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Ajay Chaurasiya
था मेरे हाथ में एक फूल कभी, जो छूट गया न जाने कही, खुशबू उसकी आज तक हाथों में लिए, तकता हूं उसकी राह कही, वक्त बिताते बीत न जाए ये उम्र कही, वो फूल सुर्खियों में गुम न जाए कही, ओस की बूंद उसकी पंखुड़ियों पर, जान न ले जाए मेरी कही, नाजुक है, खूबसूरत भी है, किसी की नज़र ना लग जाए कही, मिले मुझे वो या ना मिले, लेकिन गलत हाथों में न जाए कही, था मेरे हाथ में एक फूल कभी, जो छूट गया न जाने कही, खुशबू उसकी आज तक हाथों में लिए, तकता हूं उसकी राह कही, ©Ajay Chaurasiya फूल
Rajnish Shrivastava
White फूल जिनकी सोहबत में रहकर मुस्कराते हैं कांटे अपनी फितरत से फिर भी बाज न आते हैं कांटो की फितरत है फूलों को चोट पहुंचाना फूल रिश्तें निभाने के लिए सब भूल जाते हैं ©Rajnish Shrivastava #फूल और कांटे
Arun kumar
White कोई असर नही दिखता किसी की दुआओं में .... हम चल पड़े है नंगे पैर.. पता ना था कांटे बिछे है हमारी रहो में .... ©Arun kumar #Duaaye कांटे बिछे है रहो में
Adv.Ranjeet Kumar
White कुछ इस तरह से मोहब्बत वो निभा रहे थे, झुठा अपनापन वो हमसे जता रहे थे, उनके लिए फुल बिछाया था हमने नंगें पांव, और वो हमारे रास्ते में कांटे बिछा रहे थे। ©Adv.Ranjeet Kumar #Couple कांटे/#Hindishayri/#sadshayri/#Nojotoshayri/#Follow/#mohabbatshayri....✍️💔 Ranjeet Kumar..
Shiv gopal awasthi
ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए, भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए। पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई, लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए। बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी, सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए। उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं, दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए। थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने। चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए। कवि-शिव गोपाल अवस्थी ©Shiv gopal awasthi कविता
shailesh pandit intijaar
मेरे आस पास के फूल अब मरने वाले है वो खुशबू बिखेरने वाला शक्स मेरे पास से नहीं गुजरता ©shailesh pandit #फूल
Bajinder Thakur
वह कितने समय से लोगों का अप्रैल फूल बना रहा था लाखों गम थे पास उसके और मुस्कुरा रहा था ©Bajinder Thakur अप्रैल फूल