Find the Latest Status about दिक्षा अॅप from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दिक्षा अॅप.
धर्मेंद्र पाटिल
मेरी तीन तितलियाँ अनुष्का दिक्षा पृरेरणा
Vinay Suryawanshi (Tej Vinay)
"पहले के लोग कहते थे नेकी कर दरीया मे डाल, और आज की तारीख मे आलम ये है की नेकी कर और व्हॉट्स ऍप पे डाल" ! #नेकी कर दरिया मे डाल #नेकी #दरिया #व्हाटस् अॅप #अनुभव की कलम से
Guddu Nishad
M.k.kanaujiya
जिंदगी, नाम , इज़्ज़त, शौहरत, धन, दौलत, प्यार, दुलार, शिक्षा, दिक्षा, सब कुछ दूसरों से ही मिलता है हमें, तो फिर घमंड किस बात का ?? ☹️☹️☹️☹️ ©Doremon #जिंदगी, नाम , इज़्ज़त, शौहरत, धन, दौलत, प्यार, दुलार, शिक्षा, दिक्षा, सब कुछ दूसरों से ही मिलता है हमें, तो फिर घमंड किस बात का ?? motavito
Varsha Patil
अल्पेश सोलकर
Thank You 'YourQuote' जेव्हा पासून लिहायला सुरुवात केली.. सगळ नवीन होत माझ्यासाठी... पण आज इथपर्यंत पोहचलो आहे.. अजून खूप शिकायचं आहे..शिकत राहायचं आहे.. ...ज्या
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
घर बाबुल के बनकर चिडिय़ा जो उडती रहती आँगन में, प्यार भरे रिश्तों की होती थी बरसातें तब आँगन में, रिश्तों में थी नहीं दीवारें सोती वो माँ की बाहों में , संग भाई के खेली कूदी नहीं कभी जो अपवादों में, घर बाबुल के बनकर चिड़िया जो उड़ती रहती आँगन में, आज सयानी होकर जानी नारी है अपवादों में , भागी दारी हर घर में हैं पर कभी न हकदारों में , शिक्षा दिक्षा चूल्हा चौका दिए गए संस्कारो में, घर के बाहर की दुनिया को छीन लिए अधिकारों में , घर बाबुल के बनकर चिड़िया जो उड़ती रहती आँगन में महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR घर बाबुल के बनकर चिडिय़ा जो उडती रहती आँगन में, प्यार भरे रिश्तों की होती थी बरसातें तब आँगन में, रिश्तों में थी नहीं दीवारें सोती वो माँ की