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Mukund jha Mj
White आत्महत्या के ठीक पहले लोग क्या सोचते होगे ? आख़िरी सोच सोचते होंगे, कि शायद ये रात आख़िरी है, या शायद सुबह अब आएगी ही नहीं..... शायद यादों की गठरी को खोलते होंगे, कभी हंसते होंगे, कभी रोते होंगे..... वो गलियाँ, वो चेहरे, वो बातें -सब आँखों में किसी फ़िल्म की तरह चलते होंगे.... क्या कोई रोक लेगा, क्या कोई पुकारेगा नाम ? या बस एक ख़ामोशी होगी, जो निगल जाएगी हर इल्ज़ाम? शायद सोचते होंगे, कि अगर एक मौका और होता, अगर कोई हाथ थाम लेता, अगर कोई कहता-तू ज़रूरी है!" पर अब अंधेरा बढ़ चुका है, और कदम रुकने को तैयार नहीं, शायद कहीं कोई उम्मीद होगी, पर इस दिल को अब एतबार नहीं। इतजार रहेगा मुझे अब उस पल और उस दिन का जब लोग मुझे चार कंधो पे लेकर जाएंगे ✍️ ©Mukund jha Mj आत्महत्या के ठीक पहले लोग क्या सोचते होगे ?
आत्महत्या के ठीक पहले लोग क्या सोचते होगे ?
read moreदक्ष आर्यन
शाही स्नान करने तुम भी कुम्भ के मेले गए थे क्या? पुण्य कमाने गए थे या पाप धोने गए थे क्या? मन मेला करके गए थे जो, वो साफ करके आये हो क्या? पाप धोके आये हो या पाप करके आये हो क्या? रूह को भीगाया है या जिस्म से नहाके आये हो! क्या पछतावे वाले आंसू गंगा मे बहाके आये हो! या सिर्फ भीड़ का हिस्सा बनने गए थे तुम या भेड़चाल मे दिखावा करने गए थे तुम जो भगदड़ मे दब के मर गए उसके तुम भी जिम्मेदार हो तुम पुण्य से पहले पाप के हक़दार हो अब बताओ सच बताना क्या इंसाफ करके आये हो कुछ पुण्य कमाया या सिर्फ बदन साफ करके आये हो ऐसा ही नहाना था तो घर मे भी नहा सकते हो पाप ही धोने है तो भूखे को रोटी खिला सकते हो, प्यासे को पानी पिला सकते हो, इस रास्ते से तुम कभी भी पुण्य कमा सकते हो ©दक्ष आर्यन शाही स्नान करने तुम भी कुम्भ के मेले गए थे क्या? पुण्य कमाने गए थे या पाप धोने गए थे क्या? मन मेला करके गए थे जो, वो साफ करके आये हो क्या?
शाही स्नान करने तुम भी कुम्भ के मेले गए थे क्या? पुण्य कमाने गए थे या पाप धोने गए थे क्या? मन मेला करके गए थे जो, वो साफ करके आये हो क्या?
read moreAbdhesh prajapati
White सर मैं बुरा बना दिया है, वरना एक समय हम भी सबको अच्छे लगते थे ©Abdhesh prajapati अच्छे लगते थे
अच्छे लगते थे
read moreअनिल कसेर "उजाला"
Unsplash कौन कहता कि मुझमें जान नहीं, खुशी में झूमने का अरमान नहीं। अरे तू थक जायेगा काटते मानव, मैं प्रकृति से अपनी अंजान नहीं। धरम मेरा बस देने का है उजाला, इंसानों के जैसे मैं बेईमान नहीं। ©अनिल कसेर "उजाला" अरमान
अरमान
read morevksrivastav
White दिल के अरमान दबा पाना कितना मुश्किल है ग़ैरों को अपना बता पाना कितना मुश्किल है जो अपना हो के भी अपना ना हुआ उसी की चाह में लुट जाना कितना मुश्किल है ©vksrivastav दिल के अरमान दबा पाना कितना #Shayari #Love #vksrivastav
दिल के अरमान दबा पाना कितना #Shayari Love #vksrivastav
read moreRV Chittrangad Mishra
वो कहते थे सबकुछ खो देंगे तुम्हें पाने के लिए अब मुझे ही खो दिये ना जाने क्या पाने के लिए ©RV Chittrangad Mishra वो कहते थे सबकुछ खो देंगे तुम्हें पाने के लिए अब मुझे ही खो दिये ना जाने क्या पाने के लिए - चित्रांगद
वो कहते थे सबकुछ खो देंगे तुम्हें पाने के लिए अब मुझे ही खो दिये ना जाने क्या पाने के लिए - चित्रांगद
read moreअनिल कसेर "उजाला"
ज़िद में अपनी हम अड़े थे, प्यार की दो राह में खड़े थे। हासिल कुछ भी न हुआ हमें, जाने क्यों अपनों से लड़े थे। सुना था अंधे होते हैं प्यार में, जहाँ से चले वहीं पे खड़े थे। अपनों की हमें सुना ही नहीं, इस लिए छोड़ वो चल पड़े थे। ठोकरों से जो बचाते रहें हैं, उन्हीं के कारण हुए बड़े थे। ©अनिल कसेर "उजाला" अड़े थे
अड़े थे
read moreParasram Arora
White वे भी क्या दिन थे ज़ब मै ठहाके मार कर हँसा करता था बिना शिकायत के जिंदगी बसर करता था छोटे छोटे खबाब देख कर जिंदगी के दिन काट लिया करता था रफ्ता रफरता वक़्त गुजरता गया और बचपन पीछे छुटता गया और मै जवान होता गया ©Parasram Arora भी क्या दिन थे
भी क्या दिन थे
read moreHimanshu Prajapati
White क्या सुनाऊं शायरी, क्या सुनाऊं कविता, जब दिल तोड़ के चली ही गई बबिता..! ©Himanshu Prajapati #bike_wale क्या सुनाऊं शायरी, क्या सुनाऊं कविता, जब दिल तोड़ के चली ही गई बबिता..! #36gyan #hpstrange
#bike_wale क्या सुनाऊं शायरी, क्या सुनाऊं कविता, जब दिल तोड़ के चली ही गई बबिता..! #36gyan #hpstrange
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी घुटन कियो लिबासों में हो रही है फेशनो के नाम पर नंगेपन की नुबायस हो रही है सादगी अंगों की बनी रहे सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे लगता है बाजारू रुख असभ्यताओ को निमंत्रण दे रहा है फले फूले बाजार,कट लिबास कर अंगप्रदर्शन को तज्जबो दे रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #chaandsifarish सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे
#chaandsifarish सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे
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