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Anushka Rathore
दोस्तों के लिए शायरी ©Anushka Rathore जिंदगी रहे या ना रहे दोस्त के लिए कुर्बान है Jay Shri Ram शायरी दोस्ती शायरी
जिंदगी रहे या ना रहे दोस्त के लिए कुर्बान है Jay Shri Ram शायरी दोस्ती शायरी
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी खून में सने हाथ ,कत्ल सरेआम हो रहे है भड़कते दंगे बलबे चुनौती सबको दे रहे है पीड़ित है उनसे जन जन जहर समाज को दे रहे है मगर एक बूंद मच्छर किया पीले उससे रोकथाम के लिये विज्ञापनों में चर्चे हो रहे है कटघरे में मुझे खड़ा कर मिटाने के लिये कई प्रबन्ध हो रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #chill मिटाने के लिये कई प्रबन्ध हो रहे है
#chill मिटाने के लिये कई प्रबन्ध हो रहे है
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी अंधो को भी सुबह का एहसास हो अंतिम छोर तक हर्षोउल्लास हो गैर बराबरी शिक्षा से मिटे सबको जीने का एक सा अधिकार हो हुनर पनपे सभी प्रतिभा का सम्मान हो मगर गला काट कर, मर्यादा भंग दायरे के बहार प्रशासन के सब अंग अनैतिकता के दिखते सियासती रंग नही बचा अब जनता पर जीने का ढंग मायूसी से चेहरे बिगड़ रहे है रोजगार व्यापार मेहनत का फल नही दे रहे है अराजकता की पीके भंग लूट पाट के दिखते सत्ताओ के ढंग प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari मायूसी से चेहरे के रंग बिगड़ रहे है
#love_shayari मायूसी से चेहरे के रंग बिगड़ रहे है
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी मिथक टूट रहे है सियासतों के लोकतंत्र खतरे में है मूल्यांकन कैसे हो सरकारों का जब सब संस्थाये दहशत में है घण्टी कौन बाँधे नेताओ के कार्यप्रणाली इनकी डकैतों और गुंडों जैसी है आंदोलनों से कोई सत्ता नही हिलती मीडिया और पत्रकार उसके चरनबन्दन में है न्यायालय को भी सुध नही है अब बुलडोजरों की दहशत है विपक्ष की कमर तोड़ दी, संवाद और आवाज उठा नही पाता है समस्याओं से जनता घिरी है पतन की ओर देश जाता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning मिथक टूट रहे सियासतों के #nojotohindi
#GoodMorning मिथक टूट रहे सियासतों के #nojotohindi
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी हदे सब पार कर अंधाधुंध जहर बाँट रहे है विकासवाद का ढोल पीटकर दिन जीवन के घटा रहे है बदल रहे है मौसम के तेवर प्रदूषण से अंग अंग गले जा रहे है छटपटाते अब दिन गुजर रहे है रोगो के कितने वेरेंटियर रोज आ रहे है सरकारों ने हाथ खड़े कर दिये बस जुर्माने और चालान काटकर वाह वाही विज्ञापनों से लूटे जा रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sunset_time रोगो के कितने वेरेंटियर आ रहे है #nojotohindi
#sunset_time रोगो के कितने वेरेंटियर आ रहे है #nojotohindi
read moreAzaad Pooran Singh Rajawat
White "एक है ज़मीं दो है मूल कहीं मिलते हैं शूल कहीं खिलते हैं फूल एक है ज़मीं दो है मूल।" "खुशी मिले या गम सदैव मुस्कुराते रहे हम।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #sad_dp #सदैव मुस्कुराते रहे#