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Abhishek 'रैबारि' Gairola
शहर के की ऊंची दीवारें किसी क़िलेबंदी से कम नहीं लगती। निश्चित नहीं है कि ये परकोटा उस काले, सड़ांध बहाते, मैले गाद को रिहायशों से दूर रखने के लिए है या फिर उस गाद को मैले इंसानों से बचाने के लिए? ©Abhishek 'रैबारि' Gairola शहर के की ऊंची दीवारें किसी क़िलेबंदी से कम नहीं लगती। निश्चित नहीं है कि ये परकोटा उस काले, सड़ांध बहाते, मैले गाद को रिहायशों से दूर रखने क
Abhishek 'रैबारि' Gairola
शहर के की ऊंची दीवारें किसी क़िलेबंदी से कम नहीं लगती। निश्चित नहीं है कि ये परकोटा उस काले, सड़ांध बहाते, मैले गाद को रिहायशों से दूर रखने के लिए है या फिर उस गाद को मैले इंसानों से बचाने के लिए? ©Abhishek 'रैबारि' Gairola शहर के की ऊंची दीवारें किसी क़िलेबंदी से कम नहीं लगती। निश्चित नहीं है कि ये परकोटा उस काले, सड़ांध बहाते, मैले गाद को रिहायशों से दूर रखने क
Fadu jokes
अनन्त श्री विभूषित ब्रह्मऋषि ब्रह्मचार्य सावित्री सिद्ध पीठाधेश्वर ब्रह्मधाम आसोतरा के गादीपति सद्गुरु श्री श्री 1008 तुलसारामजी महाराज के
Vinod Umratkar
कोरोना सोडुनिया, तू रे आम्हा कधी जाशील तू कोरोना ।। ।। कितीवेळा हात आम्ही धुतले आणि अंतर ही आम्ही राखले हा प्रकार झाला कंटाळवाणा ।। टीव्ही च्या सिरीयली संपल्या बसून सोप्याच्या गाद्या दबल्या घराच्या बाहेर बी निघता येईना ।। घरातल्या घरात कस जगायचे मित्राना सोडून कसे राहायचे चार मित्रांना एकत्र बसता येईना।। तू हे लॉकडाऊन लावले व्यवसाय सारे आमुचे बुडाले कधी संपणार ह्या नरकयातना ।। करतो विनंती हात जोडुनी जारे बा कोरोना तू निघूनी येऊ नको परत आम्हच्याकडे पुन्हा।। कोरोना सोडुनिया, तू रे आम्हा कधी जाशील तू कोरोना ।। ।। कितीवेळा हात आम्ही धुतले आणि अंतर ही आम्ही राखले
Sweta
चलों फिर अजनबी बन जाते है हम तुम मोहब्बत के कसमें - वादे दोहराते है हम तुम उसी सपनों की दुनिया में खो जाते है हम तुम आंखों-ही-आंखों में सारी रात बिताते है हम तुम तुमको पाया है तो जैसे खोया हूँ कहना चाहूँ भी ओओं उल्फ़त के वही नगमें गुनगुनाते है हम तुम गादिर्श-ए-अय्याम का दौर चल रहा मेरे हमनफ़स आज गिले-शिकवे भुलाकर गले मिल लेते है हम तुम पर Queen"कौन सी ताबीर-ए-ख़्वाब सजा रही अजनबी थे और अजनबी ही रह गये अब हम दोनों ।। गादिर्श-ए-अय्याम---- मुसीबत हमनफ़स ----हमसफर ताबीर-ए-ख़्वाब ----सपने की व्याख्या ♥️ Challenge-551 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को ह
गौरव दीक्षित(लव)
सभी शादीशुदा लोगों को समर्पित🤔🤪 उठो नाथ अब आंखे खोलो बर्तन मांजो कपड़े धो लो झाड़ू लेकर फर्श बुहारो और किचेन में पोछा मारो अलसाओ न, आंखें मूंदो सब्ज़ी काटो, आटा गूथो तनिक काम से तुम न हारो घी डालकर दाल बघारो गमलों में तुम पानी डालो छत टंकी से गाद निकालो देखो हमसे खेल न खेलो छोड़ मोबाइल रोटी बेलो बिस्तर सारे , धूप में डालो ख़ाली हो अब काम संभालो नहीं चलेगी अब मनमानी याद दिला दूंगी अब नानी ये, आईं है, अजब बीमारी सब पतियों पे विपदा भारी नाथ अब शरणागत ले लो कुछ भी हो ये आफत ले लो। G@ur@v 🙏🙏🙏 सभी शादीशुदा लोगों को समर्पित🤔🤪 उठो नाथ अब आंखे खोलो बर्तन मांजो कपड़े धो लो झाड़ू लेकर फर्श बुहारो और किचेन में पोछा मारो अलसाओ न, आंखें
गौरव दीक्षित(लव)
सभी शादीशुदा लोगों को समर्पित🤔🤪 उठो नाथ अब आंखे खोलो बर्तन मांजो कपड़े धो लो झाड़ू लेकर फर्श बुहारो और किचेन में पोछा मारो अलसाओ न, आंखें मूंदो सब्ज़ी काटो, आटा गूथो तनिक काम से तुम न हारो घी डालकर दाल बघारो गमलों में तुम पानी डालो छत टंकी से गाद निकालो देखो हमसे खेल न खेलो छोड़ मोबाइल रोटी बेलो बिस्तर सारे , धूप में डालो ख़ाली हो अब काम संभालो नहीं चलेगी अब मनमानी याद दिला दूंगी अब नानी ये, आईं है, अजब बीमारी सब पतियों पे विपदा भारी नाथ अब शरणागत ले लो कुछ भी हो ये आफत ले लो। G@ur@v 🙏🙏🙏 सभी शादीशुदा लोगों को समर्पित🤔🤪 उठो नाथ अब आंखे खोलो बर्तन मांजो कपड़े धो लो झाड़ू लेकर फर्श बुहारो और किचेन में पोछा मारो अलसाओ न, आंखें
Nilmani
Sunita D Prasad
मेरी कई यात्राएँ निरर्थक सिद्ध हुईं जिनकी शिथिलता देह पर यथावत है। हमारे पास विसफलताओं के सदा कई स्पष्टीकरण रहे तभी जीवन में हम अनेक विकल्प लेकर भी चले। परंतु स्वयं किसी का विकल्प होना हमारा सबसे बड़ा दुःख हुआ। अमूमन दुःख कहने से अधिक समझने के हुए और इनका न समझा जाना भी एक दुःख हुआ। मुझे स्मरण हो आता है, तुम्हारा एक गहरी उश्वास के साथ कहना कि पीड़ा प्रेम का नाद है। उश्वास का वो स्पर्श आज भी धमनियों में दौड़ जाता है। सहज नहीं है स्मृति और स्वप्न का माधुर्य इनकी आवृत्ति से मेरी देह की सतह पर उत्कंठाओं की स्निग्ध गाद जम आती है। मेरे जीवन में तुम्हारा प्रेम शायद किसी वर्षावन का शाप है। --सुनीता डी प्रसाद💐💐 मेरी कई यात्राएँ निरर्थक सिद्ध हुईं जिनकी शिथिलता देह पर यथावत है। हमारे पास विसफलताओं के सदा कई स्पष्टीकरण रहे तभी जीवन में हम
sandy
#छत्रपतींची गादीचे वारस आणि रयतेचे_स्वराज्यच्या #विचार, #कृतीचे खरे वारसदार महात्मा फुले, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर, लोकशाहीर आण्णाभाऊ साठे हेच आ