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Stories related to thinking fast and slow david kahneman

Mukeshdan Gadhavi

#Thinking

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White Change in hard at first, 
messy in the middle, and 
gorgeous at the end.

©Mukeshdan Gadhavi #Thinking

Cool boy Akke

my fast post

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Unsplash mahi akkey

©Cool boy Akke my fast post

Riya Sharma

my fast video

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#Ak47

#Thinking

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White सफ़ेद रंग में अगर वफ़ा होती तो
नमक जख्मों की दवा होती...
#Ak47

©#Ak47 #Thinking

मनीष कुमार पाटीदार

#Thinking

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White सोचते हैं बहुत सोचना आसान है।
दिखाई दे सच, सच भी नादान है।

जो गुज़र गई उसका मलाल नहीं,
जो गुज़र रहा पल वह मेहरबान है।

हर चेहरा जाना पहचाना तो नहीं,
मगर अजनबी भी यहॉं मेहमान है। 

किसी की राह में सहारा बन जाना,
अच्छी आदत में कहॉं नुकसान है।

नज़र तो पैनी रखेंगे अपने काम में,
नज़र में आजकल अच्छे इंसान है‌।

ज्यादा टकटकी न लगाना 'मनीष'
अभी - अभी सफ़र में इम्तिहान है।

©मनीष कुमार पाटीदार #Thinking

Gujrat Diary

#Thinking

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White Life is Beautiful and you can Lead your Life as you Wish. 
So fill your life with Magical and Wonderful Memories
 like Rainbow Colors. 
Keep Smiling and be Happy...


@Silent_echoes1 


























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©Gujrat Diary #Thinking

Himanshu Yadav

#Thinking

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White स्त्री को बस में बैठाकर ही आप कह सकते हो कि,
स्त्री बस में है!
इसके अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं है।

©Himanshu Yadav #Thinking

Rj,Vishal Tiwari..!

#Thinking

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White धूप छाव छीन लेती है नदी नव छिन लेती है,कोई नहीं जाता कमने गरीबी गांव छीन लेती है ना वह दिल रहा ना वो रहमों कर्म हमने भुला दी वह जमी जहां जन्मे थे हम हमसे अच्छी तो उन परिंदों की जमात है बरसों बाद जिनको अपना आशिया याद है।

©Rj,Vishal Tiwari..! #Thinking

dipak Kumar

krishna fast food

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Sakshi Shankhdhar

#Thinking

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White शहर में थे लाखों मगर,
हम बस उन्ही पर मर गए,
हमने छोड़ दी दुनिया उनके लिए,
और वो जनाब किसी और के हो गए।

वादा था राह ए मोहब्बत पर चलने का,
हमको बीच सफ़र में छोड़,
जनाब हमसफर किसी और के हो गए।

हमारे तो ख्वाबों में वो बसते है,
जब खोली आंखे एक सुबह,
जनाब हकीकत में किसी और के हो गए।

अजनबी सा रिश्ता था, मिले भी थे अजनबी राहों में,
मोहब्बत का सिलसिला चोरी से शुरू हुआ,
जनाब सरेआम किसी और के हो गए।

उनकी यादों में इतना जले रात दिन,
जैसे जलता है परवाना शमा के लिए,
जनाब यूं होके बेखबर किसी और के हो गए।

©Sakshi Shankhdhar #Thinking
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