Find the Latest Status about आर्थिक में तीन अंतर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आर्थिक में तीन अंतर.
Sandeep Lucky Guru
White यह समाज आपकी आर्थिक स्थिति के अनुसार ही आपके प्रति अपना व्यवहार निर्धारित करता है। ©Sandeep Lucky Guru ll यह समाज आपकी आर्थिक ll #viral #Nojoto #Comment #sandeeplguru
ll यह समाज आपकी आर्थिक ll #viral #Comment #sandeeplguru #Motivational
read moreVickram
White सतयुग और कलयुग के राक्षसों में क्या अंतर है । जो सत्ययुग के दौरान जैसा दिखाते थे वैसे ही होते भी थे । मतलब जो हकीकत में क्रूर और गलत होता था । वो उसी प्रकार की हरकतें करता भी था । जो अच्छा था वो दिख जाता था कभी दिखावा नहीं करता था । और आज इसका उल्टा असर है । जो खुद को बहुत अच्छा किरदार दिखाने की हमेशा कोशिश करता है । वहीं यहां असली Vilen होता है । ऐसे लोग खुद को औरों से बेहतर दिखाने के लिए दान पुण्य और बड़ी-बड़ी पूजाएं भी करवाते हैं । और ये लोग ही मंद बुद्धि और शक्तिशाली इंसानो का भी खूब इस्तेमाल करते हैं । पैसा दिखाकर अंतर आज और कल का ©Vickram #Animals अंतर आज और कल का
#Animals अंतर आज और कल का #मोटिवेशनल
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} ब्रह्माण्ड में तीन चीजें हैं, जिन्हें नष्ट नहीं किया जा सकता, आत्मा, परमात्मा, जागरूकता और प्रेम।। ©N S Yadav GoldMine #Sad_shayri {Bolo Ji Radhey Radhey} ब्रह्माण्ड में तीन चीजें हैं, जिन्हें नष्ट नहीं किया जा सकता, आत्मा, परमात्मा, जागरूकता और प्रेम।।
#Sad_shayri {Bolo Ji Radhey Radhey} ब्रह्माण्ड में तीन चीजें हैं, जिन्हें नष्ट नहीं किया जा सकता, आत्मा, परमात्मा, जागरूकता और प्रेम।। #भक्ति
read morePraveen Jain "पल्लव"
Black पल्लव की डायरी तौर तरीके सत्ताओ के जनता को निपटाने में लग रहे है बन्दिशों से कैद कर फार्मूले आर्थिक शारिरिक शोषणों के बन रहे है वेक्सीन के नफे नुकसान जाँचे बिना प्रयोग मानव जीवन मिटाने के लिये हथियार के रूप में प्रयोग कर रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Morning फार्मूले आर्थिक और शारारिक शोषण के बन रहे है #nojotohindi
#Morning फार्मूले आर्थिक और शारारिक शोषण के बन रहे है #nojotohindi #कविता
read moreअदनासा-
Shishpal Chauhan
एक दो तीन चार, दिखे तेरी आंखों में प्यार। पूजा करे तेरी सारा संसार, गले में तेरे मोतियों का हार। एक दो तीन चार, खुशियों भरा है त्योहार। जो भी आता तेरे द्वार अन्न-धन से भर देती भंडार। एक दो तीन चार, ममता है तुममें अपार। चाहे नारी हो या नार, तोड़ देती नफरत की दीवार। एक दो तीन चार, करती शत्रुओं का संहार। तू चाहे तो जान डाल दे चाहे हो पत्थर, तू चाहे तो अमीर को भी बना दे दरिद्र। ©Shishpal Chauhan #नवरात्रि "एक दो तीन चार"