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theABHAYSINGH_BIPIN
White नभ में काले बादल आये, अपने संग बारिश लाए। हवा संग इठलाते बादल, हवा संग ये पानी लाए। देखो काले बादल आये, कहा से और ऊपर जाएं। कितने पास बादल आये, हमको छूने बादल आये। किसने दिया पता मेरा, मेरे घर को बादल आये। देखो मुझपे गरज रहे हैं, संग अपने अंधेरा लाए। किसने छेद किया इसमें, जो बूँद-बूँद पानी गिराए। देखो काले बादल आये, नभ में काले बादल आये। इसको किसने बुलाया है, आंधी संग बिजली लाए। देखो कितने पास ये बादल, जैसे देखो पेड़ों को छू जाएं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #badal #kavita #barish नभ में काले बादल आये, अपने संग बारिश लाए। हवा संग इठलाते बादल, हवा संग ये पानी लाए।
Bharat Bhushan pathak
मण्डूक दोहे पृथ्वी धारे तब हमें,काटें जब ना पेड़। जान लीजिए सूत्र ये,प्राणों के यह मेंड़।।१ माने मेरी बात ये,उपयोगी उपहार। देते खाना अरु दवा,रोपें वृक्ष हजार।।२ रोपें नित्य पेड़ एक,होता जो फलदार। पुत्र जैसे ही मानें,सदा करे उपकार।।३ कहे धरा हमको यही,मानो मेरी बात। वैरी सुन लो ना बनो ,नहीं करो आघात।४ मेटे जो खुद को यहाँ,हमको देते ठौर। भूले न उनको छाँटें ,भोजन जो दे सौर।।५ इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार। शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६ ©Bharat Bhushan pathak #मण्डूक_दोहे#छंद#वृक्ष#पेड़#नोजोटो_हिन्दी hindi poetry on life love poetry in hindi sad urdu poetry poetry deep poetry in urdu मण्डूक दोहे
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read moreDurga Gautam
White फूल बार बार खिले पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव नदियों ने भी नहीं बनाए बांध अपने ऊपर सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी ना ही बारिशें वापस लौटीं बादलों की ओर प्रकृति में सुंदरता थी प्रेम की पराकाष्ठा की प्रेम अपनी पराकाष्ठा में सबसे सुंदर था । ©Durga Gautam #good_night फूल बार बार खिले पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव नदियों ने भी नहीं बनाए बांध अपने ऊपर सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी ना
#good_night फूल बार बार खिले पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव नदियों ने भी नहीं बनाए बांध अपने ऊपर सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी ना
read moreJitender Kumar
#haadse शोर यूँ ही न परिंदों ने मचाया होगा कोई जंगल की तरफ़ शहर से आया होगा पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था जिस्म जल जाएँगे जब सर प
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