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vksrivastav
Unsplash चलो मैं ही गलत था,तो मुझी से कह दिया होता हमारे दर्मियां गैरों को ले आना जरूरी था? ©Vk srivastav चलो मैं ही गलत था #SAD #Life #Shayari #Videos #vksrivastav
चलो मैं ही गलत था #SAD Life Shayari #Videos #vksrivastav
read more- Arun Aarya
रक़ीबों से हाथ मिलाकर ख़्याल रक़ीबों जैसा हो गया ! अमीर थे हम बहोत पहले अब हाल ग़रीबो जैसा हो गया..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #dryleaf #ग़रीबो जैसा हाल
SANIR SINGNORI
मैं मांगता था दुआ में हर दिन उसे मैं खुदा से अब कुछ नहीं मांगता, . ©SANIR SINGNORI मैं मांगता था दुआ में हर दिन उसे मैं खुदा से अब कुछ नहीं मांगता
मैं मांगता था दुआ में हर दिन उसे मैं खुदा से अब कुछ नहीं मांगता
read moreParasram Arora
Unsplash जन्नत से भी ज्यादा अज़ीज़ है मुझे अपने पुश्तैनी घर का ये आँगन क्योंकि इसी आँगन मे अच्छे से उम्र अपनी गुज़ार दीं है मैंने वो भी बिना किसी शिकवे शिiकायत के ©Parasram Arora जन्नत जैसा aangn😍
जन्नत जैसा aangn😍
read moreDR. LAVKESH GANDHI
White बदनाम मैं तो बुरा था बदनाम किसने कर दिया जिसका मैंने भला किया उसने ही मुझे यह शिला दिया खुद का उसे पता नहीं मगर उसने मुझे बदनाम कर दिया मैंने उसे आईना दिखा दिया तो रात में उसने खुदकुशी कर ली ©DR. LAVKESH GANDHI #Badnam # # मैं बुरा था मगर बदनाम नहीं #
Badnam # # मैं बुरा था मगर बदनाम नहीं #
read moreनवनीत ठाकुर
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका तलबगार न था। ©नवनीत ठाकुर मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
read moreनवनीत ठाकुर
जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था। ©नवनीत ठाकुर जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था।
जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था।
read moreManjeet
White दिन ढल रहा था, अंधेरा बढ़ रहा था! मैं चुप था, मन उसकी यादों को पढ़ रहा था!! ✍️Ⓜαทʝεεt✍️ ©Manjeet दिन ढल रहा था, अंधेरा बढ़ रहा था! मैं चुप था, मन उसकी यादों को पढ़ रहा था!! ✍️Ⓜαทʝεεt✍️ #love_shayari #love #like #follow #manjeetpoonia #No
दिन ढल रहा था, अंधेरा बढ़ रहा था! मैं चुप था, मन उसकी यादों को पढ़ रहा था!! ✍️Ⓜαทʝεεt✍️ #love_shayari love #Like #follow #manjeetpoonia No
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