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New dinamalar world no 1 newspaper 170 Quotes, Status, Photo, Video

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Stories related to dinamalar world no 1 newspaper 170

Mohan raj

Life Lessons Without Hari Bhakti no one can be happy in this world, even if he gets all the happiness of the world

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green-leaves बिना हरि भक्ति संसार में कोय सुखी नहीं हो सकता चाहे उसे संसार  का हर सुख प्राप्त क्यों न हो जाए
हरिभक्तिं विना कोऽपि लोके सुखं न भवितुमर्हति, यद्यपि सः जगति प्रत्येकं सुखं प्राप्नोति।
Without Hari Bhakti no one can be happy in this world, even if he gets all the happiness of the world
 Dhanyavad Jai Bholenath Har Har Mahadev

©Mohan raj #Life Lessons Without Hari Bhakti no one can be happy in this world, even if he gets all the happiness of the world

Mayank Saini

New Year 2024-25 हाथ जैसे ही वो मेरा यार पकड़ेगा,
वक्त देख लेना रफ्तार पकड़ेगा.

©Mayank Saini #newday#newspaper#shyari#treding

Mohan raj

Life Lessons Bhakti There is no devotee like Hanuman in the world, there is no God like Ram in the world

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भक्त कोई हनुमान जैसा नहीं जगत में, प्रभु को राम जैसा नहीं जगत में
भक्त, हनुमान् सदृशः कोऽपि लोके नास्ति, जगति भगवान् राम सदृशः कोऽपि नास्ति।
There is no devotee like Hanuman in the world, there is no God like Ram in the world
Jai Shri Ram 
Dhanyavaad Har Har Mahadev

©Mohan raj #Life Lessons Bhakti There is no devotee like Hanuman in the world, there is no God like Ram in the world

VIMALESH YADAV

White 
दैनिक भास्कर समाचार पत्र का इतिहास 


दैनिक भास्कर की स्थापना 1956 में हुई थी , और
यह अखबार हिंदी भा षा में प्रकाशित हो ता है। इसका
मुख्या लय भोपाल, मध्य प्रदेश में है।है दैनिक भास्कर
ने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समाज में जागृति
लाने और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण
योगदान दिया है। 1956 में आजाद भारत की
जरूरतों को समझते हुए द्वारका प्रसाद अग्रवाल ने
भोपाल से 'सुबह सवेरे' और ग्वालियर से 'गुड मॉर्निंग
इंडिया ' का प्रकाशन शुरू किया । 1957 में इन दोनों
अखबारों का नाम बदलकर 'भास्कर समाचार' कर
दिया गया । फिर 1958 में दुबारा इस अखबार का
नाम बदलकर 'दैनिक भास्कर' कर दिया गया ।
दैनिक भास्कर का इतिहास भारतीय पत्रकारिता के
इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अखबार
आज भी अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समाज में
जागृति लाने और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ा वा देने में
महत्वपूर्ण योगदा न दे रहा है।

©VIMALESH YADAV #Newspaper  #vimaleshyadav 
#love_shayari

VIMALESH YADAV

The hindu newspaper ka itihas #Book #Thehindu #vimaleshyadav

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Unsplash The Hindu Akhabar ka Itihas 


  वर्ष 1878 में मद्रा स हा ई को र्ट की जजों की बेंच में
सर टी मुथुस्वा मी अय्यर को , शामिल करने के
खिलाफ
एंलो इंडियन अखबार विरोध कर रहा था ।
इस विरोध के खिलाफ कानून की पढ़ाई करने वाले
चार छात्रों और दो शिक्षकों ने चेन्नई से साप्ताहिक
पत्रिका द हिंदू अखबार की शुरुआत की इस अखबार
के संपादक जी . सुब्रमण्यम अय्यर और मैनेजिंग
डायरेक्टर एम.वी . राघवाचार्य थे।
अखबार की शुरुआत केवल एक रुपये 12 आने से
हुई 1905 में एस. कस्तूरी ने इसे अपने अंतर्गत ले
लिया । तब से इसका संचा लन कस्तूरी परिवार ही कर
रहा है। द हिंदू समाचार पत्र का मुख्यालय चेन्नई में है।
इसकी शुरुआत साप्ताहिक पत्रिका के रूप में हुई,
जो आगे चलकर 1829 में दैनिक समाचार पत्र बन
गया । यह भारत के शीर्ष दैनिक अंग्रेजी समाचा र पत्रों
में से एक है, जो ज्यादातर दक्षिण भारत में पढ़ा जा ता
है।

©VIMALESH YADAV The hindu newspaper ka itihas 
#Book #TheHindu #vimaleshyadav

VIMALESH YADAV

https://youtu.be/ozO5oi65g_A?feature=shared #History #Newspaper #indiannewspaper #vimaleshyadav

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Cricket info

world

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Kalayanapu Pradeep Kumar

#sad_quotes world #world

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White FLYING ON THE WORLD

©Kalayanapu Pradeep Kumar #sad_quotes world
#world

Vasu’s Vegetarian Kitchen

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