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Ranu Gautam
White तेरी याद मे ये दिल पागल हो गया था और तू किसी और कि दीवानी हो गई थी ©Ranu Gautam #GoodMorning मेरे प्यारे दोस्तों
#GoodMorning मेरे प्यारे दोस्तों
read moreAnukaran
White अब तो शांत मैं रहने लगा हूँ, खुद ही खुद से अब बातें करने लगा हूँ, जीने ख्वाईश होती है दुसरों को, मैं अब वैराग्य की और चलने लगा हूँ, मोकच्छ की प्रप्ति कर, जीवन का उद्धार के लिए निकल पडा हूँ, अब तो शांत रह कर परखने लगा हूँ, ©Anukaran #GoodMorning अब तो शांत मैं रहने लगा हूँ, खुद ही खुद से अब बातें करने लगा हूँ, जीने ख्वाईश होती है दुसरों को,
#GoodMorning अब तो शांत मैं रहने लगा हूँ, खुद ही खुद से अब बातें करने लगा हूँ, जीने ख्वाईश होती है दुसरों को,
read moreBhupendra Rawat
White बोलने से पहले अक़्सर सोचता हूँ, मैं नाजाने क्यों ख़ुद को इतना खरोंचता हूँ, मैं हर्फ़ों पर साधकर चुप्पी अपने अश्रु ख़ुद के स्वयं पोछता हूँ, मैं ©Bhupendra Rawat #love_shayari बोलने से पहले अक़्सर सोचता हूँ, मैं नाजाने क्यों ख़ुद को इतना खरोंचता हूँ, मैं हर्फ़ों पर साधकर चुप्पी अपने अश्रु ख़ुद के स्वयं प
#love_shayari बोलने से पहले अक़्सर सोचता हूँ, मैं नाजाने क्यों ख़ुद को इतना खरोंचता हूँ, मैं हर्फ़ों पर साधकर चुप्पी अपने अश्रु ख़ुद के स्वयं प
read moreSanjeev0834
कभी सोचता हूँ के मुज्य सोचती होगी वो फिर सोचता हूँ ये किया सोचता हूँ में Sometimes I think that she must be thinking about me Then I think what am I thinking ©Sanjeev0834 कभी #सोचता हूँ के #मुज्य सोचती होगी वो #फिर सोचता हूँ ये किया सोचता हूँ में #beingsanjeev0834🦅 #nawab_saab💗🤞 #2linespoetry #2lineshayari #
कभी #सोचता हूँ के #मुज्य सोचती होगी वो #फिर सोचता हूँ ये किया सोचता हूँ में beingsanjeev0834🦅 nawab_saab💗🤞 #2linespoetry #2lineshayari #
read moreShivkumar barman
मैं जब जब तुम्हे सोचता हूँ ©Shivkumar barman मैं जब जब तुम्हे #सोचता हूँ हर लम्हे से मै ये #पूछता हूँ की क्यूँ मैं तुम्हे इतना सोचता हूँ लम्हे मुस्कराते हैं और #खामोसी बन जाते हैं फ
मैं जब जब तुम्हे सोचता हूँ हर लम्हे से मै ये पूछता हूँ की क्यूँ मैं तुम्हे इतना सोचता हूँ लम्हे मुस्कराते हैं और खामोसी बन जाते हैं फ
read mores गोल्डी
कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से.. जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वाली सबसे अलग है...! 💔😥 ©s गोल्डी कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से.. जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वली मुझे से ही शादी करेंगी...!💔😥
कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से.. जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वली मुझे से ही शादी करेंगी...!💔😥
read morepriyanka pilibanga
White अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर, दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख। दरिया दूर दूर तक फैला है, अपने बाजुओं को देख पतवारें ना देख। लाखों से जंग लड़नी है तुझे, कट चुके हैं जो हाथ, उन हाथों में तलवारें ना देख। अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर, दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख। हो सके तो किसी का रक्षक बन, किसी के नज़ारे ना देख। राख है चारों तरफ बिखरी हुई, राख में चिनगारियां ही देख , अंगारे ना देख। अपर पर नहीं, तू खुद पर काम कर, दीवारों पर लिखे सैकड़ों नारे ना देख। ©Priyanka Poetry खुद पर काम कर
खुद पर काम कर
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White सोचता हूँ कभी कभी क्या तुम मेरा इश्क़ थीं या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत पसन्द करना किसी को मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा क्यों होता है ऐसा… हर बार बेवफ़ा समझ कर सोचता हूँ तुम से दूर जाने को तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो कैसे हो तुम, जो कहा करते थे आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर गूंजने लगती है मेरे भीतर धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है मानो दिल फटने को हो हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में एक शोर, जो डराने लगता है मुझे हर बार, हर रात मुझे जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म ©हिमांशु Kulshreshtha सोचता हूँ कभी कभी....
सोचता हूँ कभी कभी....
read moreRAMLALIT NIRALA
Red sands and spectacular sandstone rock formations माँ शब्द देखने और सुनने में बहोत छोटा लगता है पर है नही दुनिया का सारा दौलत एक तरफ़ माँ एक तरफ़ फिर भी दौलत माँ के सामने कम ही रहैगा सबसे बडा दौलत माँ है जिसके पास माँ है दुनियां का सबसे बडा अमिर है मेरी दौलत तो मूझसे बहोत दूर है आप बताओ ©RAMLALIT NIRALA सबको भुल सकता हूँ पर माँ को नहीं
सबको भुल सकता हूँ पर माँ को नहीं
read moreSumitGaurav2005
बहुत ही साधारण दिखता हूँ मैं। बड़ी ही सरल भाषा में लिखता हूँ मैं। मुझे देख कर धोखा मत खाना दोस्तों, तलवार नहीं कलम से प्रहार करता हूँ मैं। ✍
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