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Jitendra Kumar Som
सियार न्यायधीश किसी नदी के तटवर्ती वन में एक सियार अपनी पत्नी के साथ रहता था। एक दिन उसकी पत्नी ने रोहित (लोहित/रोहू) मछली खाने की इच्छा व्यक्त की। सियार उससे बहुत प्यार करता था। अपनी पत्नी को उसी दिन रोहित मछली खिलाने का वायदा कर, सियार नदी के तीर पर उचित अवसर की तलाश में टहलने लगा। थोड़ी देर में सियार ने अनुतीरचारी और गंभीरचारी नाम के दो ऊदबिलाव मछलियों के घात में नदी के एक किनारे बैठे पाया। तभी एक विशालकाय रोहित मछली नदी के ठीक किनारे दुम हिलाती नज़र आई। बिना समय खोये गंभीरचारी ने नदी में छलांग लगाई और मछली की दुम को कस कर पकड़ लिया। किन्तु मछली का वजन उससे कहीं ज्यादा था। वह उसे ही खींच कर नदी के नीचे ले जाने लगी। तब गंभीरचारी ने अनुतीरचारी को आवाज लगा बुला लिया। फिर दोनों ही मित्रों ने बड़ा जोर लगा कर किसी तरह मछली को तट पर ला पटक दिया और उसे मार डाला। मछली के मारे जाने के बाद दोनों में विवाद खड़ा हो गया कि मछली का कौन सा भाग किसके पास जाएगा। सियार जो अब तक दूर से ही सारी घटना को देख रहा था। तत्काल दोनों ही ऊदबिलावों के समक्ष प्रकट हुआ और उसने न्यायाधीश बनने का प्रस्ताव रखा। ऊदबिलावों ने उसकी सलाह मान ली और उसे अपना न्यायाधीश मान लिया। न्याय करते हुए सियार ने मछली के सिर और पूँछ अलग कर दिये और कहा - "जाये पूँछ अनुतीरचारी को गंभीरचारी पाये सिर शेष मिले न्यायाधीश को जिसे मिलता है शुल्क।" सियार फिर मछली के धड़ को लेकर बड़े आराम से अपनी पत्नी के पास चला गया। दु:ख और पश्चाताप के साथ तब दोनों ऊदबिलावों ने अपनी आँखे नीची कर कहा- "नहीं लड़ते अगर हम, तो पाते पूरी मछली लड़ लिये तो ले गया, सियार हमारी मछली और छोड़ गया हमारे लिए यह छोटा-सा सिर; और सूखी पुच्छी।" घटना-स्थल के समीप ही एक पेड़ था जिसके पक्षी ने तब यह गायन किया - "होती है लड़ाई जब शुरु लोग तलाशते हैं मध्यस्थ जो बनता है उनका नेता लोगों की समपत्ति है लगती तब चुकने किन्तु लगते हैं नेताओं के पेट फूलने और भर जाती हैं उनकी तिज़ोरियाँ।" ©Jitendra Kumar Som #KiaraSid सियार न्यायाधीश
Anand Dadhich
Mirror दर्पण से कहदो अच्छे से देखें लोगों की सूरत, हर दिन न सही यदा कदा तो बताते रहे फितरत, हर मुखड़े की हँसती हुई तस्वीरें है यहाँ वहाँ, फिर कौन सियार बनकर फैला रहा है ये नफरत। ©Anand Dadhich #दर्पण #सियार #विचार #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia #Mirror
Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
N S Yadav GoldMine
जो भी धनवान, बड़ा पद मिलने पर या राजा आदि बनने पर अपने साथियों को भूल जाता है वह इस सियार की तरह होता है पढ़िए कहानी !! 🦊🦊 {Bolo Ji Radhey Radhey} नील के बर्तन में गिरे सियार की कहानी :- 🍒 एक जंगल में चडरव नाम का एक सियार रहता था एक दिन उसे खाने के लिए भोजन नहीं मिल रहा था तो वह भटकते हुए एक गांव में घुस गया। घुसते ही उसके पीछे कुत्ते पड़ गए। कुत्तों ने उसे दांत और पंजों से जख्मी कर डाला पर वह साहस करता हुआ भागता रहा और एक कपडे रंगने वाले व्यक्ति के घर में जा घुसा वहां उसने कपडे रंगने के लिए एक बड़े बर्तन में नील घोल कर रख रखा था। 🍒 सियार उसमे जा गिरा और नीले रंग का हो गया। कुत्ते भी उसे पहचान नहीं पा रहे थे जिस कारण वो अपनी अपनी दिशा में चले गए। सियार ने मौका देखकर जंगल की और भागना शुरू कर दिया। जंगल के सभी जीव उसे अलग ही तरह का जीव समझ रहे थे। तभी एक शेर और उसके साथियों की नजर उस पर पड़ी सियार जानता था कि कोई भी जीव मुझे इस रूप में देख कर हानि नहीं पहुंचाएगा क्योंकि सभी मुझसे डर रहें हैं। वैसा ही हुआ शेरों की भी सियार को खाने की हिम्मत नहीं हो रही थी। 🍒 जंगल के सभी प्राणी उसका नीला रूप देख कर डर रहे थे। तभी सियार कहता है- डरो मत मुझे ब्रम्हा जी ने बनाकर तुम्हारे उद्धार के लिए तुम्हारे पास भेजा है। मैं तुम सबको अपनी शरण में ले लूंगा। इस तरह अभी प्राणियों ने सोचा कि यह जीव सच कह रहा है क्योंकि हमने आजतक ऐसा जीव इस जंगल में नहीं देखा। 🍒 सभी उसे अपना राजा मान लेते हैं और सियार उनको अपने सभी महत्वपूर्ण पद देता है जैसे शेर को मंत्री, बाघ को सेजपाल और भेड़िये को दरबान आदि। पर उस सियार ने अपने सभी परम मित्रो जो सियार ही थे उनको जंगल से निकाल दिया। सियार राजा बनकर बहुत खुश था वह दूसरे सियारों से बात भी नहीं करता था। 🍒 चड़रव सियार को राजा बने हुए कुछ समय बीत गया लेकिन एक दिन उसे जंगल में कुछ दूसरे सियारों की आवाजें सुनाई दी। वह अपने आप को रोक न सका और जोर से आवाज निकलने लगा सभी प्राणी समझ गए कि यह दुष्ट सियार नीला रंग अपने शरीर पर रंग कर हमें धोखा दे रहा है तभी क्रोधित होकर शेरों ने उसे मार डाला। कहानी की शिक्षा :-🍒 इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि जो भी धनवान, बड़ा पद मिलने पर या राजा आदि बनने पर अपने साथियों को भूल जाता है और अजनबियों को अपनाता है वह मुर्ख चडरव नाम के सियार की तरह मृत्यु पाता है। ©N S Yadav GoldMine जो भी धनवान, बड़ा पद मिलने पर या राजा आदि बनने पर अपने साथियों को भूल जाता है वह इस सियार की तरह होता है पढ़िए कहानी !! 🦊🦊 {Bolo Ji Radhey Ra
Sunil itawadiya
!! शांत है तो श्रीराम है !! !! भड़क गए तो परशुराम है !! परशुराम जयंती की आप सभी को हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं हैप्पी परशुराम जयंती आप सभी को शेरनी की नस्लें , सियार पैदा नहीं करती ,, #ब्राह्मण की मां गद्दार पैदा नहीं करती ,, सुनो दुनिया वालो…! भेड़ि
Shivraj Solanki
दुष्ट सियार एक अंधेरवन नाम का जंगल था जिस जंगल में सीताराम नाम का भेड़िया राज किया करता था उस भेड़िए के दरबार में बहुत से जानवर राजा के सलाहकार थे परन्तु एक चतुर सियार भी था जो राजा को कुछ समझने ही नहीं देता था। राजा उस सियार की बातो पर ही अमल किया करता था। सियार के दिन राजा की छत्र छाया में बढ़िया से कट रहे थे। जो राजा के लिए आता उसमे से उसका भी गुजर बसर हो जाता और उसने जंगल के दो चार बड़े बड़े जानवरों को अपनी तरफ मिला लिया था। अब राजा जब भी उसकी बात नहीं मानता तो वो उनका डर दिखा देता और अपनी बात मनवा लेता ।राजा के दरबार का कोई मंत्री राजा को कोई बात समझने की कोशिश करता तो वह उनको बड़े जानवरो से पिटवा देता इस प्रकार सभी इस आस में बैठे थे कि कैसे भी ये राजा चला जाए और नया राजा आ जाये तो इनकी सारी परेशानियां ख़तम हो जाएगी। भगवान उनकी बात सुन लेता है और वहां का राजा परेशान होकर वहां से भाग कर दूसरे जंगल में चला जाता है और फिर राज्य में एक शेरनी आती है वहां पर राजा नहीं होता है तो वह वहां की रानी बन जाती है। सियार को इस बात की खबर लगते ही वह दौड़ा दौड़ा चला आता है और साथ में जंगल के बड़े जानवरो को भी लाता हैं । रानी को एक एक कर सब से परिचित करवाता है । इस तरह वह रानी पर भी अपना दबाव बना लेता है । अपने शासन के शुर में रानी सब की बात सुनती थी परन्तु अब केवल सियार की बात सुनती है ……………………… शिव सुन्दर सोलंकी #वास्तविक कहानी दुष्ट सियार इसमें पात्रों को बदल दिया गया है एक अंधेरवन नाम का जंगल था जिस जंगल में सीताराम नाम का भेड़िया राज
#maxicandragon
तुम पालो बाज तुम पालो शेर असली में हो तुम सियार और भेड लगने बस दो भभूत इस तन पर मेरा इक नंदी कर देगा सब ढेर अभी तो बस खोले है हमने द्वार कपट तैखाने कुछ जेल खुलने तो दो मन के ताले आरंभ हुआ है नहीं हुई है देर संपूर्ण विश्व जहाँ जहाँ सनातन पाओगे शिव राम और लाखन मत कहना तुम शब्द अनैतिक वरना मक्का भी कर देंगे ढेर #सनातन #Sadharanmanushya ©#maxicandragon तुम पालो बाज तुम पालो शेर असली में हो तुम सियार और भेड लगने बस दो भभूत इस तन पर मेरा इक नंदी कर देगा सब ढेर अभी तो बस खोले है हमने द्वार