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Anudeep
Unsplash एक खामोशी जब. गहरी अता हो... जिस्म मिटे... रूह खुदा हो... ये शोरत,नाम ,मुकाम सभी... मिट्टी, मिट्टी... या फिर धुआ, धुआ हो.. होगा हजुम आख़िरी वक़्त ख़ूब... ज़मीन पे तेरे होने पर... आखरी नींद तेरे सोने पर. ©Anudeep #library poetry in hindi love poetry in hindi hindi poetry hindi poetry
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read moreHarshit Tyagi
White आज हल्की हल्की बारिश है , और सर्द हवा का रक्स भी है आज फूल भी बिखरे बिखरे से हैं , और उनमें तेरा अक्श भी है ©Harshit Tyagi #flowers #rudrapur #uttarakhand
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White "vo haqikat thi yaa bass kahani" part -3 5 months later... Pune Yeh kaam kaaji bhaag do thi Pune meh project meeting shor thi Vo baarish ka mausam,mitti ki khushboo charo or thi Raste meh bus stop kangan vaale hatho meh Or smile yeh sagai vaali Dil ki chor thi Bijli chamakti, par aankhein uski chama kaaye, Mere khwaabon ke baag mein, bas wahi mahekaye. Barish ki boondon se bheegi woh zulfein, Jaise amaavas mein chhupa hua chand khulfein. Phir...?? Tapri ke kone par, ek cup chai ke saath, Bheegi si shaam thi, aur dil ke jazbaat. Tapak rahi thi boondein, aasman se zameen tak, Aur hum dono baatein karte, jaise duniya ho thak. Zameen par geeli mitti, aur hawaon ka geet, Dil ne suna woh baat, jo shabdon se thi pareek. Woh haske boli, "tum bhout bure ho 😂," Aur maine socha, "yeh pal hi bas kareeb hai।" Kismat ne phir ek baar milaya hai Shayad iss baar rab ne raham barsaya hai Aage kya huaa....?? Picture abhi baaki hai mere dost...😉 ©Arjun Negi #love_shayari metaphysical poetry Extraterrestrial life deep poetry in urdu poetry on love poetry in hindi #Chamoli #Uttarakhand #Gopeshwar
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read moreOmma
Ye Kaise Mausam Chal raha hai sardi ke kapde pahno to dhup nikal aati hai aur utaaro to thand lagne lagti hai 🤣😅 ©Omma Mausam ka Haaal samachar #samachar #Comedy #post #laugh #masti
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White छोड़ता हूँ तुझे, इस दिल के अंधेरे कोने में, जहाँ यादें जगमगाएँगी, तन्हाईयों के सोने में। जुड़ा हूँ तुझसे, मगर राहें दूर हो जाएँगी, तेरी मुस्कान में बसी मेरी छवि रह जाएगी। सपनों की चादर पर बुनता था तेरी सूरत, अब उस चादर को समेट रहा हूँ धीरे-धीरे, तेरी याद का इत्र रहेगा सांसों में रचा-बसा, मगर हकीकत में तुझसे दूर जा रहा हूँ धीरे-धीरे। तू मेरी रूह का वो अनकहा गीत थी, जिसे मैंने अपनी सांसों से सजाया था, पर आज तुझे विदा कर रहा हूँ उस आहट से, जो बस मेरे ख्वाबों की सहर में बसाया था। तू रहेगी हर धड़कन में, हर गूंज में बसी, मगर इस बंधन को छोड़ रहा हूँ, बस यादों में सजी। रहूँगा तेरे हर लम्हे में, जैसे परछाईं हूँ तेरी, पर इस दूरी में ही मेरे इश्क़ की सच्चाई है खड़ी। इस चाहत का बीज दिल में दबाए रखा है, तू खिलना चाहे तो हर फूल में पनाह पाएगी, मेरी परछाईं बनके तेरी राहों में बसी रहेगी, पर पास आऊँ तो तू मुझसे दूर हो जाएगी। तेरी आँखों में खुद को देखना छोड़ दूँगा, मगर यादों की बारिश में भीगने का हक़ तेरा है, जुड़ा हूँ तुझसे, पर तेरा न हो सका कभी, अब तेरी हर याद में बसा, बस एक सपना रहूँगा। ©Arjun Negi #Sad_Status #Uttarakhand #Chamoli #Prem #longdistance #northernlights #santorini
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White बिछड़ने की वजह" मैं था बसंत का इक फूल खिला, तेरी राहों में खुशबू सा मिला। मगर जड़ें मेरी कमज़ोर थीं, सूखी मिट्टी से चिपकी, बेजोर थीं। मैं इक सूखा दरिया, एक बेजान परिंदा, खो चुका अपनी राह, बेसहारा सा जिन्दा। कभी था मैं बाग़, हरियाली की तरह, अब हूँ सिर्फ़ एक परछाईं, बेजान सी क़ब्र। तू है सवेरा, उजाला, नर्म धूप का एहसास, और मैं अंधेरा, डूबता, टूटता सा विश्वास। तेरी रोशनी का भार मैं न सह पाऊँगा, एक जंगली पौधा बन के, खुद को ही खो जाऊँगा। इसलिए छोड़ चला, बेवफ़ाई नहीं है ये, बस मेरा ही दर्द है, जो मुझे घेरे है। तू खिल, बस महकना, बिन मेरी बेड़ियाँ— जैसे सर्दियों में, कली खिली बग़ैर खामियाँ। ©Arjun Negi #Sad_Status #Uttarakhand #Chamoli
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White विचारों का युद्ध मन के भीतर शोर मचता, ख्यालों का तूफान है चलता। ध्यान की किरने, संशय के बादल, मन के द्वार पर चलती हलचल। सपनों की तलवारें चमकती, संशय की रेखा धुंधली जाती। आशा की दीवारें सुदृढ़ खड़ी, भय की लहरें करती चढ़ाई। सच और झूठ का होता संवाद, मन के भीतर चलता विवाद। कौन है सच्चा, कौन भ्रमित, इस युद्ध में सब है नियंत्रित। शांति का संदेश पास है आता, लेकिन हर विचार निशान छोड़ जाता। युद्ध ये नीरव, पर गहरा, सोचों का संग्राम है चिरस्थिर और ठहरा। ©Arjun Negi #thoughwar #poems #Uttarakhand #Chamoli SUDHIR PANDEY Shamit Agarwal
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