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Parasram Arora
White मेरा ज़नाज़ा उठने से पहले ही मै कब्र मे दफन हो चुका था क्या तुम नही जानते कि ये जिस्म का पिंजरा भी किसी कब्र से कम नही है? ©Parasram Arora जिस्म का पिंजरा
जिस्म का पिंजरा
read moreParasram Arora
White अब मै दफन हो चुका हूँ अपने ही जिस्म क़ी कब्र मे और अब मै बिना जिस्म के सिर्फ रूह के निराकार रूप मे जी रहा हूँ किसी विशिष्ट जिस्म क़ी खोज मे भटक रहा हूँ ©Parasram Arora रूह और जिस्म
रूह और जिस्म
read moreKavi Himanshu Pandey
जिस्म को तपाया जिसने संघर्ष की लौ में, वो तपकर निकला, सहन कर लिये ताने जिसने प्रतिकूलता में, वो निखरकर निकला! ....... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey जिस्म... #beingoriginal #NojotoHindi
जिस्म... #beingoriginal Hindi
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White जिस्म की दरारों से........ रुह नजर आने लगी........! बहुत अंदर तक तोड गई......!! मुझे इश्क तेरा.......💕 ©Rameshkumar Mehra Mehra # जिस्म की दरारों से,रुह नजर आने लगी,बहुत अंदर तक तोड गई,मुझे इश्क तेरा....
# जिस्म की दरारों से,रुह नजर आने लगी,बहुत अंदर तक तोड गई,मुझे इश्क तेरा....
read moreParasram Arora
White ये जिस्म जन्म लेने के बाद घिसता है गलता है और एक दिन फना हो जाता है लेकिन जिस्म मे रहने वाली रूह नही मरती वो तों फिर किसी नए जिस्म क़ी तलाश मे लग जाती है एक नई जिंदगी को गति देने के लिए ©Parasram Arora जिस्म और रूह
जिस्म और रूह
read moreहिमांशु Kulshreshtha
Unsplash मुझे तुम से बे पनाह मोहब्बत है एक ख़ामोश आज़ाद मोहब्बत इसलिए तुम्हें किन्ही बेड़ियों में जकड़ना मुनासिब नहीं मुझे तुम से इश्क़ है रोमांस नहीं इसलिए मेरी ख्वाहिशें जिस्म से परे रूहानियत की मुन्तजिर हैँ तुम भी एक आज़ाद रूह और मैं भी और इश्क़ मेरा रूहानी...!! ©हिमांशु Kulshreshtha एक आज़ाद रूह..
एक आज़ाद रूह..
read moreप्रतिभा त्रिपाठी
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset समाज में आपका सम्मान विकल्प मिलने से विस्थापित होने तक का है। और यह भ्रम आपकी दुर्बलता कि आप कुछ अलग हो। ©प्रतिभा त्रिपाठी अनुभव से विचार तक
अनुभव से विचार तक
read moreKavi Himanshu Pandey
इश्क़ वो जिस्मों का जादू रे, मई, जून में जो कर दे सर्दी रे! ...... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey जिस्म... #NojotoHindi #beingoriginal
जिस्म... Hindi #beingoriginal
read moreविष्णु कांत
जिस्म..!! सिर्फ कामुक इच्छाओं को पूर्ति करने का साधन नहीं है, बल्कि यह एक रूह से दूसरे रूह को मिलाने वाली साधना है। वैसी साधना जिसमें लोग डूबे तो फिर वापस न निकल पाएं, वैसी साधना जो फकीर कर ले तो अनंत को पा ले। ©विष्णु कांत #जिस्म
Ram Prakash
Unsplash दिल पे जब ईमान लिखोगे सुर्ख रूह तभी दिखोगे ©Ram Prakash #snow रूह
#snow रूह
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