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brar saab
White भारत में निम्नलिखित में से कौन-सी पर्वत श्रेणी केवल एक राज्य में फैली हुई है ? (A) अरावली (B) अजन्ता (C) सतपुड़ा (D) इनमें से कोई नहीं ©brar saab #sad_quotes #भारत में #निम्नलिखित में से कौन-सी #पर्वत श्रेणी केवल एक राज्य में फैली हुई है ? (A) अरावली (B) अजन्ता (C) सतपुड़ा
#sad_quotes #भारत में #निम्नलिखित में से कौन-सी #पर्वत श्रेणी केवल एक राज्य में फैली हुई है ? (A) अरावली (B) अजन्ता (C) सतपुड़ा
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White निम्नलिखित में से भारत की सुदूर दक्षिण भौगोलिक इकाई कौन-सी है ?(A) लक्षद्वीप(B) रामेश्वर(C) कन्याकुमारी(D) निकोबार द्वीप समूह ©brar saab #निम्नलिखित में से #भारत की @सुदूर दक्षिण भौगोलिक इकाई कौन-सी है ? (A) लक्षद्वीप (B) रामेश्वर (C) कन्याकुमारी (D) निकोबार द्वीप समूह
#निम्नलिखित में से #भारत की @सुदूर दक्षिण भौगोलिक इकाई कौन-सी है ? (A) लक्षद्वीप (B) रामेश्वर (C) कन्याकुमारी (D) निकोबार द्वीप समूह
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White 1856 ई. में निम्नलिखितगवर्नर-जनरलमेसे किसनेयह निर्णयकियाथाकिबहादुरशाह जफरअन्तिममुगल बादशाह होंगेऔरउनकी मृत्यु के बादउनकेकिसी वंशज को बादशाहनहींमाना जाएगा? [CTET Sep 2016, CTET Dec 2018] (1) कैनिंग (2) कॉर्नवालिस (3) डलहौजी (4) हेस्टिंग्स ©brar saab 1856 ई. में निम्नलिखित गवर्नर-जनरलों में से किसने यह निर्णय किया था कि बहादुरशाह जफर अन्तिम मुगल बादशाह होंगे और उनकी मृत्यु के बाद उनके किस
1856 ई. में निम्नलिखित गवर्नर-जनरलों में से किसने यह निर्णय किया था कि बहादुरशाह जफर अन्तिम मुगल बादशाह होंगे और उनकी मृत्यु के बाद उनके किस
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White निम्नलिखित में से किसअधिनियम (एक्ट)केअन्तर्गत भारतीय प्रशासनकोईस्ट इण्डिया कम्पनीसेब्रिटिश क्राउन कोस्थानान्तरित किया गया? [CTET Feb 2014] (1) 1861 का अधिनियम (2) 1868 का अधिनियम (3) 1833 का अधिनियम (4) 1858 का अधिनियम ©brar saab निम्नलिखित में से किस @अधिनियम #(एक्ट) के अन्तर्गत भारतीय प्रशासन को ईस्ट @इण्डिया कम्पनी से ब्रिटिश क्राउन कोस्थानान्तरित किया गया? [CTET F
निम्नलिखित में से किस @अधिनियम #(एक्ट) के अन्तर्गत भारतीय प्रशासन को ईस्ट @इण्डिया कम्पनी से ब्रिटिश क्राउन कोस्थानान्तरित किया गया? [CTET F
read moreInternet Jockey
White प्यार में इज़हार से ज्यादा इंतजार ज़रूरी है ©Internet Jockey #love_shayari प्यार में इज़हार से ज्यादा इंतजार ज़रूरी है
#love_shayari प्यार में इज़हार से ज्यादा इंतजार ज़रूरी है
read moreआचार्य योगेश शर्मा
मेरे जीवन की पहली भागवत कथा में भूतौ का सामना उस समय मैं 21 बर्ष का था मै गया तो था गुरु जी से मिलने उसी समय पर वहां अशोक कुमार जी बरेली से आये हुये थे गुरूजी से आशीर्वाद लेकर मे गुरुजी के चरणों की सेवा कर रहा था । उसी समय गुरूजी हमसे बोले तुम कथा कर लोगे हमने कहा गुरु जी कभी किये तो नही पर अध्ययन तो पूरा है पर कभी किया नहीं है फिर करो जी ने हमसे कहा अशोक कुमार जी की कथा आपको करनी है बड़ा आयोजन है कथा पंडाल में हो गई और और हमारा आशीर्वाद है तुम्हें जब गुरु जी ने हमें ऐसा कहा तो हमने सोचा कि गुरु जी का आशीर्वाद साथ है तो घबराने की काहे बात है हमने कोई तैयारी भी नहीं की थी उसे दिन के चार दिन बाद ही कथा प्रारंभ थी कथा स्थल पर हम पहुंचे दो ब्राह्मण भी हमारे साथ थे माला संध्या उपासना करने वाले जैसे ही हम बरेली पहुंचे अशोक कुमार जी हमें स्टेशन पर लेने आए अपनी निजी गाड़ी से हमें अपनी हवेली पर लेकर गए अशोक कुमार जी ने हमें हवेली की तीसरी मंजिल पर ठहराया अशोक कुमार जी के पिताजी वहां पर थे उनका नाम था लक्ष्मण प्रसाद लक्ष्मण प्रसाद जी ने हमसे पूछा कि आप कथा कर पाओगे यहां पर हमने कहा कथा करने ही तो आए हैं उन्होंने बताया यह कथा प्रेत बाधा के लिए कराई जा रही है इस हवेली में अनेक प्रकार की आत्माएं हमें परेशान करती है किसी ने बताया है श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से उनकी मुक्ति होगी लेकिन इस हवेली में एक रात से ज्यादा यहां पर कोई टिक नहीं पता तो आप कर सकोगे हमने कहा गुरु जी का आशीर्वाद है सब हो जाएगा तो शाम का 4:00 गया था हम अपनी संध्या उपासना करने के लिए बैठे कुछ समय तो बढ़िया बैठे रहे अपनी उपासना करते रहे थोड़ी देर बाद उसे कमरे में जिसमें हम बैठे थे ट्यूब लाइट जल रही थी एक ट्यूबलाइट चौक में जल रही थी फिर भी वहां पर कम से कम 11 है आत्माएं उपस्थित हुई और हमें परेशान करने लगी फिर हम डरने लगे लेकिन गुरुजी ने आशीर्वाद दिया था और अपने ध्यान में लग रहे कुछ देर बाद वह आत्माएं मिलकर के आक्रमण करना चाहती थी फिर हमारे पास जो जल रखा था उसे जल से हमने उनके ऊपर छींटे मारें फिर उनमें से एक आत्मा ने बात किया आवाज आई हम आपसे कुछ नहीं कहेंगे बस हम मुक्ति चाहते हैं फिर हमने कहा श्रीमद् भागवत की शरण में आओ और सप्ताह प्राण आप सुनो आपकी सद्गति होगी उसके बाद संध्या उपासना करके जब हम उठे तो हम पहुंचे जहां हमारे दो ब्राह्मण ठहरे हुए थे उन्होंने कहा महाराज जी बड़े जल्दी आ गए तो हमने कहा जल्दी ही काम हो गया तो आ गए उन ब्राह्मणों को भी उन आत्माओं ने हमसे पहले डराया था वह तो वहां से भागने लगे फिर हमने उनको समझाया और कहा आप हमारे साथ रहो कुछ नहीं बिगड़ेगा फिर दूसरे दिन जब हम संध्या के लिए बैठे तो उन आत्माओं ने कहा कि हमारे मुक्ति के लिए इस हवेली के नीचे नीचे खाना है उसे तहखाना में हमको हमको युद्ध के समय बंधक बनाकर बंद कर दिया गया था तब से हम इसी हवेली में रहते हैं फिर अशोक कुमार जी हमारे लिए भोजन लेकर आए तो हमने उनको यह सब बताया उन्होंने कहा महाराज जी यह हवेली राजा महाराजाओं के समय की है और हमारे दादा ने इसे खरीदा था एक दिन हमारे पिताजी ने इस तहखाना को खुलवा दिया था तब से ही घर में हलचल मची हुई है फिर हमने अशोक कुमार जी को आश्वासन दिया और कहा कि आप कथा स्थल पर मंडप की व्यवस्था करो और कल से प्रोग्राम चालू करें सब ठीक होगा उसके बाद साथ दिवस कथा हुई गुरु जी की कृपा से आशीर्वाद से कथा मैं कोई रुकावट नहीं आई और जो प्रेत आत्माएं थी वह भी मुक्ति को प्राप्त हो गई जय श्री राधे ©आचार्य योगेश शर्मा जीवन में पहली बार भूतों से सामना
जीवन में पहली बार भूतों से सामना
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