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Anuj Ray
New Year 2024-25 रात सब के हिस्से में बराबर आए ये ज़रूरी तो नहीं, हर किसी के घर में चांद उतर आए ये ज़रूरी तो नहीं। ©Anuj Ray #ज़रूरी तो नहीं"
#ज़रूरी तो नहीं"
read moreनवनीत ठाकुर
तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा दर्द, तो और किससे वफा करूं। जो अश्क छुपा रखे हैं पलकों में, उन्हें कैसे रिहा करूं। जिन लफ्ज़ों में था तेरा जिक्र, अब उनका क्या सिलसिला करूं। तुम्हारी खामोशी है गवाही मेरी, तो शिकायत किससे भला करूं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा द
#नवनीतठाकुर तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा द
read moreनवनीत ठाकुर
मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए। ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ, तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए। मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है, राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए। रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से, वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए। हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे, हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए। कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए, वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्
#नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्
read moreShort And Sweet Blog
कोशिश से सब हल निकलेगा!! कोशिश कर, हल निकलेगा। तेरा आज नहीं तो, कल सुधरेगा। इस सुधरने की दौड़ में, तू बेहतर निकलेगा। कोशिश कर, तू कहीं तो न
read more#Mr.India
White ख़्वाहिशें तो बेपनाह हैं, मगर ख़ुद को तरसाना अभी बाक़ी है, सफ़र पर निकले हैं, लेकिन मंज़िल तक पहुंचना अभी बाक़ी है। उम्मीदें पलती हैं, फिर पल में बिखर जाती हैं, ठोकर लगती है तो ज़िंदगी रुककर ख़ुद सँभल जाती है। हर मोड़ पर आफ़तें हैं, हर रास्ता अजनबी है, सिरफ़रोशी का जज़्बा है, यही हमारी तलब है। तूफ़ानों में चलने का इरादा हमने बांधा है, जहाँ सहर नहीं, वहीं एक चिराग़ हमने जलाया है। हवा के रुख़ से डरकर हम क़दम पीछे नहीं करते, सूरज की तपिश में भी साया ढूंढ लिया करते। मंज़िल नहीं तो क्या हुआ, सफ़र का मज़ा लिया जाएगा, हर गिरते पत्थर को राह का नक़्शा बनाया जाएगा। ©#Mr.India ख़्वाहिशें तो बेपनाह हैं, मगर ख़ुद को तरसाना अभी बाक़ी है, सफ़र पर निकले हैं, लेकिन मंज़िल तक पहुंचना अभी बाक़ी है। उम्मीदें पलती हैं, फिर प
ख़्वाहिशें तो बेपनाह हैं, मगर ख़ुद को तरसाना अभी बाक़ी है, सफ़र पर निकले हैं, लेकिन मंज़िल तक पहुंचना अभी बाक़ी है। उम्मीदें पलती हैं, फिर प
read moreनवनीत ठाकुर
White जहाँ थम गई है ये दुनिया सारी, हम वहाँ से एक नया सफर बनाएंगे। खुदा के करम से ऐसी उड़ान होगी, आसमां के पार निशां छोड़ आएंगे। तेरे सवालों का जवाब देंगे वक्त से, आज नहीं तो कल तुझे दिखाएंगे। हमारे ख्वाब और इरादे इतने बुलंद, कि हर सितारे को छूकर आएंगे। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जहाँ थम गई है ये दुनिया सारी, हम वहाँ से एक नया सफर बनाएंगे। खुदा के करम से ऐसी उड़ान होगी, आसमां के पार निशां छोड़ आएंगे। तेर
#नवनीतठाकुर जहाँ थम गई है ये दुनिया सारी, हम वहाँ से एक नया सफर बनाएंगे। खुदा के करम से ऐसी उड़ान होगी, आसमां के पार निशां छोड़ आएंगे। तेर
read moreAjay Tanwar Mehrana
ढूंढ लेंगे तुझको कहीं ना कहीं जमीं पर नहीं तो आसमां सही जाने ना देंगे यूं मुंह मोड़ कर तन्हा मुझको अकेले छोड़ कर लगी है अगन तो बुझाएंगे भी जगी प्यास तो पिलाएंगे भी । दुःख हुआ अगर तो जालिमा कतरा कहर का कर देंगे जमा । फैले हुए हाथों को भी जोड़कर इच्छा जवानी की सब फोड़कर मिलेगी तू मुझे कहीं ना कहीं जमीं पर नहीं तो आसमां सही । ©Ajay Tanwar Mehrana जमीं पर नहीं तो आसमां सही sad poetry hindi poetry on life
जमीं पर नहीं तो आसमां सही sad poetry hindi poetry on life
read moreनवनीत ठाकुर
तू नहीं तो तेरी याद सही याद नहीं तो तेरा ग़म सही तेरा ग़म नहीं तो तेरा नाम सही, नाम भी नहीं तो तेरा वहम सही। वहम नहीं तो वो ख्वाब सही, रातों में आते हैं बेहिसाब सही। तू नहीं तो क्या, चादर में तेरी खुशबू है बाकी, तेरे बिना भी मोहब्बत में है वफ़ा बाकी। तू नहीं तो ये तन्हाई सही, तन्हाई में तेरी परछाई सही। परछाई भी ना हो तो वो लम्हे सही, जो तेरे साथ गुज़ारे थे गहरे सही। खुशबू नहीं तो तेरी राह सही, जो चल कर आती थी मेरी चाह सही। तन्हाई के इस शहर में भी तू साथ है, जैसे हर ख्वाब में तेरा ही हाथ है। चादर में तेरी खुशबू से बहल लेते हैं, तेरे ग़म को ही जिंदगी मान लेते हैं। तू नहीं तो बस वो धुन सही, जो कानों में गूंजती तेरी सुन सही। मोहब्बत ने तुझसे जुड़े हर रास्ते दिए, तेरे बिना भी हमें जीने के वास्ते दिए। तू नहीं, पर तेरा अक्स साथ है, हर याद में तेरा ही साथ है। मोहब्बत में ये फ़साना अधूरा सही, पर तेरा ख्वाब ही मेरा खुदा सही। ©नवनीत ठाकुर तू नहीं तो तेरा ग़म सही
तू नहीं तो तेरा ग़म सही
read moreअनिल कसेर "उजाला"
किसी का इंजतार भी तो नहीं, मुझे हुआ है प्यार भी तो नहीं। छोड़ो जाने भी दो यार मुझको, जहाँ में हम बेकार भी तो नहीं। ©अनिल कसेर "उजाला" प्यार भी तो नहीं
प्यार भी तो नहीं
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