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Stories related to आऊ

विवेक ठाकुर 'शाद'

👉 ग़ज़ल - याद आऊँगा... 👉 काफ़िया - आऊँगा 👉 रदीफ़ - ग़ैर-मुरद्दफ़ ग़ज़ल 👉बह्र - बहर-ए-मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मकफ़ूफ़ महज़ूफ़ 👉 वज़्न - 221 2121 1221 21

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New Year 2025 221 2121 1221 212

मेहनत   करूँगा   ख़ून   पसीना   बहाऊँगा
मैं   एक   रोज़   नाम  जहाँ   में  कमाऊँगा

उम्मीद  और  हौसलों  के  दम  पे  ज़ीस्त में 
आसान मुश्किलों को मैं  करके दिखाऊँगा

होगी  ज़रा  सी   देर  मुझे  जानता  हूँ  पर
मंज़िल पे एक  रोज़ पहुँच  मैं भी जाऊँगा

मुझको  समझ  रहे  हैं  जो  हारा हुआ यहाँ
वादा रहा मैं  जीत  के  उनको  दिखाऊँगा

माज़ी की हर ख़ता से मैं लेकर कड़ा सबक़
मैं  जिंदगी  का   कारवाँ  आगे  बढ़ाऊँगा

जीते  जी  ऐसा   काम  करूँगा  हयात  में
मर कर भी मैं सभी को सदा याद आऊँगा

©विवेक ठाकुर 'शाद' 👉 ग़ज़ल - याद आऊँगा...
👉 काफ़िया - आऊँगा
👉 रदीफ़ - ग़ैर-मुरद्दफ़ ग़ज़ल
👉बह्र - बहर-ए-मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मकफ़ूफ़ महज़ूफ़
👉 वज़्न - 221 2121 1221 21

Sushma

#Ladki शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ

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Unsplash शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो
इतनी आँखें गिरी जमीं पर
कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन
कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ कॉलर में अटकी थी
कुछ उलझी थी बालों में
गर्दन के पीछे चिपकी मिली
कुछ उंगलियों में पोरों में, कुछ नशीली कुछ रसीली
कोई बेशर्मी से भरी हुई
ये आंखें ऐसी क्यों हैं? उनकी हमारी सी आंखें
पर इतना अंतर क्यों है?
मैं रोज़ प्रार्थना करती हूँ
कुछ न चिपका मिले मुझ पर
जैसी मैं सुबह जाती हूँ घर से ,
वैसे साफ सुथरी आऊं वापस
मगर ऐसा हो पाता नहीं
बोझ उठाये नजरों का हरदम
चलते रहना नियति है मेरी, शायद।

©Sushma #Ladki  शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो
इतनी आँखें गिरी जमीं पर
कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन
कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ

Neeraj Vats

#GoodMorning #good_morning #vibes #Truth #Truth_of_Life #indianjudiciary #justice #womanequality #womanpower मां - बेटी! अच्छे से पढ़ो

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मां - बेटी! अच्छे से पढ़ो लिखो 
ताकि कल को जीवन आरामदायक हो सके।

बेटी - क्यों चिंता कर रही हो मां?
मिल जाएगा मुझे कोई 
व्यापारी या फिर नौकर सरकारी।

दहेज लेना देना वैसे जुर्म है तो
  वो आपको देना नहीं पड़ेगा।
उल्टा मैं ही कल को कोर्ट जाकर 
उसकी आधी जायदाद और ले आऊंगी।

जब तक केस चलेगा 
महीना गुजारे के नाम पर ऐश करूंगी
फिर उसका खुद का चाहे कुछ भी हो।।

#भारतीय_न्याय_व्यवस्था 
😂🤣😂

©Neeraj Vats #GoodMorning #good_morning 
#vibes #Truth #Truth_of_Life 
#indianjudiciary #justice #womanequality #womanpower 


मां - बेटी! अच्छे से पढ़ो
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