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F M POETRY
Unsplash आख़री बार देखना है उसे.. फिर लगातार देखना है उसे.. वो दवाएं बहुत बताता है.. होके बीमाऱ देखना है उसे.. 🙏🙏🙏 ©F M POETRY #फिर लगातार देखना है उसे...
#फिर लगातार देखना है उसे...
read moreAnant Nag Chandan
हाय! कोई देखे ये मेरी अधूरी ख्वाहिशें, उसे गले लगाकर मैं कभी रो भी न सका। अनन्त ©Anant Nag Chandan #Hug हाय! कोई देखे ये मेरी अधूरी ख्वाहिशें, उसे गले लगाकर मैं कभी रो भी न सका। अनन्त
#Hug हाय! कोई देखे ये मेरी अधूरी ख्वाहिशें, उसे गले लगाकर मैं कभी रो भी न सका। अनन्त
read moreKulvant Kumar
" इंसान का बिस्तर एक दिन उसे वो ज्ञान देने लगता है जो बड़े से बड़ा ज्ञानी भी नहीं दे सकता "
read moreSANTU KUMAR
Sad quotes in hindi क़ोई आदत, क़ोई बात या फिर मेरी ख़ामोशी, कभी तो, कुछ तो, उसे भी याद आता होगा.. 🖤🌻 ©SANTU KUMAR क़ोई आदत, क़ोई बात या फिर मेरी ख़ामोशी, कभी तो, कुछ तो, उसे भी याद आता होगा.. 🖤🌻
क़ोई आदत, क़ोई बात या फिर मेरी ख़ामोशी, कभी तो, कुछ तो, उसे भी याद आता होगा.. 🖤🌻
read moreMaMtAa
परख लिया मैंने सबको... माँ-पापा के सिवा कोई अपना नहीं होता ©MaMtAa heart touching life quotes in hindi माँ-पापा के लिए जितना भी लिखूँ कम ही होगा 🙏
wheart touching life quotes in hindi माँ-पापा के लिए जितना भी लिखूँ कम ही होगा 🙏
read moreAnuj Ray
White रोकना मत उसे" भरी महफ़िल में आज ,टूटा है दिल ग़रीब का, महबूब के सपनों के शहर में, मर जाएगा बेचारा गर होश में रहा तो, पीने दो आज कोई "रोकना मत उसे। ©Anuj Ray # रोकना मत उसे"
# रोकना मत उसे"
read moreनवनीत ठाकुर
White लफ़्ज़ कम हों, पर एहसास गहरा देना, मुलाकात को यादों का चेहरा देना। उसकी हंसी में जन्नत का नूर दिखे, उसे देखकर, हर ग़म को किनारा देना। ©नवनीत ठाकुर #लफ़्ज़ कम हों, पर एहसास गहरा देना, मुलाकात को यादों का चेहरा देना। उसकी हंसी में जन्नत का नूर दिखे, उसे देखकर, हर ग़म को किनारा देना।
#लफ़्ज़ कम हों, पर एहसास गहरा देना, मुलाकात को यादों का चेहरा देना। उसकी हंसी में जन्नत का नूर दिखे, उसे देखकर, हर ग़म को किनारा देना।
read moreनवनीत ठाकुर
White मेरा ग़म अब मुझे महसूस कम होता है, जैसे मछली को न हो ख़बर कि समंदर क्या होता है। वो गहराइयाँ अब मेरे हिस्से में यूँ समा गई हैं, जिनमें दर्द का दरिया है, पर कोई असर नहीं होता है। हर मौज का थपेड़ा अब आहिस्ता सा लगता है, दर्द का भी अपना अलग ही सफर होता है। जिसमें डूब कर कभी साँस थम जाने का ख़ौफ था, अब वही ग़म मेरा साथी, मेरा हमसफ़र होता है। अब तो अश्क भी आँखों में ठहरे रहते हैं, दिल के हर ज़ख्म पर जैसे बेअसर होता है। दर्द का दरिया बहता है, पर कोई तासीर नहीं, इस दिल की वीरानी में अब कोई असर नहीं होता है। मेरा ग़म अब मुझे महसूस कम होता है, जैसे मछली को न हो ख़बर कि समंदर क्या होता है। ©नवनीत ठाकुर #मेरा दर्द अब मुझे कम महसूस होता है
#मेरा दर्द अब मुझे कम महसूस होता है
read moreVinod Mishra