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Parasram Arora
Unsplash जीवंन के विकास क्रम. मे आचरण की शिथिलता स्पष्ट नजर आ रहीं हैँ संवेदनाओं के स्तर धीरे धीरे शून्यता की तरफ अग्रसर होते दिख रहेहैँ और बुलंदियों की सुदौल आकृति भी लड़खड़ाती हुई दिख रहीं हैँ ©Parasram Arora जिवंन के विकास क्रम मे
जिवंन के विकास क्रम मे
read moreहिमांशु Kulshreshtha
Unsplash तेरी यादों की ओढ़ कर चादर तेरे ख्यालों की गलियों में की हैं हम ने आवारागर्दियाँ बस यूँ ही काटी है हमनें दिसंबर की सर्दियाँ!! ©हिमांशु Kulshreshtha तेरी यादों की..
तेरी यादों की..
read moreF M POETRY
Unsplash आरज़ू है यही तमन्ना है.. तेरी बाहों में जीना मरना है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #तेरी बाहों में...
#तेरी बाहों में...
read moreBhupendra Ganjam
Unsplash आवाज लगाऊँ फुर्सत से, तुमको एक शाम मेरे दिल मे तेरी यादें ठहर क्यूँ नही जाती.. ©Bhupendra Ganjam #library आवाज लगाऊँ फुर्सत से, तुमको एक शाम मेरे दिल मे तेरी यादें ठहर क्यूँ नही जाती.. shayari status Kartik Aaryan shayari sad
#library आवाज लगाऊँ फुर्सत से, तुमको एक शाम मेरे दिल मे तेरी यादें ठहर क्यूँ नही जाती.. shayari status Kartik Aaryan shayari sad
read moreRAMLALIT NIRALA
एक माँ के दो लाल दोनो का प्यार निराला है दूनिया के रित अजिब है यारो जब हो रहा बटवारा है। मन मोह के जाल में फंस के आखो पे पट्टी छाई है बचपन कि बाते भुल गया अब देखो घर ये कैसी आई है ©RAMLALIT NIRALA भाई भाई मे बटवारा
भाई भाई मे बटवारा
read moreRAMLALIT NIRALA
एक माँ के दो लाल दोनो का प्यार निराला है दूनिया के रित अजिब है यारो जब हो रहा बटवारा है। मन मोह के जाल में फंस के आखो पे पट्टी छाई है बचपन कि बाते भुल गया अब देखो घर ये कैसी आई है ©RAMLALIT NIRALA भाई भाई मे बटवारा
भाई भाई मे बटवारा
read moreParasram Arora
White मेरी यादो मे तुम बसें हो पर अफ़सोस नाम तुम्हारा याद नहीं अगली बार ज़ब तुम मिलो तो अपना नाम ज़ोर से बोल कर मुझसे गले मिलना ©Parasram Arora मेरी यादो मे तुम
मेरी यादो मे तुम
read moreParasram Arora
White तेरी पायल की खनक से मै गहरी नींद मे भी जाग जाता हू आँखे मसल कर चारो तरफ तुझे ढूंढ़ता हू पर न जाने तुम म होती हो कहा पथरो के इस शहर मे आकर मै भी एक पत्थर बन गया हू अब तेरे मासूम स्पर्श से भी मेरे जज्बात कंपते हैँ कहा? ©Parasram Arora पथरो के शहर मे
पथरो के शहर मे
read moreParasram Arora
White प्रेम के अभाव मे जीवन मारुस्थलीय जीवन की तरह हो जाता है.. ऐसे खुशक जीवन मे दूर दूर तक कोई जल स्त्रोत या कोई झरना नहीं दिखता. और न ही कही धूप मे बचने के लिए किसी वृक्ष का साया ही मिल पाता है ©Parasram Arora प्रेम के अभाव मे
प्रेम के अभाव मे
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