Find the Latest Status about प्रकाश डुडवे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, प्रकाश डुडवे.
Dinesh Kumar Dudwe
बहुत ही तंग हुं, अपनी जिन्दगी से ए खुदा उससे मिला दे या अपने पास भुला ले। #NojotoQuote दिनेश डुडवे
Dinesh Kumar Dudwe
मालुम है कि ख्वाब झूठे हैं और ख्वाहिशें अधुरी है। पर जिंदा रहने के लिए कुछ गलतफहमियां भी जरूरी है। #NojotoQuote दिनेश डुडवे
Dinesh Kumar Dudwe
आदमी कि सोच और नसीहत समय और हालात पर बदलतीं है। चाय में मक्खी गिर जाती है तो चाय फेंक देते हैं।और अगर घी में मक्खी गिर जाए तो मक्खी को फेंक देते हैं। #NojotoQuote दिनेश डुडवे
Prakash Shukla
फैलेगा यश यदि कल्पनाओं को पंख लगे कुन्दित भावनाओं मे कवियों ने शान धरी शब्दों को रूप दिया कल्पना को साकार दिमाग ने कविता रची हृदय ने स्वीकार साहस ने बल दिया और मन ने इकरार धैर्य ने बाँधा समाँ हर इच्छा शिरोधार यदि कल्पना के पंख लगे विचारों ने उड़ान भरी दिल ने दस्तख़त किए आत्मा ने जान भरी प्रकाश प्रकाश
Prakash Shukla
अपेक्षा के शिकारी तुम उपेक्षा के शिकार हम क्योंकि अपेक्षा रूपी तरकश मे स्वेक्षा रूपी बाण से नखरे रूपी धनुष का प्रयोग एक मँझे शिकारी के रूप मे करने वाली तुम और उपेक्षा रूपी पतेले मे चाकू रूपी आकाँक्षाओं की धार मे रहकर जल रूपी मीठी चासनी मे भीगकर शान्त रहने वाले शिकार हम अपेक्षा के शिकारी तुम उपेक्षा के शिकार हम सबसे बड़ी बीमारी तुम उससे पड़े बीमार हम ओ जाल़िम अब तो कहर कम कर रहम कर क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी जुगाड़ी तुम सबसे बड़े जुगाड़ हम प्रकाश प्रकाश
Prakash Singh
क्या लिखूं जो आपसे प्यार हो जाए।। ताकि जब भी मिलू तो दीदार हो जाए।। प्रकाश##
Prakash Singh
एक बेटी जब ब्याह के उपरांत अपने पीया के घर जाती हैं..तो उस दरम्यान माँ और बेटी के बीच आँखो ही आँखो क्या बाते होतीं हैं ...ज़रा गौर फरमाइयेगा...दोस्तों....मेरी चंद पंक्तियाँ पे...... ब्याह हो जब बेटी पिया के घर चली... , अपनी ममता की छाव वो छोड़ चली.. माँ की ममता में पली... वो नन्ही सी कली... ब्याह हो अपनी पिया के घर चली... ये घर आँगन सब बेंरंग हो चली... . तू पिया के संग हो चली... . हाथों में तेरी मेंहदी हैं रची.... लाल जोड़े में तू हैं सजी.... ओ मेरी नन्ही सी कली... तू अपने पिया के घड़ी चली... . जब घड़ी आयी जुदायी की.. माँ की ममता विभोर हो चली... छलक के आँखो से आँसू... ग़मजदा हो चली.... मेरी नन्ही सी कली... अपने पिया की घर चली.... बिटिया जब माँ के गले लगी.... माँ की कलेजा बेजान हो चली.. सिसकीयां से मौसम ग़मगीन हो चली मेरी लाडो में पली... मेरी नन्ही सी कली... अपने पिया के घर चली... थमी क़दम आगे अब बढ़ती नहीं... बिटिया की... आँखो से आँसू रुकती नहीं..... बिटिया की.... माँ की ममता विभोर हो चली.. पालकी में बैठ.... बेटी अपने पिया के घर चली.... प्रकाश ##
Prakash Shukla
#OpenPoetry गैहान फलक दो जहान तलक इम्तेहान इश्क़ दो म्यान तलक तलवार धार है इश्क़ यार इबादते इश्क़ ईमान तलक तलवार इश्क़ इजहार इश्क़ इकरार इश़्क हाँ प्यार इश़्क खंजर खामोश इश्क़ बेरहम का जायज कुबूल नाकाम इश्क तासीर ताबिश़ इब्तिसाम तलक इश्क़ आक़िबत अहज़ान तलक इश्क़े खुर्शीद गुमनाम तलक इश्क़ मोहब्बत पशेमान तलक गैहान फलक दो जहान तलक......... प्रकाश प्रकाश
Prakash Shukla
प्यारा सा गुलिस्तां था मेरा खुशबू आती उसमे छनकर मै जुदा हुआ पलकों से तेरी आँसू बनकर आँसू बनकर इस बार तरसती आँखों के सपने होंगे सच सब मेरे खुशियाँ आँगन मे बरसेगी दुःख दूर हुए बस अब मेरे कोई याद रहे न अब बाकी तेरी ठोकर को अपनाऊंगा सहकर तेरे वो जुल्म सितम तेरी यादों को दफनाऊँगा जिस दिन तेरी मूरत फिर से मेरे दिल मे जगह बनाएगी उस दिन मेरा दिल तेरे सामने खड़ा रहेगा बस तनकर प्यारा सा गुलिस्तां था मेरा.................... दिल रोता तड़पता रहा मेरा पर तू मगरूर बनी रही मैने पास तेरे आना चाहा पर तू गुरूर मे तनी रही तुझ मगरूर की पगदन्डी मे मै एक तमाशा बना रहा सच्चे प्यार की जीत ही होगी इस आशा मे थमा रहा अब तेरे प्यार को समझ सका तू न मेरी बन पाएगी बीती बातों को भूल चुका खुशियाँ ढूँढ़ूगा अब जमकर प्यारा सा गुलिस्तां था मेरा................... प्रकाश प्रकाश