Find the Latest Status about सावन अमावस्या 2018 from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सावन अमावस्या 2018.
brar saab
White 1856 ई. में निम्नलिखितगवर्नर-जनरलमेसे किसनेयह निर्णयकियाथाकिबहादुरशाह जफरअन्तिममुगल बादशाह होंगेऔरउनकी मृत्यु के बादउनकेकिसी वंशज को बादशाहनहींमाना जाएगा? [CTET Sep 2016, CTET Dec 2018] (1) कैनिंग (2) कॉर्नवालिस (3) डलहौजी (4) हेस्टिंग्स ©brar saab 1856 ई. में निम्नलिखित गवर्नर-जनरलों में से किसने यह निर्णय किया था कि बहादुरशाह जफर अन्तिम मुगल बादशाह होंगे और उनकी मृत्यु के बाद उनके किस
1856 ई. में निम्नलिखित गवर्नर-जनरलों में से किसने यह निर्णय किया था कि बहादुरशाह जफर अन्तिम मुगल बादशाह होंगे और उनकी मृत्यु के बाद उनके किस
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
प्रेम की वेदी तुम आते हो एक आस लेकर, तुम जाते हो एक आस देकर। ना जाने कौन हो तुम मेरे, तुम जाते हो एक ख़ुशी देकर। तुम आते हो एक उम्मीद लेकर, तुम जाते हो एक ख़्वाब देकर। ना जाने कब तक साथ दोगे, तुम जाते हो एक एहसास देकर। कुछ ख़्वाबों को सजा रही हूँ, बिन कहे कहानी गुनगुना रही हूँ। जब आओगे, तुमसे कुछ लेना, पूर्ण कर दो मुझे कसम देकर। भरी सावन में छेड़ती सखियाँ, ले चलो अब गवाँना कराकर। अब बाबुल का घर न भाए, ले आओ डोली सुंदर सजाकर। मेहंदी में मैं नाम छुपाऊँ, ढूँढ़ना तुम मेरे हाथों को जोड़कर। मैं तो तेरा रस्ता देखूँगी, तेरे प्रेम का गहरा रंग चढ़ाकर। अधूरे ख़्वाबों को सजा दो, आ जाओ अब सेहरा बांधकर। ले चलो मुझे अपने आंगन, प्रेम की अंतिम वेदी पर बैठकर। भरे रहें एहसासों से आंगन, बस छू लो मुझे हाथों में लेकर। बिरहन जीवन से कर दो रिहा, सूनी मांग में सिंदूर भरकर। ©theABHAYSINGH_BIPIN #togetherforever Anupriya Rakhie.. "दिल की आवाज़" writer Sunita singh Arab ab tu SAB par najar Rakha kar Jodi jiski Amar banaa de usi ka D
#togetherforever Anupriya Rakhie.. "दिल की आवाज़" writer Sunita singh Arab ab tu SAB par najar Rakha kar Jodi jiski Amar banaa de usi ka D
read moreRavi Srivastava
Unsplash कभी पूस की ठिठुरन बनकर अंग अंग टीस रहा हूँ ! कभी शब्द का सावन बनकर, अंतर सींच रहा हूँ !! कभी समय के गलियारे में,मुट्ठी भींच रहा हूँ ! जिनसे बिछड़ा उनकी यादें,पल पल खींच रहा हूँ !! ✍️✍️ रवि श्रीवास्तव ©Ravi Srivastava कभी पूस की ठिठुरन बनकर अंग अंग टीस रहा हूँ ! कभी शब्द का सावन बनकर, अंतर सींच रहा हूँ !! कभी समय के गलियारे में,मुट्ठी भींच रहा हूँ ! जिनसे
कभी पूस की ठिठुरन बनकर अंग अंग टीस रहा हूँ ! कभी शब्द का सावन बनकर, अंतर सींच रहा हूँ !! कभी समय के गलियारे में,मुट्ठी भींच रहा हूँ ! जिनसे
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White इश्क़ ए ज़ज़्बात इश्क़ - ए ज़ज़्बात कभी छुपाया नहीं, हाल- ए - दिल उसे कभी बताया नहीं। कैसे बयाँ करता इस इश्क़ की नादानी, ए इश्क़ के गलियारें कभी भाया नहीं। मैंने याद बहुत किया उन हसीं लम्हों को, बीत गया सावन वो वापस आया नहीं। सुख गईं आँखें मेरी अच्छे की आस में, पर ख़्वाब हक़ीकत में कभी आया नहीं। कितना अजीज़ शख़्स था मेरे दिल को, जो इश्क़ ए ज़मीं पर कभी आया नहीं। अभय, इंतेज़ार की ये घड़ियाँ गवाह हैं, ना आने का कारण कभी बताया नहीं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #GoodNight इश्क़ ए ज़ज़्बात इश्क़ - ए ज़ज़्बात कभी छुपाया नहीं, हाल- ए - दिल उसे कभी बताया नहीं। कैसे बयाँ करता इस इश्क़ की नादानी, ए इश्
#GoodNight इश्क़ ए ज़ज़्बात इश्क़ - ए ज़ज़्बात कभी छुपाया नहीं, हाल- ए - दिल उसे कभी बताया नहीं। कैसे बयाँ करता इस इश्क़ की नादानी, ए इश्
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के साथ मिटती हैं दूरियाँ, वक्त के साथ अपने भी बदलते हैं। क्यों पकड़े हो कसकर पतंग की डोर, इशारे में थामो, उड़ान बदलती है। क्यों बढ़ने हैं तुम्हें सब एक दिशा से, वक्त के साथ रिश्ते भी बिखरते हैं। क्यों आवेश में पड़े चिंतित हो, वक्त पर ही सारी पहेलियाँ सुलझती हैं। हर रिश्ते में वो जज़्बात रहते हैं, हर रिश्ते में वो तड़प रहती है। क्यों हो इतना भी बेकरार तुम, वक्त पर ही नींद सुकून की आती है। जिंदगी का फ़लसफ़ा किसे पता, वक्त पर ही जिंदगी सब सिखाती है। क्यों कार्यों के बोझ तले डूबे हो, वक्त ही वक्त ख्वाहिशें जगाता है। नासूर ज़ख्मों की परवाह क्यों, वक्त पर ही दवा मिलती है। दिल अगर टूटा है तो क्या हुआ, वक्त पर ही अपने मिलते हैं। क्या हुआ जो मौसम सावन चला गया, वक्त पर ही तो सारे मौसम बदलते हैं। क्या हुआ जो रिश्ते पतझड़ बन गए, वक्त पर ही बसंत की बहार खिलती है। छोड़ दो बेफिक्री में बेफिकर उसे, वक्त पर ही दबे राज भी खुलते हैं। वक्त पर सब कुछ अच्छा मिलता है, वक्त पर ही सही, नक्षत्र मिलते हैं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Hope वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के
#Hope वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के
read moreSanatan_Sanskriti_Shubhash
सावन और हरिद्वार -- एक उत्कृष्ट संयोग Sawan and Haridwar - a wonderful combination Follow for more.... #mahadev #harharmahadev #lordshiva
read more