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PURAN SINGH
Unsplash Ek shayari Arjit ki Hai.. Har rota hua lamha muskuraega to Sabra to Rakh apna bhi waqt aaega Dhanyvad Dil Se Dil Tak ©PURAN SINGH #leafbook maaf Karna sikhiye kyunki Ham bhi Ishwar se yahi ummid rakhte Hain❤️💕❤️💕❤️💗🌻🌻🌻🙏🙏🙏🙏
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read moreBINOदिनी
कुछ नग्में कुछ गीत हर रोज गुनगुनाते हैं। कुछ लफ्ज़ कुछ जुमले, हर वक़्त दोहराते हैं। ढूंढती हूँ में, कास कोई ऐसा नगमा मिल जाए, हर रोज खोजती हूँ में, कास कोई ऐसा जुमला मिल जाए, बयां करने की जरूरत भी न हो। और आप जनाब, बिन बोले सब समझ जाए।। वैसे तो खूब समझते हैं, आप यूँ ही हमदर्द न कहलाते हैं। थोड़ा"और'" कि ख्वाहिश है, कास यह चाहत भी हमारी पूरी हो जाए।। ©BINOदिनी #Hum
Kiran Pawara
याद आती तो है हर बार जताना जरुरी नहीं कौनसा हम अपने दिल की धड़कन रोज महसूस करते है चल रही है तो कीमत नहीं है तन्हा हो कर देखो हर पल महसूस होगी एक आप हो जो हमे तन्हा छोड़ते नहीं …!! आपका हमदर्द ©Kiran Pawara #Hum love
#Hum love
read morepriyanka verma
"यह शक़्ल सुरत कर्ज़ हैं, उस मालिक का यथार्थ कर्म है। जो इतिहास बनकर संसार में रह जाएंगे। ।" ©priyanka verma #Hum
Writer Mamta Ambedkar
किरदार किरदार कोई बाजार में बिकने वाली चीज नहीं, जो दाम चुका कर झोली में भर लाओगे। ये तो तप का फल है, मेहनत की स्याही, संघर्ष की गीली मिट्टी से गढ़ पाओगे। ये राज़ है आत्मा की गहराई का, जहां झूठ और दिखावा टिक नहीं पाते। सच के आईने में चेहरा निखरता है, और किरदार के रंग खुद-ब-खुद चमक जाते। न कोई मोल है इसका, न कोई तिजारत, ये तो मन का उजाला और आत्मा की विरासत। झूठे दिखावे की भीड़ में भी जो अडिग रहे, वही किरदार है, जो सच्चाई से आगे बढ़े। तो मत ढूंढो इसे बाजार की गलियों में, खुद के भीतर के अंधेरों को टटोलो। किरदार वही है, जो हर कठिनाई में भी, तुम्हें इंसान बनाकर रखे, तुम्हें न कभी तोलो। ©Writer Mamta Ambedkar #Hum
seema patidar
सब्र इतना की साथ देख किसी के उफ तक न करू........ और व्याकुलता इतनी की किसी को नजरभर तुझे देखने ना दू ......... ©seema patidar #Hum
Starry Star
क्यों तू मुझको समझ नहीं पाता बस यही बाते मुझे रात दिन सताती है मैं अगर कहूं कोई बात ओर उसका जवाब मेरे हक में ना आयागा इसलिए ना जाने कितनी बातें मेरे दिल में ही दफ़न रह जाती हैं, हर साँस में उठता है एक दर्द नया सा, ये मुझे कितना तड़पती है नज़रें तो उतर आती हैं, पर दिल में बसते हैं तेरे ही ख़याल, ये बेचैनी का आलम, ओर तेरी यादें मुझे कितना रुलाती है ना जाने कितने सपने टूटे मेरे, कितने अरमान अधूरे रहे मेरे , ये यादों के सागर में, ये तन्हाई की आग क्यों मुझको इतना जलती है हर मोड़ हर रस्ते पर मिलता है, मुझे तेरा ही कोई निशान, ये तेरी जुदाई का गम, ये रातें क्यों नहीं जाती हैं। ख़ामोशी से बोलता है, ये मेरे दिल का हर एक कोना कोना, तेरी आवाज़ सुनने को, ये कान तरसते हैं पर तेरी आवाज क्यों नहीं आती है काश तू समझता मुझे भी कभी "की मेरी धड़कन से यह आवाज बार बार आती है ना जाने कितनी बाते मेरे" दिल में ही दफन रह जाती हैं ©Starry Star #Hum शायरी
#Hum शायरी
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