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Adbhut Alfaz
हम तुम दोनों एक हैं, कहां है हम में भेद.. डूबेगी ये नाव जब, होगा इसमें छेद!! ©h!n$@✍️ #हम #तुम #नाव
Rohini kadam
आजोबांसाठी... आजोबा, तुम्हाला रहायचंय आमच्यात...!
abhay Jhingonia
ख्वाइश हजारों की हूं मगर हासिल किसी को नहीं... अगर तुम चाहो तो जाना मेरी भोली लगा लो... मुझे खरीदने की औकात तुम्हारे सिवा किसी की नहीं... Abhay...... तुम चाहो तो बोली लगा लो...
Ek villain
टीवी पर आईपीएल के लिए एक क्रिकेट के खिलाड़ी की बोली लग रही थी खिलाड़ियों की न्यूनतम बोलिए निर्धारित थी और कोई भी टीम ऊंची बोली लगाकर इन्हें खरीद कर अपनी टीम में शामिल कर सकता है बोली के बारे में खिलाड़ी में थे इसमें में भीग जाने की सहमति छपी थी मैं मौन होकर मुकुर थे कि जो ज्यादा पैसे दे वह हमें खरीद लेंगे ठीक है इसी तरह एक और प्रजाति बिकती है उसकी भी बोली लगती है क्रिकेट खिलाड़ी तो फिर भी वर्ष में एक ही बार बिकते हैं मगर इस प्रजाति बिकने का कोई समय नहीं होता यह 24 घंटे खादी का सफेद कुर्ता पहनकर बिकने को तैयार है बस इनको इनकी वही बोली लगाने को तैयार हो क्रिकेट खिलाड़ी 2 टीम द्वारा बोली लगाकर खरीदने पर उस टीम के साथ कम से कम अगली बोली जानी 1 वर्ष रहते हैं मगर इस खुद्दार धारी प्रजाति का भरोसा नहीं जो जो बोली लगाते हैं गए तो धोखा दी व्यक्ति गई तर्ज पर यह प्रजाति है तो सुबह इसके हाथ भी की दोपहर उसके साथ गई शाम को उसके साथ गई जब बोली लगाने पर यह प्रजाति अपने दल को लात मारकर किसी और दल को तड़के 4:00 बजे भी शपथ दिलवा सकती है यह बात और है कि शपथ इस कार्यक्रम में से यह हद तक गिर जाते हैं कि शपथ शब्द का अर्थ खुद के लिए भूल जाते हैं ©Ek villain #ऊंची बोली के कद्रदान #Moon
Nammy S
मोहब्बत की हर हदें तोड़ दी हमने मिरे दिल के तूफान में भी नाव छोड़ दी हमने उम्मीद ही शायद की पार हो जाऊँगा मैं न भी हो पाया तो ...हार न जाऊँगा मैं। #nammy27 #दिल #तूफान #तुम #मैं #नाव #मोहब्बत #love
Aditya Narayan Singh
'दिनकर' तुम बदल क्यों नहीं जाते, अब और कितने फरेब खाओगे ? नफरतों का दौर है, है पैसों का बोलबाला, तुम गरीब हो कर किसको नजर आओगे ? क्यों सच बोलने की जिद पाले बैठे हो, जितनी बार सच बोलोगे, उतनी बार पछताओगे, अब जंग छेड़ दी है तो उसे अंजाम भी दो, बीच जंग में हथियार डालोगे, तो कायर कहलाओगे, उस बरहम को कश्ती में सुराख करने से रोकते क्यों नहीं, अरे नाव डूबेगी, तो तुम भी तो डूब जाओगे, एक ही झटके में तुम्हारे हसरतों के दीवार ढहा दिए इसने, और तुम कहते हो, की वक्त को आजमाओगे नाव डूबेगी तो तुम भी तो डूब जाओगे
Yashpal singh gusain badal'
तुम सुन्दर हो तो ; सुनो अंदर की । अगर तुम सुनते हो बाहर की ! तो तुम सुन्दर नहीं हो । इतना प्रेम भी ठीक नहीं ; कि तुम ही दुनियाँ हो जावो मेरी । तुम्हारा होना अगर बहुत जरूरी है मगर मेरा अस्तित्व का रहना भी जरूरी है । रचना - यशपाल सिंह "बादल" ©Yashpal singh badal तुम सुंदर हो ! #OneSeason