Find the Latest Status about भेद पहचानिए from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, भेद पहचानिए.
Vikram Singh
तस्वीर सुबह की रोशनी और शाम की होती तो एक जैसी है पर मतलब अलग और मकसद भी अलग होता है उसी तरह जीने का और मरने का भी सबका मकसद भी अलग अलग होता हैं मकसद पहचानिए
Blissful Bihari
बड़े लोगो के साथ रह कर बड़ा होने का दिखावा नहीं करते, जो है खुद के दम पर है किसी और के दम की हवा नहीं करते। हम ऊंची दुकानों के फीके पकवानों से वाकिफ है जनाब, इसी लिए इनके प्यादे बन कर अपना वक्त जाया नहीं करते। ©Bekaar kalakaar अपनी ताकत पहचानिए।
Asha Giri
किसी भी विचार को अनुभव कर शब्दों में पिरोना हमारा काम है। उन विचारों को अपने मस्तिष्क के अनुसार ग्रहण करना ये पाठकों का काम है।। सोंचिये,समझिए,जानिए,पहचानिए।।
NEERAJ SIINGH
भेड़िये कोई और नही होंतें वो इंसान ही है पर स्त्री के शरीर को नोचने के लिए कब कौन कहाँ भेड़िया बन जाये ये समस्या हैं तो मेरा मानना यह हैं भेड़िया को माँ दुर्गा और मां काली यू ही भगा देती हैं क्योंकि वो तो राक्षस का वध करती थीं और भेड़िया या इंसान या राक्षस कोई भी नही टिकता उनके सामने और रही बात आपको यह समझना होगा कि शोषण कहाँ हो रहा है कौन कर रहा हैं कैसे कर रहा हैं और अपना शोषण मत करवाइए , मजबूरी होना सबके साथ हैं सबकी होती हैं पर मजबूरी में कोई देह का शोषण मन का शोषण कर लें यह बेहद गलत हैं और इसे समझना और इससे हिम्मत से नकारना सही हैं और ये करना भी चाहिए , भेड़िये की जब तक आप वाट नही लागाएँगे वो मांस नोचता रहता हैं और आपको अपना शरीर स्वयं बचाना होगा, #neerajwrites भेड़िये को पहचानिए और भगाइये
nisha yaduvanshi
क्यों करते हो काले गोरे का भेद , क्यों बांटते हो इंसानो को रंग रूप और उनके कद देख कर, कभी तो इससे उप्पर उठ कर सोचो तुम, कभी तो इंसानियत को तवज्जु देकर देखो तुम, कभी तो इंसान की सीरत को महत्त्व देकर देखो तुम, ईस्वर ने हर किसिको खूबसूरत बनाया है एक बार अपनी आँखों में खूबसूरती भर कर तो देखो तुम हर किसी में खूबसूरती नज़र आएगी एक बार अपने मन से ये भेद हटा कर देखो तुम क्या रखा इस सुरत में ये तो मोह माया है , ###$$$ भेद###
Sudha Upadhyay
मैं उसे सबसे अमीर समझता रहा। आज जब वक्त ने तलब किया कुछ रिश्तों को आजमाने की, तो भेद सारे खुल गए। वो तो बड़ा गरीब निकला, उसके पास शब्दों के, चंद सिक्के भी न थे। भेद
Saindy Bhai Official
चूल्हा मिट्टी का मिट्टी तालाब की तालाब ठाकुर का भूख रोटी की रोटी बाजरे की बाजरा खेत का खेत ठाकुर का बैल ठाकुर का हल ठाकुर का हल की मूठ पर हथेली अपनी फ़सल ठाकुर की कुआँ ठाकुर का पानी ठाकुर का खेतखलिहान ठाकुर के गली मुहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या? गाँव? शहर? देश? - ओम प्रकाश वाल्मीकि #भेद
Shama patil sanghvi
भेद दिवसामागून रात्र ही सरली सुखामागीता दुःखे विरली बेरंगात मिसळले रंग मृणमयी मलूल कांतीस केवडा खुलवी सारं कसं घडत गेलं कळण्याआधीच हास्य उमटलं या मनोहर क्षणी जरीही वाटते सारं सत्य दारी तरीही या क्षणास मला ओंजळीत भरता येणार का? भीती या दिनाची रूतली अंतरी का? #भेद
शब्दिता
गिरने और बिखरने में भेद, गिरते वह हैं जो अभिमान में अकड़कर चलते हैं। और बिखरते वह हैं जो धागों में पिरोए हुए मोतियों से होते हैं। #भेद