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Indian Kanoon In Hindi

अदालत के आदेश बदलने पर कानून :-

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अदालत के आदेश बदलने पर कानून :- l

* किसी भी न्यायालय को निर्णय सुनाई जाने से पहले किसी भी समय किसी भी शुल्क में बदलाव या जोड़ सकते हैं।

* ऐसे प्रत्येक परिवर्तन या अतिरिक्त अभियुक्तों को पढ़ा और समझाया जाएगा।

* यदि कोई शुल्क या परिवर्तन या किसी अतिरिक्त शुल्क में ऐसा होता है कि परीक्षण के तुरंत बाद कार्यवाही करने की संभावना नहीं है, तो अदालत की राय में अभियुक्त को उनकी रक्षा में या अभियोजक को मामले के आचरण में न्यायालय के विवेक में, इस तरह के परिवर्तन या अतिरिक्त किए जाने के बाद, परीक्षण के साथ आगे बढ़ें, जैसे कि परिवर्तित या जोड़ा गया शुल्क मूल शुल्क था।

* यदि परिवर्तन या जोड़ ऐसा है जो परीक्षण के तुरंत बाद कार्य कर रहा हो, तो अदालत की राय में आरोपी या पूर्ववर्ती के रूप में अभियोजक को पूर्वाग्रह करने की संभावना है, तो कोर्ट या तो एक नया मुकदमा निर्देशित कर सकता है या ऐसी अवधि के लिए परीक्षण स्थगित कर सकता है।

* यदि बदल या अतिरिक्त प्रभार में कहा गया अपराध, उस अभियोजन के लिए है जिसके पूर्व की मंजूरी आवश्यक है, जब तक कि इस तरह की मंजूरी प्राप्त नहीं की जाती है तब तक मामला आगे नहीं बढ़ेगा, जब तक कि उन तथ्यों पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी पहले ही प्राप्त नहीं की जा रही हो जिस पर बदल दिया गया है या जोड़ा प्रभार की स्थापना की है।

©Indian Kanoon In Hindi अदालत के आदेश बदलने पर कानून :-

rajeshwari Thakur

#andhere#आखिरी सांसहॉरर स्टोरी

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कौन हैं वो लड़की? 
वो चुप चुप सी क्यूं हैं?
इक राज छुपाए अपने दिल में, 
वो गुमसुम सी क्यूं हैं।

लेगी वो बदला, 
बदला लेगी वो, उस हर कातिल से,
जिसने उस लड्की की हंसी को, 
दर्द में भींगाई हैं।

वही आसमां, वही जमीं होगी, 
रात भी वैसी,बात भी वैसी ही होगी
उसी जगह, वही भंयकर शोर होगा
बदले में सब कुछ खामोश होगा।

धर्म होगा, मर्ज होगा, 
बांकि था वो फर्ज होगा।
बड़े दिनो के बाद आज, 
उस दिल का दर्द कम होगा।

दौड़ी थी वो ,चीखी थी वो, 
लेकिन रहम न किसी ने दिखलाई।
आयी, आयी, आयी, आयी 
अब उस हत्यारे कि बारी आई।

©rajeshwari Thakur #andhere#आखिरी सांस#हॉरर स्टोरी

hemlata25011964gmailcom

#Sad_Status आखिरी मजिल # nojoto#

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Diya

#GoodMorning #कभी भी यह #मत सोचना कि तुम्हें #याद नहीं करते हम, तुम सूरज की पहली #किरण, और रात का #आखिरी ख़्वाब हो तुम, तुम्हें देखें बगैर

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White कभी भी यह मत सोचना कि
तुम्हें याद नहीं करते हम,
तुम सूरज की पहली किरण,
और रात का आखिरी ख़्वाब 
हो तुम, तुम्हें देखें बगैर मेरा 
दिन नहीं गुजरता ,
मेरी आखिरी और पहले ख्वाहिश 
हो तुम।

©Diya #GoodMorning 
#कभी भी यह #मत सोचना कि
तुम्हें #याद नहीं करते हम,
तुम सूरज की पहली #किरण,
और रात का #आखिरी ख़्वाब 
हो तुम, तुम्हें देखें बगैर

Indian Kanoon In Hindi

अदालत के आदेश बदलने पर कानून

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White अदालत के आदेश बदलने पर कानून :- 

* किसी भी न्यायालय को निर्णय सुनाई जाने से पहले किसी भी समय किसी भी शुल्क में बदलाव या जोड़ सकते हैं।

* ऐसे प्रत्येक परिवर्तन या अतिरिक्त अभियुक्तों को पढ़ा और समझाया जाएगा।

* यदि कोई शुल्क या परिवर्तन या किसी अतिरिक्त शुल्क में ऐसा होता है कि परीक्षण के तुरंत बाद कार्यवाही करने की संभावना नहीं है, तो अदालत की राय में अभियुक्त को उनकी रक्षा में या अभियोजक को मामले के आचरण में न्यायालय के विवेक में, इस तरह के परिवर्तन या अतिरिक्त किए जाने के बाद, परीक्षण के साथ आगे बढ़ें, जैसे कि परिवर्तित या जोड़ा गया शुल्क मूल शुल्क था।

* यदि परिवर्तन या जोड़ ऐसा है जो परीक्षण के तुरंत बाद कार्य कर रहा हो, तो अदालत की राय में आरोपी या पूर्ववर्ती के रूप में अभियोजक को पूर्वाग्रह करने की संभावना है, तो कोर्ट या तो एक नया मुकदमा निर्देशित कर सकता है या ऐसी अवधि के लिए परीक्षण स्थगित कर सकता है।

* यदि बदल या अतिरिक्त प्रभार में कहा गया अपराध, उस अभियोजन के लिए है जिसके पूर्व की मंजूरी आवश्यक है, जब तक कि इस तरह की मंजूरी प्राप्त नहीं की जाती है तब तक मामला आगे नहीं बढ़ेगा, जब तक कि उन तथ्यों पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी पहले ही प्राप्त नहीं की जा रही हो जिस पर बदल दिया गया है या जोड़ा प्रभार की स्थापना की है।

©Indian Kanoon In Hindi अदालत के आदेश बदलने पर कानून

ranjit Kumar rathour

आखिरी दिन

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अब नहीं आओगी न 
फिर कभी 
बस इतना ही बोल पाया था 
जाओ खुश रहना 
अपना ख्याल रखना अटकी सी 
थी आवाज मेरी 
इतना कह कर उसे भर लिया था 
अपनी बांहों मे 
ये सब कुछ अचानक से हुआ
आवाज रुआसी थी 
सीने से लगकर बोली आउंगी न 
मानो ढाडस दे रही थी 
उस वक्त मै कितना छोटा हो गया था 
 वो छोटी होकर भी बड़ी 
भींच लिया था इस कदर बांहों मे 
जैसे ये अखिरी हो 
पता है अब तो तमाम उम्र यादो संग 
गुजारनी है उसके 
लेकिन हा जाते जाते कहा था भूलाना 
मेरी गलतियों को 
लेकिन भूलना गलतियों को सिर्फ हमें नहीं 
खुश रहना अपना ख्याल रखना

©ranjit Kumar rathour आखिरी दिन

ranjit Kumar rathour

आखिरी दिन

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और आज़ आखिरी दिन है 
कॉलेज का 
फिर शायद ही कोई मौका मिले 
कॉलेज आने का 
वैसे भी कौन आना चाहता है यहाँ 
सारे खड़ूस है 
सिवाय आपके सो आता रहा 
अब नहीं आना 
ये शब्द पता नहीं डरावने थे 
मगर पहली दफा 
एक आवाज़ निकली आना किसी बहाने 
बोल नहीं पाया 
वो समझती बहुत थी बोली आऊंगा न 
मन रखने के लिए 
बस इतने ही दिनों का साथ था 
शुक्रिया तुम्हारा 
तुमने जीवन मे एक नया पन्ना जोड़ा

©ranjit Kumar rathour आखिरी दिन

Sarfaraj idrishi

#Sad_Statusवक़ील नहीं है कोई हक़ में मेरे.. और हूँ कच्चा बहोत मैं,वकालत में गवाह भी मेरे सारे खरीद लिए उसने अब गवाही मेरी

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White वक़ील नहीं है कोई हक़ में मेरे..
        और हूँ कच्चा बहोत मैं,वकालत में 
गवाह भी मेरे सारे खरीद लिए उसने 
        अब गवाही मेरी मोहब्बत की देगा कौन अदालत में

©Sarfaraj idrishi #Sad_Statusवक़ील नहीं है कोई हक़ में मेरे..
        और हूँ कच्चा बहोत मैं,वकालत में 

गवाह भी मेरे सारे खरीद लिए उसने 
        अब गवाही मेरी

s गोल्डी

.. औरत का पहला गुरूर उसका हुस्न होता हैं और आखिरी गुरूर उसके बच्चे होते हैं... अपने आखिरी

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..               औरत का पहला गुरूर उसका हुस्न होता हैं 
                   और आखिरी गुरूर उसके बच्चे होते हैं...

               अपने आखिरी गुरूर को मुकम्मल करने के लिए 
                वो अपने पहले गुरूर को ख़ाक में मिला देती है

©s गोल्डी ..               औरत का पहला गुरूर उसका हुस्न होता हैं 
                   और आखिरी गुरूर उसके बच्चे होते हैं...

               अपने आखिरी

ranjit Kumar rathour

मै वहीँ और जगह वहीँ (2024 का आखिरी din)

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साल आखिरी दिन था 
अपने सफर से घर कि ओर 
चल पड़ा था 
कि याकयक याद कोई आ गया 
सोचा उसके घर के सामने से जाना है 
देख लेता उसे 
मिल लेता उसे 
करीब से देख लेता 
साल कि आखिरी मुलाक़ात 
सोचता हुआ निकला 
मगर ये कैसे था संभव 
एकाएक दरवाजे से गुजरा 
मेरी बाइक रुक गयी
वो भागी आयी बोली 
बोलिए!क्या कहता 
सो कहा आज़ आखिरी साल है 
कल बदल जायेगा 
तुम 2024 ही रहना 
बदलना नहीं यही कहना था 
हा मिलूंगा कल भी 2025मे 
थोड़ी निखरी निखरी बहकी बहकी 
मिली थी एक अभिवादन था 
जिसमें था हम वहीँ है और वहीँ पर

©ranjit Kumar rathour मै वहीँ और जगह वहीँ 
(2024 का आखिरी din)
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