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Akash. gara😊
#PulwamaAttack अब क्या समझाना रह गया सबको देखो ये कैसा चित्र है गुजरात का हकीकत अपनी छिपा के, किसको क्या समझाना चाहते हो ढह जाती है खोखली इमारत हमेशा गरीबो को मार देना चाहते हो जात-धर्म के बाद अमीर- गरीब ,करना चाहते हो ये जो दीवार खिंची है तुमने, इसका भी जबाब मिलेगा क्या ऐसा खोखला हिन्दुतान बनाना चाहते हो गुजरात
pramod malakar
गुजरात में जरूर कोई बात है, मिला नरेंद्र मोदी जी का साथ,सुधर गया हालात है। कांग्रेस का था शासन,आतंक मचा रखा था कुशासन। मोदी जी का सपना अनोखा था, विरोधियों का सपना खाली खोखा था। गुजरात कि हालात बदतर थी, कांग्रेस भाजपा में हो रही टक्कर थी। मजदूर,किसान,व्यापारी सब बदहाल था, जनता के मन में उबल रहा कई सवाल था। सनातनी राष्ट्र भक्त भाई नरेन्द्र मोदी आया, अपना दमखम पुरे गुजरात को दिखलाया। शहर,कस्बा,गांव सब चमकने लगा, जो सोया था मुर्झाए मन से देख वह भी जगा। मोदी जी प्रधानमंत्री बनें तो देश जाग गया, जेहादी प्रेमियों का राजनीति मुर्झा गया। अब सपना है एक भारत हिन्दू राष्ट्र का, जात का,न पात का जरुरत है हिन्दुओं के साथ का। सनातन संस्कृति अगर प्रमोद को बचाना है, कमल फूल पर बटन दबाकर भाजपा को जीताना है। जीतना है 100% लोकसभा और विधानसभा, निकाल दो सब मिलकर भारत विरोधियों कि हवा। हिन्दुओं में दम बहुत खास है,मिला नरेन्द्र मोदी का साथ है, सुधर रहा अब देश का हालात है।। 11111111111111111111111111111111111111 प्रमोद मालाकार, कार्यसमिति सदस्य, झारखंड प्रदेश OBC . मोर्चा , भाजपा। ©pramod malakar #गुजरात
कवि आदेश दुबे
योगी तुम्हारे प्रदेश में मचा है आतंक। क्या ऐसे ही सरकार चलेगी बोलो महंत।। तुम चुनाव में मस्त जनता रहे त्रस्त। भगवाधारियों का होता रहेगा क्या ऐसे ही अंत। । कमलेश तिवारी हत्याकांड
Soch Apni Apni
रो उठीं बाग की दीवारें हर दिशा ख़ौफ़ से डोली थी। ज़ालिम डायर ने जब खेली खूँख़ार खून की होली थी। गुमनाम शहीदों की गणना ख़ुद मौत न कर पाई होगी। निष्ठुरता भी चीखी होगी, निर्ममता चिल्लाई होगी। ©R. k. singh # जलियांवाला बाग हत्याकांड
ABHISHEK TIWARI
जलियांवाला बाग हत्याकांड:- यहाँ कोकिला नहीं, काग हैं, शोर मचाते, काले काले कीट, भ्रमर का भ्रम उपजाते। कलियाँ भी अधखिली, मिली हैं कंटक-कुल से, वे पौधे, व पुष्प शुष्क हैं अथवा झुलसे। परिमल-हीन पराग दाग़ सा बना पड़ा है, हा! यह प्यारा बाग़ खून से सना पड़ा है। ओ, प्रिय ऋतुराज! किन्तु धीरे से आना, यह है शोक-स्थान यहाँ मत शोर मचाना। कोकिल गावें, किन्तु राग रोने का गावें, भ्रमर करें गुंजार कष्ट की कथा सुनावें। कोमल बालक मरे यहाँ गोली खा कर, कलियाँ उनके लिये गिराना थोड़ी ला कर। तड़प तड़प कर वृद्ध मरे हैं गोली खा कर, शुष्क पुष्प कुछ वहाँ गिरा देना तुम जा कर। यह सब करना, किन्तु यहाँ मत शोर मचाना, यह है शोक-स्थान बहुत धीरे से आना। ~सुभद्रा कुमारी चौहान जलियांवाला बाग हत्याकांड