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Andy Mann
खुश रहने वाले लोगों की 7 आदतें... √1:- खुश रहने वाले अच्छाई खोजते हैं बुराई नहीं | √2:- खुश रहने वाले माफ़ करना जानते हैं और माफ़ी माँगना भी | √3:- खुश रहने वाले लोग अपने चारो तरफ एक स्ट्रोंग सपोर्ट सिस्टम डेवेलोप करते हैं | √4:- खुश रहने वाले अपने मन का काम करते हैं या जो काम करते हैं उसमे मन लगाते हैं| √5:- खुश रहने वाले हर उस बात पर यकीन नहीं करते जो उनके दिमाग में आती हैं | √6:- खुश रहने वाले व्यक्ति अपने जीवन या काम को किसी बड़े उद्देश्य से जोड़ कर देखते हैं | √7:- खुश रहने वाले व्यक्ति अपने जीवन में होने वाली चीजों के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं | दोस्तों, खुश रहना मनुष्य का जन्मजात स्वाभाव होता है . आखिर एक छोटा बच्चा अक्सर खुश ??? क्यों हम कहते हैं कि बचपन के दिन सबसे अच्छे होते है ??? पर जैसे -जैसे हम बड़े होते हैं, हमारे आस पास का वातावरण, हमारी संगत, हमरा समाज... आदि | हमारे मन के अंदर कुविचारों को घोलना शुरू कर देता है … और धीरे -धीरे इस का असर इतना इतना बढ़ जाता है कि खुशियों की प्राकृतिक अवस्था दुःख में बदलने लगती है | दोस्तों, हो सकता है आप इनमें से कुछ बातों को अपने जीवन में पहले से ही अनुसरण-अनुगमन करते हों परन्तु यदि किसी भी आदत में खुद को थोड़ा सा भी बेहतर करेंगे तो वो स्वाभाविक रूप से निःसंदेह-निश्चित रूप से आपकी ख़ुशी-प्रसन्नता-आनंद को बढ़ाएगा... "खुश रहिये और सबको खुश रखिए" — ©Andy Mann #खुश_रहो Sangeet... puja udeshi Ashutosh Mishra अदनासा- Dr Udayver Singh
#खुश_रहो Sangeet... puja udeshi Ashutosh Mishra अदनासा- Dr Udayver Singh
read moreMùśâfîř Tèŕá
Unsplash आज तुमसे बात करने के लिए हम तरसते हैं पर एक वक्त जरूर ऐसा आएगा जब तुमसे बैठ के खूब सारी बातें करूंगा ©Mùśâfîř Tèŕá #snow Ashi Writes Vidushi Mishra Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) Sulabh Mishra Ruchika
#snow Ashi Writes Vidushi Mishra Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) Sulabh Mishra Ruchika
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White मौन का अर्थ यह नहीं कि होंठ बंद हो गए। मौन का अर्थ है, भीतर भाषा बंद हो गई, भाषा गिर गई। जैसे कोई भाषा ही पता नहीं है। और अगर आदमी स्वस्थ हो, तो जब अकेला हो, उसे भाषा पता नहीं होनी चाहिए। क्योंकि भाषा दूसरे के साथ कम्युनिकेट करने का साधन है, अकेले में भाषा के जानने की जरूरत नहीं है। अगर वह भाषा गिर जाए, तो जो मौन भीतर बनेगा, वह स्वभाव है, वह किसी ने सिखाया नहीं है। बहुत सारे लोग बैठे हों। अगर सब शब्दों में जीएं, तो सब अलग-अलग हैं। और अगर मौन में जीएं, तो सब एक हैं। अगर बैठे हुए लोग क्षणभर को मौन हो जाएं, तो इतने लोग नहीं, एक ही व्यक्ति रह जाएगा। एक ही! बिकाज लैंग्वेज इज़ दि डिवीजन। भाषा तोड़ती है। मौन तो जोड़ देगा। और सब एक ही हो जाएंगे। ©Andy Mann #मौन Dr Udayver Singh अदनासा- Rakesh Srivastava Ashutosh Mishra Ravi Ranjan Kumar Kausik
#मौन Dr Udayver Singh अदनासा- Rakesh Srivastava Ashutosh Mishra Ravi Ranjan Kumar Kausik
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White आपकी और मेरी मुस्कान में क्या फर्क है,आप खुश होकर मुस्कुराते हो और मैं आप को खुश देखकर मुस्कुराता हूँ,और दुआ करता हूँ ,आप खुश रहे ताकि, मेरी मुस्कराहट यूं ही बनी रहे. ©Andy Mann #आप_सदा_खुश_रहें अदनासा- Ak.writer_2.0 Sangeet... Dr Udayver Singh Ashutosh Mishra
#आप_सदा_खुश_रहें अदनासा- Ak.writer_2.0 Sangeet... Dr Udayver Singh Ashutosh Mishra
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Unsplash आप ऐश कीजिए जेब में रखीं दौलत से मैं तो झोले में इंसानियत रखकर खुश हूं ... ©Andy Mann #सफर_ए_जिंदगी Sangeet... Neel Ashutosh Mishra Dr Udayver Singh अदनासा-
#सफर_ए_जिंदगी Sangeet... Neel Ashutosh Mishra Dr Udayver Singh अदनासा-
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White एक बार एक वोटर लाइन में ही मर गया। मृत्यु उपरान्त वो ऊपर यमराज के दरबार में पहुंचा। वहां चित्रगुप्त उसके कर्मो का खाता खोले बैठा था। उसके कर्मो का खाता देखने के बाद चित्रगुप्त ने यमराज से कहा श्रीमान ये तो 50, 50 का मामला है। पलड़ा दोनों तरफ बिलकुल बराबर है। ऐसी स्थिति पहली बार हुई है। आप आदेश दें कि क्या किया जाए। इसे कहां भेजा जाए। स्वर्ग या नर्क यमराज- ऐसी स्थिति में निर्णय लेने का अधिकार इसी का है। जो भी ये चुनना चाहे। उन्होंने उसे एक दूत के साथ एक दिन नर्क और स्वर्ग में बिताने के लिए भेज दिया। पहले दिन नर्क में पहुंचते ही उसने खुद को एक गोल्फ कोर्स में पाया। चारो तरफ हरियाली , खूबसूरत दृश्यावली के बीच उसे दूर एक छोटा सा एक क्लब नजर आया। वहां पहुंचते ही उसे उसके सभी पुराने मित्र मिल गए । जो सभी बेहद खुश और मजे ले रहे थे। मित्रों के साथ दिन भर उसने ढेर सारा आनंद उठाया, अच्छा खाना खाया थोड़ी बढ़िया शराब भी पी। आखिर उनसे विदा लेकर वो दूत के साथ स्वर्ग में पहुंचा। वहां सभी संत टाइप के संतुष्ट व्यक्ति भजन कीर्तन में लीन थे। दिन बीतता दिखा नहीं उसे। आखिर उसका जाने का समय हो गया। दूत के साथ वो यमराज के पास पहुंचा। यमराज ने उसका निर्णय जानना चाहा। उसने कहा - महाराज स्वर्ग बहुत अच्छा है। वहां शान्ति भी है। लेकिन मैं तो नर्क में ही रहना चाहूंगा। असल आनंद वही पर है। यमराज ने दूत को उसे नर्क में छोड़ कर आने के लिए कहा। नर्क के द्वार के अंदर घुसते ही वो चौंक गया। चारों तरफ उजाड़ बियाबान रेगिस्तान नजर आ रहा था। और उसके सभी मित्र फटेहाल अवस्था में वहां बिखरे पड़े कूड़े करकट में अपना भोजन तलाश रहे थे। उसने दूत से कहा- ये क्या कल तो यहां दूसरा ही दृश्य था। दूत ने हँसते हुए कहा - कभी पृथ्वी पर चुनाव प्रचार नही देखा क्या?? कल अभियान का दिन था। तुम्हे लुभाने का दिन था। तुम्हे फसाने का दिन था। आज तो तुम अपना वोट दे चुके हो। ©Andy Mann #राजनीतिक_व्यंग Ak.writer_2.0 अदनासा- Ashutosh Mishra Dr Udayver Singh Rakesh Srivastava
#राजनीतिक_व्यंग Ak.writer_2.0 अदनासा- Ashutosh Mishra Dr Udayver Singh Rakesh Srivastava
read morerashi khushi om Vishwkarma
Unsplash ना तो मुकाबला किसी से ना ही लड़ाई किसी से है जो ना समझे है कभी हमे बस यह विदाई उसी से है Dr Pramod Dhiman om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma #Dr pramod Kumar
#dr pramod Kumar
read moreBabli BhatiBaisla
जला दीप माटी का अंधियारे आसमान में माटी को माटी में मिलाना केवल हवा के हाथ में है आती जाती कब सांस थमे कृशकाय वृद्ध इंतजार में है बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla Ashutosh Mishra R Ojha Ravi Ranjan Kumar Kausik SIDDHARTH.SHENDE.sid Vikram vicky 3.0 Dr. uvsays
Ashutosh Mishra R Ojha Ravi Ranjan Kumar Kausik SIDDHARTH.SHENDE.sid Vikram vicky 3.0 Dr. uvsays
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