Nojoto: Largest Storytelling Platform

New दिक्षा अॅप Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about दिक्षा अॅप from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दिक्षा अॅप.

    PopularLatestVideo

ashish kumar. jha

शिक्षा दिक्षा

read more
mute video

Rahul Rambhau Vadate

अच्छा खास पैसा कमाने वाला अॅप #मराठीविचार

read more
mute video

धर्मेंद्र पाटिल

मेरी तीन तितलियाँ अनुष्का दिक्षा पृरेरणा #nojotophoto

read more
 मेरी तीन तितलियाँ
अनुष्का
दिक्षा
पृरेरणा

Neeraj Kumar

मैं भारत के 1 गेमिंग अॅप प #ज़िन्दगी

read more
mute video

Vinay Suryawanshi (Tej Vinay)

#नेकी कर दरिया मे डाल #नेकी #दरिया #व्हाटस् अॅप #अनुभव की कलम से

read more
"पहले के लोग कहते थे नेकी कर दरीया मे डाल,
और आज की तारीख मे आलम ये है की नेकी कर और व्हॉट्स ऍप पे डाल" ! #नेकी कर दरिया मे डाल
#नेकी 
#दरिया
#व्हाटस् अॅप
#अनुभव की कलम से

Guddu Nishad

मैं भारत के 1 गेमिंग अॅप पर खेल रहा हूं 1️⃣ रु.550 का जॉइनिंग बोनस फ्री पाएं 2️⃣ लूडो, कैरम और 100+ गेम 3️⃣ पहले डिपॉज़िट पर 100% कॅशबैक #Sports

read more
mute video

M.k.kanaujiya

#जिंदगी, नाम , इज़्ज़त, शौहरत, धन, दौलत, प्यार, दुलार, शिक्षा, दिक्षा, सब कुछ दूसरों से ही मिलता है हमें, तो फिर घमंड किस बात का ?? motavito

read more
mute video

Varsha Patil

व्हाॅटस अॅप इंटरनेटशी जुळले नाते व्हाॅटसअॅपमुळे झाले सारेच सोपे लहान मोठे आबालवृध्द सारे झालेत तयाशी बध्द मनोरंजनाचे ऊघडले कप्पे ग्रृप अॅडम

read more
व्हाॅटस अॅप
इंटरनेटशी जुळले नाते
व्हाॅटसअॅपमुळे झाले सारेच सोपे
लहान मोठे आबालवृध्द 
सारे झालेत तयाशी बध्द
मनोरंजनाचे ऊघडले कप्पे
ग्रृप अॅडम

अल्पेश सोलकर

जेव्हा पासून लिहायला सुरुवात केली.. सगळ नवीन होत माझ्यासाठी... पण आज इथपर्यंत पोहचलो आहे.. अजून खूप शिकायचं आहे..शिकत राहायचं आहे.. ...ज्या

read more
Thank You 'YourQuote' जेव्हा पासून लिहायला सुरुवात केली..
सगळ नवीन होत माझ्यासाठी...
पण आज इथपर्यंत पोहचलो आहे..
अजून खूप शिकायचं आहे..शिकत राहायचं आहे..
...ज्या

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

घर बाबुल के बनकर चिडिय़ा जो उडती रहती आँगन में, प्यार भरे रिश्तों की होती थी बरसातें तब आँगन में, रिश्तों में थी नहीं दीवारें सोती वो माँ की

read more
घर बाबुल के बनकर चिडिय़ा
जो उडती रहती आँगन में,
प्यार भरे रिश्तों की होती
थी बरसातें तब आँगन में,

रिश्तों में थी नहीं दीवारें
सोती वो माँ की बाहों में ,
संग भाई के खेली कूदी
नहीं कभी जो अपवादों में,

घर बाबुल के बनकर चिड़िया
जो उड़ती रहती आँगन में,

आज सयानी होकर जानी
नारी है अपवादों में ,
भागी दारी हर घर में हैं
पर कभी न हकदारों में ,

शिक्षा दिक्षा चूल्हा चौका
दिए गए संस्कारो में,
घर के बाहर की दुनिया को
छीन लिए अधिकारों में ,

घर बाबुल के बनकर चिड़िया
जो उड़ती रहती आँगन में

               महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR घर बाबुल के बनकर चिडिय़ा
जो उडती रहती आँगन में,
प्यार भरे रिश्तों की होती
थी बरसातें तब आँगन में,

रिश्तों में थी नहीं दीवारें
सोती वो माँ की
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile