Find the Latest Status about इश्काचा बाण सुटला लावणी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, इश्काचा बाण सुटला लावणी.
Ajit Singh "Prince"
White इसीलिए कूछ कहते नहीं हम, चूभे ना तुम्हें कभी शब्द हमारे। कहा तूमने ही था हथियार नहीं, एक दिन शब्द बाण ही मारेंगे तूम्हारे। ©Ajit Singh "Prince" #Sad_Status शब्द बाण।
#Sad_Status शब्द बाण। #कोट्स
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White लावणी छन्द इस माँ से जब दूर हुआ तो , धरती माँ के निकट गया । भारत माँ के आँचल से तब , लाल हमारा लिपट गया ।। सरहद पर लड़ते-लड़ते जब , थक कर देखो चूर हुआ । तब जाकर माँ की गोदी में , सोने को मजबूर हुआ ।। मत कहो काल के चंगुल में , लाल हमारा रपट गया । जाने कितने दुश्मन को वह , पल भर में ही गटक गया ।। सब देख रहे थे खड़े-खड़े , अब उस वीर बहादुर को । जिसके आने की आहट भी , कभी न होती दादुर को ।। पोछ लिए उस माँ ने आँसूँ, जिसका सुंदर लाल गया । कहे देवकी से मिलने अब , देख नन्द का लाल गया ।। तीन रंग से बने तिरंगे , का जिसको परिधान मिले । वह कैसे फिर चुप बैठेगा , जिसको यह सम्मान मिले ।। सुबक रही थी बैठी पत्नी , अपना तो अधिकार गया । किससे आस लगाऊँ अब मैं , जीने का आधार गया ।। और बिलखते रोते बच्चे , का अब बचपन उजड़ गया । कैसे खुद को मैं समझाऊँ , पेड़ जमीं से उखड़ गया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR लावणी छन्द इस माँ से जब दूर हुआ तो , धरती माँ के निकट गया । भारत माँ के आँचल से तब , लाल हमारा लिपट गया ।। सरहद पर लड़ते-लड़ते जब , थक कर देखो
लावणी छन्द इस माँ से जब दूर हुआ तो , धरती माँ के निकट गया । भारत माँ के आँचल से तब , लाल हमारा लिपट गया ।। सरहद पर लड़ते-लड़ते जब , थक कर देखो #कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White विधा :-गीत / लावणी छन्द विषय :- सावन आया बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ । सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपने बात लिखूँ ।। बह मत जाये अब यह काज़ल ... तब डालूँ विरवा में झूला , संग तुम्हारे जब झूलूँ । पाकर पास तुम्हें प्रियतम जब ,गदगद होकर मैं फूलूँ ।। अब करके याद तुम्हें निशिदिन, विरहन वाली रात लिखूँ । बह मत जाये अब यह काज़ल.... कितने सावन बीत गये हैं , तुम ही अब बतलाओ तो । रहा अधूरा गीत मिलन का , आकर कभी सुनाओ तो ।। पाकर प्रेम अधूरा तेरा , मैं पगली सौगात लिखूँ । बह मत जाये अब यह काज़ल... देहरी तुम्हारी बैठी मैं , तेरी बाट निहारूँ हूँ । घड़ी-घड़ी अब धड़के जियरा, रह रह तुझे पुकारूँ हूँ ।। आज अधूरी प्रेम कहानी , की वही मुलाकात लिखूँ । बह मत जाये अब यह काज़ल .... बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ । सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपनी बात लिखूँ ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विधा :-गीत / लावणी छन्द विषय :- सावन आया बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ । सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपने ब
विधा :-गीत / लावणी छन्द विषय :- सावन आया बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ । सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपने ब #कविता
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
हमारी वास्तविक आवाज शीर्षक बेटियों का जीवन विधा विचारनुमा भाषा शैली हिन्दी भाव वास्तविक बेटियों से रौनक बेटियों से शान तो फिर क्यों हो #Life #Trending #बेटी #poetrycommunity #Emotional #femalerealvoice #कवितावाचक #tarukikalam25
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- मिलकर करना वंदना , कहते पुराण वेद । कट जायेंगे कष्ट सब , करो न कोई भेद ।। हृदय रखो विश्वास तो , चले राम जी साथ । बस कर लो अनुभूति यह , वे ही थामें हाथ ।। कैसे मानूँ मैं यहाँ ,हूँ मैं एक अनाथ । चलते भोलेनाथ जी , थामें मेरा हाथ ।। सोम-सोम उपवास कर , भर मन में विश्वास । हरे व्याधि शिवनाथ जी , रखना इतनी आस ।। रिश्तों में विश्वास ही , हुए मनुज के प्राण । अगर नहीं विश्वास तो , मधुर वचन भी बाण ।। मातु-पिता भगवान हैं , कर भी लो विश्वास । उनसे ही तो पूर्ण है, जीवन की हर आस ।। गुरुवर होते देव हैं , देते समुचित ज्ञान । जिसको पाकर शिष्य सब , बन जाते इंसान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- मिलकर करना वंदना , कहते पुराण वेद । कट जायेंगे कष्ट सब , करो न कोई भेद ।। हृदय रखो विश्वास तो , चले राम जी साथ । बस कर लो अनुभूति य
दोहा :- मिलकर करना वंदना , कहते पुराण वेद । कट जायेंगे कष्ट सब , करो न कोई भेद ।। हृदय रखो विश्वास तो , चले राम जी साथ । बस कर लो अनुभूति य #कविता
read moreGoluBabu
#कैसे_बना_जगन्नाथजी_का_मंदिर जगन्नाथ मंदिर जाने से पहले जानें यह रहस्य समुद्र बार बार जगन्नाथ मंदिर को तोड़ रहा था और विष्णु जी से प्रतिशोध ल #Bhakti
read more