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Himaani
White ओ मेरे जज्बात से खेला ओ मेरे दिल से खेला जब उसको नहीं लड़की मिल गई तब उसने हां मुझको छोड़ 😔😔😔😔 ©Himaani # उसने मेरा दिल तोड़ा मोटिवेशनल कोट्स हिंदी
# उसने मेरा दिल तोड़ा मोटिवेशनल कोट्स हिंदी
read moreवैभव जैन
White 💠मेरा दिल 💠 🎄मेरी दौलत 🎄 मेरे मित्र पूछते हो मेरी प्रसन्नता का राज पूछते हो मेरी दौलत के बारे में कौनसा खजाना है मेरे पास जो हरदम मुझे प्रसन्न रखता है जानना चाहते हो मित्र तो सुनो ध्यान से सुनो मेरी दौलत ऐसी दौलत नहीं है जिसे मुझे कोई और दे सके अथवा मुझसे कोई मेरी दौलत छीन सके मेरी दौलत मेरा अपना खूबसूरत दिल है मेरी दौलत मेरी अपनी उजली सोच है मेरी दौलत मेरा मनुष्य होना है एक ऐसा मनुष्य जिसे इंसानियत से प्यार है जिसके हृदय में प्रभु कृपा से सद भावो की बहार है सबके सुख की कामना है सब को मिले शांति सबका कल्याण हो यह मेरी आत्मा की पुकार है जियो और जीने दो का संस्कार है गुरु कृपा से पावन मन पवित्रता का आधार है आप मित्रों का स्नेह ही मेरी प्रसन्नता का त्यौहार है ©वैभव जैन #मेरा दोस्त
#मेरा दोस्त
read moreवैभव जैन
White 🔷🔶मेरा मन🔷🔶 कीचड़ और कीचड़ से मुक्ति दोनों जल से होती है पाप बंध और पाप से मुक्ति दोनों मन से होती है मन से बंधन से मन मुक्ति मन में ही महावीर बसा मन ही रावण मन दुर्योधन मन में ही तो कंश बसा संयम धारण करले मन कुंदन करेगी तप की अगन निज में रमजा अब तो मन चिंतन मंथन कर ले मन राम जगेगा तुझ में मन ओ मेरे बैरागी मन ©वैभव जैन #मेरा मन
#मेरा मन
read moreवैभव जैन
White 🔷मेरा मन 🔷 चंचल चंचल चंचल मन मेरा यह बंजारा मन नगर डगर यह घूम रहा है मेरा यह बंजारा मन पल मैं यहां और पल में वहां घूम रहा है सारा जहां राग द्वेष के चित्र बनाएं मकड़ी जैसा जाल बुने आप ही उलझे आप ही सुलझे अजब निराला मेरा मन ©वैभव जैन # मेरा मन
# मेरा मन
read moreF M POETRY
White मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है.. तुम्हारी याद फिर से आ रही है.. यूसुफ़ आर खान..... ©F M POETRY #मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है...
#मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है...
read moreAbhishek Jha
White मैं मंदिर वहां बनाऊंगा!, जहाँ मिले दीन का संग!, मैं ढूंढू ईश्वर को उस जगह !, जहाँ होती हो ना कोई जंग!, मैं सदन उसी को बताऊंगा!, जहाँ मिले वृद्ध को मान!, मैं समाज तभी कहलाऊंगा!, जब मुझ में हो नारी सम्मान!, मैं मानव को वहीँ बसाउंगा!, जहाँ हो मानवता में विश्वास!, मैं भविष्य वही देख पाउंगा!, जहाँ सच्चाई लेती हो साँस! मैं उस सभ्यता का होके रह जाऊंगा! शांति हो जिसकी पहचान!, मैं हर दिन त्यौहार मनाऊंगा!, जो विश्व हो जाए एक करने विश्वकल्याण! ©Abhishek Jha मेरा स्वपन
मेरा स्वपन
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