दीपक फिर से यहां जलाओ, बच्चों को शिक्षा के संग संग संस्कार सिखलाओ। इसी का करते दुनिया वाले सबसे पहले शिकार, घर वालों में खत्म हो रहा अपनापन और प्यार। बचा लो अपना अब परिवार -2 ©शुभम मिश्र बेलौरा #good_night परिवार
#good_night परिवार
read moreParasram Arora
White सूखा है मौसम और धूप मे भी काफ़ी तपन है जो बदन पहले कसे हुए कपड़ो मे था अब वो डीले वस्त्रों मे रहने लगा है ©Parasram Arora मौसम का बदलाव
मौसम का बदलाव
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