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Meera Kumar
"आज फिर उनसे छोटी सी बात पर बहस हो गई.......उनकी नाराजगी से फिर से मुलाकात हो गई....हाँ बहुत याद आ रही हैं उनकी शायद उन्हे भी हमारी याद आयी हैं.....देखिये ना हमारे प्यार भरे रिश्ते में फिर से बिन मौसम बरसात आयी है....।। ©Meera Kumar प्यारी सी नोकझोंक वाली बरसात.... #feellove
माधुरी"मुस्कान"शर्मा
विनती है द्वार मैया करो बेड़ा पार मैया, बिटिया के मन की भी सुन लो पुकार माँ। घट घट वासी दाती दर्शन दे दो मुझे, अपनी शरण लेलो करो बेड़ापार माँ।। मात आदिशक्ति आप आप भव तारिणी हो, फंसी देखो नाव मेरी बीच मझधार माँ।। निज कामना को लिए भटकी हूँ द्वार द्वार, आई हूँ शरण मेरा कर दो उद्धार माँ।। ©माधुरी"मुस्कान"शर्मा मैया
Sourabh Goswami
शेरों वाली मैया के दरबार में दुःख -दर्द मिटाये जाते हैं, जो भी दर पर आते है .. शरण में लिए जाते हैं.. जय माता दी ©Sourabh Goswami शेरों वाली मैया के दरबार में दुःख -दर्द मिटाये जाते हैं, #Nojotoshortvideo
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
🙏🌷मैया शेरा वाली 🌷🙏 ओ मैया शेरा वाली, जय जय मैया ज्योता वाली, कबहू दुर्गा के रूप धरेलू, कबहू बन जा लू काली, ओ मैया शेरा वाली, जय जय मैया ज्योता वाली...... साल में दू बार मैया, आपन भक्तन के रिझावे लू, चईत आउर आश्विन मास, आपन रूपवा देखावे लू, राऊर दरशन उहे करे लें, जवन होवे ले भागशाली, ओ मैया शेरा वाली, जय जय मैया ज्योता वाली...... महिषासुर बध कईके, आपन शक्ति रूप देखव लू, सुंदर आपन रूप देखा के, शुंभ निशुंभ के भरमव लू, राऊर दुआरे से केहू मैया, ना लवटे कबहू खाली, ओ मैया शेरा वाली, जय जय मैया ज्योता वाली...... नवरात्रि में तू मैया, नौ दिन नौ गो रूप देखव लू, दुष्टन के संहारन खातिर, आदिशक्ति रूप बनव लू, श्रद्धा भक्ति से करीं माई के पूजा, देवेली खुशहाली, ओ मैया शेरा वाली, जय जय मैया ज्योता वाली...... ओ मैया शेरा वाली, जय जय मैया ज्योता वाली, कबहू दुर्गा के रूप धरेलू, कबहू बन जा लू काली, ओ मैया शेरा वाली, जय जय मैया ज्योता वाली...... अनिल प्रसाद सिन्हा #मैया शेरा वाली #anil_madhukar #bestquotes5863 #yqbaba #yqdidi #hkkhindipoetry sudha Pandey
संजय श्रीवास्तव
छठ पर्व हर साल आता है माँ तुम भी आओ न देखो न बाजार में आ गये हैं गन्ना केला नींबू अन्नानास अरसा का पत्ता सब है माँ मैने गेहूं भी साफ कर छत पर डाल दिया है और बैठा हूँ डंडा लेकर जैसे तुम बैठती थी जूठा न कर दे कोई पक्षी तुम आ जाती मां दऊरा में प्रसाद भरने मुझे ही तो लेकर जाना है घाट पर नंगे पांव पैदल मां तुम कब आओगी वो देखो सूरज भगवान निकलने वाले है आसमान रक्तिम आभा लिये दस्तक दे रहा है अर्घय देने का पल आ गया सब तो हैं बस तुम नही हो माँ। संजय श्रीवास्तव छठ मैया