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Aliem U. Khan
यूं ही तो दिल किसी का पत्थर नहीं होता, हर शख़्स रंज-ओ-ग़म का सुख़नवर नहीं होता। महसूस करके देखो ये पेड़ न कटता तो, इक बेज़ुबां परिंदा बेघर नहीं होता। #aliem #dil #patthar #ranj_o_gham #sukhanwar #bezubaan #parinda #beghar सुख़नवर - poet, eloquent
Saurav K. Jha
सुख़नवर- शायर, कवि बेहिजाब- बे पर्दा इब्तिशाम- मुस्कुराना हिज्र- जुदाई वस्ल- मिलन #नज़्म #दर्द
mustajaab Hasan
" ना शिकवा है ना शिकायत कोई शुक़्रिया उस शख़्स का 'हसन' जिसने मुझे सुख़नवर बनाया " ©Hasan_Sheikh " ना शिकवा है ना शिकायत कोई शुक़्रिया उस शख़्स का 'हसन' जिसने मुझे सुख़नवर बनाया " #Darknight
Abeer Saifi
लाग दिल की लगी है सुख़नवर, महफ़िलों में क्यूँ आते नहीं हो اا बात कुछ तो हुई है ख़बर है, हमसे कुछ भी बताते नहीं हो اا यूँ ख़ल्वत में कटती हैं रातें, अश्क़-बारां ये होना तुम्हारा, कुछ दिवाने हैं लोग भी तेरे, उनको क्यों तुम बुलाते नहीं हो اا वीरान दिल है ये तेरा, वीरान कमरा तुम्हारा, किवाड़े पे खुशियाँ खड़ी हैं, इसको क्यों तुम सजाते नहीं हो اا लाग दिल की लगी है सुख़नवर, महफ़िलों में क्यूँ आते नहीं हो اا सुख़नवर - कवि, ख़ल्वत - अकेलापन, अश्क़ बारां - आँसू से भरा होना #yqdidi #yqquotes #yqhindi #yqurdu #yqlove #yqtales #yqaestheticthoughts #
Abeer Saifi
लाग दिल की लगी है सुख़नवर, महफ़िलों में क्यूँ आते नहीं हो اا बात कुछ तो हुई है ख़बर है, हमसे कुछ भी बताते नहीं हो اا यूँ ख़ल्वत में कटती हैं रातें, अश्क़-बारां ये होना तुम्हारा, कुछ दिवाने हैं लोग भी तेरे, उनको क्यों तुम बुलाते नहीं हो اا वीरान दिल है ये तेरा, वीरान कमरा तुम्हारा, किवाड़े पे खुशियाँ खड़ी हैं, इसको क्यों तुम सजाते नहीं हो اا लाग दिल की लगी है सुख़नवर, महफ़िलों में क्यूँ आते नहीं हो اا सुख़नवर - कवि, ख़ल्वत - अकेलापन, अश्क़ बारां - आँसू से भरा होना #yqdidi #yqquotes #yqhindi #yqurdu #yqlove #yqtales #yqaestheticthoughts #
कर्म गोरखपुरिया
वो ये चाहता है किसी को ख़बर ना लगे ख़बर लगे तो लगे मगर इस कदर ना लगे बात दिल में जो हो वो आकर सीधे कह दे उस की बातों में ज्यादा अगर मगर ना लगे इज़्ज़त-ए-नफ़्स में बराबर मैं उन को लगूं कद मेरा भी उन से मुख़्तसर ना लगे राग़िबन मैं उसे रख लूं मन्दिर में मेरे काफ़िर-ए-मुतलक़ मेरा उसको घर ना लगे बच बचा के आना मेरे दर पर आश्ना देखना चौखट पर तुम्हारा सर ना लगे मैं ने लिख दिए कितने इत्माम-ए-ग़ज़ल मगर किसी ग़ज़ल में सही बहर ना लगे एक काला टीका लगा दो उसके मुखड़े पर ताकी लोगों की उस पर बुरी नज़र ना लगे उसके पेशानी के शिकन का कुछ तो करो बज़्म-ए-महफिल में देख़ो वो मुन्तशर ना लगे मुनासिब हो तो उस को मेरे पास भेज दो जब से हुआ वो बेघर ये घर घर ना लगे इश्क में सर्द-जंग एक हद तक तो ठीक है कर्म जी जले तो जलें वो किसी गैर के बिस्तर ना लगें ©कर्म भक्त कवि [आशीष मिश्रा] #Nightlight गज़ल सुख़नवर:- आशीष मिश्रा/ कर्म भक्त कवि गौरव आनंद श्रीवास्तव Kajal Singh [ ज़िंदगी ] Arp__(अर्प) Amit Pandey Pallavi Srivast
कर्म गोरखपुरिया
बहोत मुश्किल था खुदा का घर घर पहुंचना इसलिए उसने ऐसा चमत्कार दिखा दिया अपने रूप के स्वरूप में मां को बनाकर देख उस ने खुद को हर घर पहुंचा दिया ©कर्म भक्त कवि [आशीष मिश्रा] मां का प्यार निस्वार्थ होता है पिता के प्यार मे भावार्थ होता है 🍁 सुख़नवर आशीष मिश्रा 🍁 #Mother सचिन सारस्वत गौरव आनंद श्रीवास्तव Arp__(
SM HADI
आसमानों मे रहते हैं तारों की तरह हम अल्फाज़ उठा लाते हैं चाँद के सिरहाने से हम सुख़नवर हैं सच कहने की आदत है हम कभी नहीं डरते तअल्लुक टूट जाने से ~हादी आसमानों मे रहते हैं तारों की तरह हम अल्फाज़ उठा लाते हैं चाँद के सिरहाने से हम सुख़नवर हैं सच कहने की आदत है हम कभी नहीं डरते तअल्लुक टूट
कर्म गोरखपुरिया
अब तेरे आने से ना उम्मीद हूं मै अपनी सभी हसरतों से नामुराद हूं मै तुम मुझे आज भी अपना समझती हो अब तेरे जेहन-साजी ख्यालों से आजाद हूं मै अब लोग मुझे मेरे हालात से पहचानते हैं हालात-ए-हाज़िरा में एक धूमिल किताब हूं मै अब फ़क्त बेरूखी से तुम मुझे देखती हो यार तुम्हारी नजर में इतना ख़राब हूं मैं तुम्हारे हर एक ख्यालों से इन्फ़िराद हो चुका हूं अमावस्या की रात में डूबता एक मेहताब हू मैं मुझ से दुबारा मोहब्बत की उम्मीद मत लगाना अब किसी कर्म की किस्मत को दस्तयाब हूं मैं ©कर्म भक्त कवि [आशीष मिश्रा] #cycle सुख़नवर आशीष मिश्रा 🍁 कर्म भक्त कवि 🍁 सभी को प्रणाम आप लोग मुझे Instagram पर भी सुन व पढ़ सकते हो वो भी निशुल्क 😂 ig ://@shyarz_dil