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Pinki Rajput
अक्स आंसुओं का छुपाकर सुरमा लगाती है कई गहरे दर्द दिल में रखकर चेहरे पर शिकन तक नहीं लाती और मुस्कुराती रहती है ये हुनर हर किसी में कहां जनाब ,बस एक औरत ही कर पाती है! अज्ञात..✍️ ©Pinki Rajput #Women
Akash Rajbhar
Unsplash Our Earth, a jewel in the sky, A home for us, where we live and sigh. With oceans blue and mountains high, It's a beauty that catches the eye. The trees sway gently in the breeze, The flowers bloom with vibrant ease. The creatures roam, wild and free, A testament to nature's glee. ©Akash Rajbhar #leafbook about earth poetry lovers poetry for kids
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read moreBINOदिनी
कुछ पाना नहीं था, खोने का गम नहीं था। ख़्वाहिश बड़ी या चाहत, कुछ मतलब जानना, हमें गवारा न था।। न मिला कुछ, न कुछ खोये हैं, बस लंबी है राह, मुस्कुराते हुए बस इसमें चलना है।। ©BINOदिनी #Women
vibha $ingh
रूठ कर हम उन्हें भूल जाने लगे पर वो हमें और भी याद आने लगे,,, हमने उन से कही अपनी मजबूरियां लेकिन उनको ये सारे बहाने लगे,,, उनसे एक पल में कैसे बिछड़ जाए हम जिनसे मिलने में न जाने कितने ज़माने लगे,, उनके क़दमों में गिर कर मर जाए हम काश इसी तरह अपनी मिट्टी में ठिकाने लगे...v$ ©vibha $ingh #Women hindi poetry on life Extraterrestrial life love poetry in hindi love poetry for her poetry..#v$
Anamika Tyagi
White सलाम हैं उसे जो कुछ भी नहीं इंदिरा गांधी कुछ भी नहीं क्यों क्यों क्योंकि वो एक महिला हैं एतराम हैं उसका जो कुछ भी नहीं कल्पना चावला कुछ भी नहीं क्यों क्यों क्योंकि वो एक महिला हैं मेहरबान हैं कायनात उस पर जो कुछ भी नहीं सावित्री बाई फूले कुछ भी नहीं क्यों क्यों क्योंकि वो एक महिला हैं कदरदान हैं पुरूष उस पर जो कुछ भी नहीं मां दुर्गा कुछ भी नहीं क्यों क्यों क्योंकि वो एक महिला हैं ©Anamika Tyagi #Women
Anamika Tyagi
White ना तुम्हारा कोई न तुम किसकी पर शेर की तरह आती हों पर शमशेर की तरह दहाड़ती हों वाह क्या गीत गाती हों यू ही मन ही मन गुनगुनाती हों ©Anamika Tyagi #Women
Anamika Tyagi
White जब तुम्हे कोई ज़िंदा देखना भी नहीं चाहता बस काम निकलना चाहिए बस घर का काम होना चाहिए बस शादी करके बोझ निपटना चाहिए फिर क्यों फिर क्यों तुम्हें तो किसी ने चाहा भी नहीं तुम अनचाही वस्तु हो जी हां अजी हां वस्तु इंसान भी नहीं फिर क्यों फिर क्यों बात बात पर राग अलापति हो बात बात पर मेरा मेरा करती हो तुम ये जान लो तुम ये मान लो तुम्हारा कोई नहीं ©Anamika Tyagi #women
PoetryandParadise
Let me be known as the one who roams, Dancing to the beat of my soul alone. A fire within, untamed and free, Chasing no shadows, just wild destiny. I break the mold, defy their gaze, Living my truth through uncharted ways. No chains to bind, no walls to keep, I sail the skies where the fearless leap. So call me what you will, but see, I am the girl who dares to be me. In a world that bends to fit the mold, I write my story, bold and untold. ©Priyanka #Women poetry poetry in english poetry on love love poetry in english poetry lovers
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