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Shashi Bhushan Mishra
सही-सही दो टूक कहा, दर्दे दिल को हूक कहा, जली दूध से जुबां हमारी, पियो छाछ भी फूंक कहा, ज़ुल्म देखकर भी चुप बैठे, अभिभावक को मूक कहा, कोयल की मीठी बोली पर, पीड़ा को भी कूक कहा, सीख नहीं पाए अतीत से, ग़लती को भी चूक कहा, इन्सां की बदहाली देखी, बक्से को संदूक कहा, 'गुंजन' हुई मुहब्बत अंधी, गदहे को माशूक़ कहा, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #सही-सही दो टूक कहा#
#सही-सही दो टूक कहा#
read moreडॉ.अजय कुमार मिश्र
Unsplash किताबें बोलती नहीं लेकिन राज सबकी खोलती हैं, आँखें दिमाग में होती नहीं लेकिन देखती सबको हैं। नसीहत मिले या न मिले राजदार सबके होते हैं, दुनियां दिखे या न दिखे दुनियां देखती सबको है। मुकाम मिले या न मिले मुकाम की तलाश सबको होती है, समय को हम खोजें या ना खोजें समय खोजती सबको है। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र समय
समय
read moreParasram Arora
White मेरे निराश्रित सुख चुके खेतो मे आज अचानक एक काला मेघ घुस आया है लगता है अब मेरे अभिशप्त बीजो का भाग्य बदलेगा क्योंकि अब उन्नके खिलने के लिए अब अनुकूल समय आया है ©Parasram Arora anukuul👌 समय समय
anukuul👌 समय समय
read moreneelu
White लिखने का समय अलग होता है पढ़ने का समय अलग होता है और समझने का समय और भी अलग होता हैi लिखते रहिए पता नहीं ...किसको क्या पढ़ना है कहते रहिए पता नहीं.. किसको क्या सुनना है ©neelu #sad_quotes #लिखने का समय अलग होता है पढ़ने का समय अलग होता है और समझने का समय और भी अलग होता हैi लिखते रहिए पता नहीं ...किसको क्या पढ़न
#sad_quotes #लिखने का समय अलग होता है पढ़ने का समय अलग होता है और समझने का समय और भी अलग होता हैi लिखते रहिए पता नहीं ...किसको क्या पढ़न
read moreनवनीत ठाकुर
White कभी करीब आ, परख तो सही, जो दिखे बुरा, वो हर बार नहीं। हमारे फन में है खुदा का नूर, बस देखने का तेरा अंदाज़ सही नहीं। ©नवनीत ठाकुर कभी करीब आ, परख तो सही, जो दिखे बुरा, वो हर बार नहीं। हमारे फन में है खुदा का नूर, बस देखने का तेरा अंदाज़ सही नहीं।
कभी करीब आ, परख तो सही, जो दिखे बुरा, वो हर बार नहीं। हमारे फन में है खुदा का नूर, बस देखने का तेरा अंदाज़ सही नहीं।
read moreSunil Kumar Maurya Bekhud
कभी गाड़ी पर नाव कभी नाव पर गाड़ी वक्त बदलते ही राजा बनता कोई कबाड़ी समय बहुत बलवान है सबको नाच नचाए सारी दुनिया को अपने कदमों तले झुकाए बाजी पल में पलट दे हारा बने विजेता खुशी बाँटता कभी यह कभी छीन है लेता बेखुद कहता है खुद पर करिए नहीं घमंड वर्ना आज नहीं तो कल मिलेगा इसका दंड (समय) ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #समय
harshit tyagi
White जहां अपनों के सामने सच्चाई साबित करने की ज़रूरत पड़े, वहाँ बुरा बन जाना ही बेहतर होता है । ©harshit tyagi आज के समय में कोई किसी का नहीं होता ।
आज के समय में कोई किसी का नहीं होता ।
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